Sunday, June 4, 2023

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झारखंड के लातेहार में बढ़ते पुलिस दमन और विस्थापन के खिलाफ ग्रामीण हुए गोलबंद

रांची। झारखंड के लातेहार जिला मुख्यालय के उदयपुरा विद्यालय प्रांगण में ग्रामीणों की एक बैठक में जिले के आदिवासी क्षेत्रों की 3 अहम जन मुद्दों पर चर्चा की गई। पहला ग्रामीण क्षेत्रों में जवाहरलाल नेहरू के पंचशील सिद्धांत के...

ग्राउंड रिपोर्ट: कैमूर के आदिवासियों ने भरी हुंकार, कहा- बाघ अभ्यारण्य नहीं बनने देंगे

कैमूर। ‘‘जल-जंगल-जमीन हम आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा है, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ’‘ ये धरती सारी हमारी है, जंगल-पहाड़ हमारे हैं’’, ‘‘ लोकसभा न विधानसभा, सबसे ऊपर ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य को हटाना है, जल-जंगल-जमीन...

छत्तीसगढ़: बीजापुर में पादरी यालम शंकर की निर्मम हत्या से उठे कई सवाल

रायपुर। विगत 17 मार्च को छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिले बीजापुर के मद्देड़ थाना क्षेत्र के अंगमपल्ली गांव के रहने वाले यालम शंकर की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी। 50 वर्ष के शंकर पूर्व में गांव के मुखिया...

मिर्जापुर ग्राउंड जीरो: चुआड़, नाला और हैंडपंप के जहरीले पानी के भरोसे है यहां आदिवासियों की ज़िंदगी

अहरौरा, मिर्जापुर। गत 6 मार्च, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के आखिरी चरण के मतदान से ठीक पहले का दिन। शाम के करीब पौने छह बज रहे थे। दिन ढल रहा था। सूर्य की किरणें लालिमा बिखेर रही थीं। मैं...

बीजापुर स्पेशल: आदिवासियों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर पुलिस का हमला, जलाए कैंप

बीजापुर। जल-जंगल-जमीन बचाने की जो लड़ाई बस्तर के बीजापुर जिले के सिलगेर ग्राम से शुरू हुई थी अब उसकी चिंगारी पूरे बस्तर संभाग के सभी जिलों में फैल चुकी है। बुरजी, पूसनार, गंगालूर, गोमपाड़, बेचापाल, बेचाघाट, छोटे डोंगर, एमपुरम आदि...

छत्तीसगढ़: राज्यपाल से मिलने जा रहे आदिवासी प्रतिनिधिमंडल की गिरफ्तारी की चौतरफा निंदा

बस्तर संभाग के सुकमा बीजापुर जिला के आदिवासी मूलनिवासी बचाव मंच के नेतृत्व में जल-जंगल-जमीन पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ पेयजल जैसे बुनियादी सुविधाओं की मांगों और फर्जी मुठभेड़ के जरिये आदिवासियों की पुलिस दमन को रोकने, जबरिया...

झारखंड में बिरसा मुंडा स्मारक बना सरकारों की उपेक्षा का शिकार

जलियांवाला बाग (13 अप्रैल 1919 ) से पहले का जलियांवाला बाग, यानी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता का पहला गवाह बना था, झारखंड के खूंटी जिला अंतर्गत मुरहू प्रखंड का डोंबारी बुरू, जहां आज से ठीक 118 साल पहले 9 जनवरी 1900 को ब्रिटिश सेना-पुलिस...

आदिवासी सरकार में भी क्यों हो रहे हैं आदिवासी पुलिसिया उत्पीड़न के शिकार?

झारखंड अलग राज्य गठन के 21 साल हो गए, एक रघुवर दास को छोड़कर राज्य के सभी मुखिया आदिवासी हुए हैं बावजूद इसके राज्य में आदिवासियों पर पुलिसिया उत्पीड़न की घटनाएं लगातार घटती रही हैं।  हाल ही में बोकारो जिले...

हेमंत सरकार बनाएगी खरसावां शहीद स्थल को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां शहीद स्थल को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। इसकी घोषणा 1 जनवरी को खरसावां शहीद स्थल पर खरसावां के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते...

आज पहली जनवरी को झारखंड के आदिवासी क्यों मना रहे हैं काला दिवस?

आजादी के मात्र साढ़े चार महीने बाद ही पहली जनवरी 1948 में खरसावां हाट बाजारटांड़ में पुलिस फायरिंग में हजारों लोग मारे गए थे। जिसे आजाद भारत का जालियांवाला बाग हत्याकांड की संज्ञा दी गई है। कितने लोग उस...

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