Saturday, April 20, 2024

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मुझ पर 12 बार जानलेवा हमले हुए, पर किसी हमलावर को जेल नहीं काटनी पड़ी: डॉ सुनीलम

देशभर में सत्तारूढ़ दल का विरोध कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं अर्थात सार्वजनिक जीवन में सक्रिय व्यक्तियों पर आए दिन हमलों की घटनाएं अखबारों में प्रकाशित होती रहती हैं। हमलावरों को सजाएं मिलने की...

देश में मैला ढोने वाले 58,098 लोगों में 97% दलित

आरजेडी सांसद मनोज झा ने संसद में सामाजिक न्याय मंत्रालय से पूछा कि सिर पर मैला ढोने के काम में शामिल व्यक्तियों की जाति-आधारित अलग-अलग संख्या क्या है, उन्हें आर्थिक प्रणाली में शामिल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं...

आत्महत्याओं के रूप में फूट पड़ा है पहाड़ों का दर्द

“आत्महत्या एक घृणित अपराध है, यह पूर्णतः कायरता का कार्य है। क्रान्तिकारी का तो कहना ही क्या, कोई भी मनुष्य ऐसे कार्य को उचित नहीं ठहरा सकता। …. आत्महत्या करना, केवल कुछ दुखों से बचने के लिए अपने जीवन...

पुण्यतिथि पर विशेष: एक सच्चे अम्बेडकरवादी थे भगवान दास

                   भगवान दास का जन्म 23 अप्रैल, 1927 को जुतोग छावनी, शिमला (हिमाचल प्रदेश) में रहने वाले एक अछूत परिवार में हुआ था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल इंडियन एयर फोर्स में सेवा की और विमुद्रीकरण के...

गोवर्धन पूजा: निरंकुश सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह का पर्व

गोवर्धन पूजा यानी उत्तर भारत में पशुपालकों का बड़ा पर्व। यह पर्व भारतीय संस्कृति में स्थापित मान्यताओं के प्रति उस पहले विद्रोह का प्रतीक भी है, जो द्वापर युग में देवराज इंद्र की निरंकुश सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ कृष्ण के...

पटना: सरपंच बिंदु देवी के खिलाफ पुलिस उत्पीड़न की कार्रवाई को लेकर सामाजिक संगठनों में रोष

पटना। बिहार की प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता व सरपंच बिंदु देवी की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एनएपीएम समेत कई सामाजिक संगठनों ने पुलिस उत्पीड़न की इस घटना पर आक्रोश जताया है। इनका आरोप है कि सत्ता...

जींद में दलितों का बहिष्कार नहीं, लोकतंत्र का क़त्ल हो रहा है: फैक्ट फाइंडिंग टीम

(दिल्ली की केंद्रीय सत्ता की नाक के नीचे समाज के सबसे उत्पीड़ित और वंचित तबके का महीनों से सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार चल रहा है लेकिन न तो सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं को उसकी फिक्र है और...

सावरकर के राष्ट्रवाद को अम्बेडकर ने भारत के लिए ख़तरनाक क्यों कहा था?

देश के मौजूदा सत्ताधारी जब कभी मौका पाते हैं, स्वतंत्रता आंदोलन के खास कालखंड के एक विवादास्पद चरित्र-विनायक दामोदर सावरकर के महिमा-मंडन के लिए कोई न कोई नयी कथा रचते नजर आते हैं। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के...

106 जजों और 9 मुख्य न्यायाधीशों के नाम भेजे गए हैं आशा है सरकार उन्हें जल्द पास करेगी: चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि समानता की संवैधानिक गारंटी की सुरक्षा के लिए सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक है। यह निर्विवाद सत्य है कि केवल समावेश ही एक जीवंत लोकतंत्र सुनिश्चित कर...

राजनीतिक विराटता के साथ अद्भुत थी गांधी जी की सामाजिक व्यापकता

बीसवीं सदी के इतिहास पर जब भी चर्चा छिड़ेगी, महात्मा गांधी की स्थिति उस कालखंड की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत के रूप में मानी जायेगी। उनका योगदान भारत के स्वाधीनता संग्राम में तो है ही, पर उनका सबसे बड़ा योगदान...

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मोदी काल में आम लोगों का जीवन न्यूनतम स्तर पर

रांची, झारखंंड। लोकतंत्र बचाओ 2024 द्वारा 20 अप्रैल को प्रेस क्लब रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अर्थशास्त्री...