(साहिर, 8 मार्च 1921- 28 अक्तूबर 1980; जन्म-शती साल)
साहिर लुधियानवी की बेशुमार लोकप्रियता से रश्क और रंजिश रखने वाली अदीबों की दुनिया में एक बहस उछाली जाती रही है कि साहिर रोमेंटिक शाइर हैं या पॉलिटिकल। यह भी...
हिंदी फिल्मी दुनिया के एक सदी से ज्यादा के इतिहास में कई गीतकार और संगीतकारों ने अपने गीत-संगीत से फिल्मों के आंगन को गुल-ओ-गुलज़ार किया है। इस लंबे सफर में बहुत से गीतकार ऐसे रहे, जिन्होंने तुलनात्मक तौर पर बेहद...
‘‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा, कि मुहब्बतों का हूं राज़दां/मुझे फ़क्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं’’ शायर शकील बदायूंनी की गजल का यह शानदार शेर वाकई उनकी पूरी जिंदगी और फलसफे की तर्जुमानी करता है।...