क्या मोदी सरकार देश भर में भूखे पेट खाली जेब आंखों में घर जाने की आस लिए मजदूरों से इतिहास का सबसे भद्दा खेल कर रही है? पिछले दिनों जब सोनिया गांधी ने यह कहा कि कांग्रेस पार्टी मजदूरों...
इस सदी में तीसरी बार बाजार ने घुटने टेके हैं और सरकारों की वापसी हुई है। पहली बार सरकारों की वापसी तब हुई थी जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर आतंकी हमला हुआ था।...
नई दिल्ली। एनडीटीवी के प्रणय रॉय के साथ 1 घंटे से अधिक समय की बातचीत में भारत के विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों एवं नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, अमर्त्य सेन, पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और कौशिक बसु आदि ने...
आज हम मानव सभ्यता के जिस दौर में रह रहे हैं वहां जीवन का कोई भी पहलू ऐसा नहीं है,जिसमें कानून शामिल न हो। एक अंग्रेजी कहावत है : "लॉ इज एव्रीव्हेयर फ्रॉम क्रैडल टू ग्रेव" अर्थात कानून मानव...
अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए हम यहां एक किंचित भिन्न प्रकार के तात्विक क्षेत्र में प्रवेश का प्रस्ताव करना...
भारत में सांप्रदायिकता के सैकड़ों नाले और परनाले बह रहे हैं। उन्हीं नालों में से एक की पैदाइश वारिस पठान नाम का एक कीड़ा है। भारतीय राज्य और सीधे तौर पर कहें तो बीजेपी और संघ के संरक्षण में...
राजकिशोर की तरह के एक स्वातन्त्र्य चेता और पत्रकारिता के जगत में अपने एक
अलग ही छंद के रचयिता पत्रकार की स्मृति में इस व्याख्यानमाला के लिये आयोजकों को
आंतरिक धन्यवाद ।
आइये, हम सबसे पहले इस
बुनियादी सवाल से ही अपनी बात...
आज से हम एक धार्मिक राज्य जिसे अंग्रेजी में थियोक्रेटिक स्टेट कहा जाता है, के नागरिक हैं। नागरिकता विधेयक पास हो जाने के साथ ही भारतीय गणराज्य के अंत की शुरुआत हो गयी है। इससे भारतीय गणतंत्र की न...
“किसी संस्था की जगह एक व्यक्ति का मनोविज्ञान ही
आतंकवाद की उत्पत्ति का स्रोत होता है। अगर सबसे पहले किसी व्यक्ति द्वारा किसी
दूसरे व्यक्ति को वैचारिक और वित्तीय सहायता मुहैया कराने के जरिये आतंकवाद की तरफ
आकर्षित होने से उसे रोक...