सीपीआई माओवादी के महासचिव वासवराज की हत्या भारतीय राज्य पर एक बड़ा सवाल!

हरी सैन्य वर्दी में जमीन पर सूखे पत्तों के बीच मृत एक बुजुर्ग, जिनकी खुली आँखें जंगल को अब भी…

विपक्ष क्यों नहीं पूछ रहा सरकार से तीखे सवाल?

(वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट राजू पारूलेकर ने संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर उनसे कई…

युद्धोन्माद के बहाने जन पत्रकारिता पर हमला

भारत में आतंकवाद खत्म करने के नाम पर मोदी सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। दो महिला सैन्य अधिकारियों से…

युद्ध और आतंकवाद: हथियारों का कारोबार

युद्ध आमतौर पर दो या अधिक देशों के बीच लड़ा जाता है। इसके कुछ नियम और कानून होते हैं, जैसे…

युद्ध और अन्य आपदाओं का जेंडर समानता और स्वास्थ्य अधिकारों पर कहर

महिलाओं के लिए पहले से ही अनेक असमानताएँ मौजूद हैं, जिन्हें युद्ध और मानवीय संकट और भी बढ़ा देते हैं।…

सरहद की माटी में दफ़्न वो सवाल जो अब उभरने लगे हैं

हिंदुस्तान एक पुर-सुकून मुल्क है-मगर ख़ामोश नहीं। इसकी रगों में ठहराव है, मगर बेहोशी नहीं। इसकी सरज़मीं पर अमन की…

युद्ध शुरू हुआ नहीं अभी, लेकिन सरहद के आस-पास की जिंदगी पर पड़ने लगी है आंच 

तकनीकी तौर पर भारत-पाक जंग की अभी भी शुरुआत नहीं हुई है। चार दिन पहले जब भारतीय सेना ने पीओके…

झूठ,अफ़वाह, सनसनी और अतिराष्ट्रवाद के तूफ़ानों के बीच दम तोड़ती सच्ची ख़बर 

एक ही साल एक दिन के अंतर पर मिलने वाली आज़ादियों के बाद दोनों देशों के बीच की तनातनी गाहे…

जंग जश्न नहीं, जनाब- टीआरपी के बाजार में बिकता हुआ मातम है!

जंग कोई तमाशा नहीं होती, जिसे एंकरों की जुबान से शाम के शो की तरह पेश किया जाए। ये कोई…

हिफ़ाज़त का रंग न मज़हब देखता है, न जात – ऑपरेशन सिंदूर की गवाही

कुछ लम्हे अल्फ़ाज़ नहीं मांगते, वो ख़ुद तहरीर बन जाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर भी ऐसा ही एक लम्हा था- जब…