Tuesday, March 28, 2023

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उत्तराखंड क्यों दलितों के लिये सबसे खतरनाक जगह है?

कई बार कह चुका हूँ कि उत्तराखंड दलितों के लिये सबसे खतरनाक जगह बन गयी है, क्योंकि यहाँ दलित उत्पीड़न एक सामाजिक सांस्कृतिक ताने बाने (फेब्रिक) की स्वाभाविक पैदाइश और आवृत्ति तो है ही साथ ही सरकारें खुले तौर...

उच्च शिक्षण संस्थाओं में हो रही है सामाजिक न्याय की हत्या

आजादी के साथ ही भारतीय संविधान के बनाने की प्रक्रिया के दौरान ही हमारे पुरखों ने इस बात का हमेशा ख्याल रखा और उम्मीद जताई थी। इस गैर बराबरी, भेदभाव और सामंती मूल्यों पर निर्मित भारतीय समाज को न्यायप्रिय,...

ट्विटर पर ट्रेंड किया बैंक कर्मियों का ‘बैंक बचाओ, देश बचाओ’ अभियान

किसानों के बाद अब बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों की जीत से उत्साहित बैंक कर्मियों को भी लग रहा है कि अगर वह सरकार के खिलाफ गोलबंदी में उतरते हैं तो उनको भी सफलता...

अकादमिक संस्थान, जिसमें बसती है मनुस्मृति की जेहनियत!

भारत विविधता व विषमता के लिहाज़ से दुनिया का सबसे अनूठा देश है। भारत का संविधान लागू होने के बाद इसे एक आधुनिक राष्ट्र बनना था। राष्ट्र निर्माण की इस परियोजना की अगुवाई प्राथमिकता के लिहाज़ से अकादमिक संस्थानों...

हिंसा व यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं ने की आवाज बुलंद

घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत बुधवार को लुंडी गाँव में महिलाओं ने कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।  झारखंड के लातेहार जिले के लुंडी गांव में 8 दिसंबर को घरेलू...

मुझ पर 12 बार जानलेवा हमले हुए, पर किसी हमलावर को जेल नहीं काटनी पड़ी: डॉ सुनीलम

देशभर में सत्तारूढ़ दल का विरोध कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं अर्थात सार्वजनिक जीवन में सक्रिय व्यक्तियों पर आए दिन हमलों की घटनाएं अखबारों में प्रकाशित होती रहती हैं। हमलावरों को सजाएं मिलने की...

देश में मैला ढोने वाले 58,098 लोगों में 97% दलित

आरजेडी सांसद मनोज झा ने संसद में सामाजिक न्याय मंत्रालय से पूछा कि सिर पर मैला ढोने के काम में शामिल व्यक्तियों की जाति-आधारित अलग-अलग संख्या क्या है, उन्हें आर्थिक प्रणाली में शामिल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं...

आत्महत्याओं के रूप में फूट पड़ा है पहाड़ों का दर्द

“आत्महत्या एक घृणित अपराध है, यह पूर्णतः कायरता का कार्य है। क्रान्तिकारी का तो कहना ही क्या, कोई भी मनुष्य ऐसे कार्य को उचित नहीं ठहरा सकता। …. आत्महत्या करना, केवल कुछ दुखों से बचने के लिए अपने जीवन...

पुण्यतिथि पर विशेष: एक सच्चे अम्बेडकरवादी थे भगवान दास

                   भगवान दास का जन्म 23 अप्रैल, 1927 को जुतोग छावनी, शिमला (हिमाचल प्रदेश) में रहने वाले एक अछूत परिवार में हुआ था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल इंडियन एयर फोर्स में सेवा की और विमुद्रीकरण के...

गोवर्धन पूजा: निरंकुश सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह का पर्व

गोवर्धन पूजा यानी उत्तर भारत में पशुपालकों का बड़ा पर्व। यह पर्व भारतीय संस्कृति में स्थापित मान्यताओं के प्रति उस पहले विद्रोह का प्रतीक भी है, जो द्वापर युग में देवराज इंद्र की निरंकुश सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ कृष्ण के...

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पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों का कोल्हान आदिवासियों के खिलाफ बर्बर युद्ध अभियान

रांची। झारखंड का कोल्हान वन क्षेत्र में इन दिनों युद्ध सा माहौल बना हुआ है। खासकर 1 दिसम्बर 2022...