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अजीबोगरीब होने के बावजूद ऐतिहासिक हो सकता है यह फैसला
अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने वही फैसला दिया है जो पहले से अपेक्षित था। पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राम मंदिर [more…]
विसंगितयों से भरा पड़ा है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: माले
नई दिल्ली। सीपीआई (एमएल) की प्रतिक्रिया: यह महत्वपूर्ण है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला किसी भी तरह से 6 दिसम्बर [more…]
देश के आईने पर बाबरी मस्जिद की लकीर!
अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की भनक उसी समय लग गयी थी जब संघ ने चोला बदलकर लोगों से शांति और सद्भाव [more…]
अयोध्या पर आज फैसला: तय होगा कि संविधान और कानून का शासन सर्वोपरि है या आस्था?
अयोध्या भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ आज अपना फैसला सुबह 10.30 बजे सुनाएगी। पांच जजों की संविधान पीठ में चीफ जस्टिस रंजन [more…]
फडनवीस की मुश्किलें बढ़ीं, एक और मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के फिर से मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। 2014 के नामांकन पत्र [more…]
नियुक्तियों के माध्यम से न्यायिक स्वतंत्रता को रौंद रही है सरकार: जस्टिस मदन बी लोकुर
क्या उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को असंवैधानिक घोषित किये जाने के बावजूद आज भी उसका अघोषित अस्तित्व बना हुआ है और [more…]
सुप्रीम कोर्ट में भूमि अधिग्रहण मामला: ईमानदार दिखना भी चाहिए योर ऑनर!
एक और सामजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के मामले में एक के बाद एक 5 जज ने बिना कारण बताये अपने को सुनवाई से अलग कर [more…]
हितों के टकराव के मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शाही, जस्टिस राकेश कुमार का तबादला
हितों का टकराव पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही और उनके बाद सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस राकेश कुमार को बहुत भारी पड़ा है। उच्चतम न्यायालय [more…]
आरे के सारे पेड़ों के धराशाई होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लगाई उनके कटने पर रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आरे फारेस्ट के पेड़ों की कटाई को तत्काल रोकने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को [more…]
कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए मजबूत, निडर और स्वतंत्र न्यायपालिका जरूरी
हाल के दिनों में न्यायपालिका से जिस तरह के निर्णय आये हैं और न्यायपालिका संविधान और कानून के शासन की अवधारणा को किनारे करके सत्ता [more…]