भाजपा आज अपनी ताकत से नहीं, विपक्ष की कमजोरी से सत्तासीन है
‘इधर दुधारू गाय अड़ी थी, उधर सरकसी बक्कर था’- यह हिंदी कवि नागार्जुन की एक काव्य-पंक्ति है। जयप्रकाशजी के सम्पूर्ण क्रांति से मोहभंग के बाद [more…]
‘इधर दुधारू गाय अड़ी थी, उधर सरकसी बक्कर था’- यह हिंदी कवि नागार्जुन की एक काव्य-पंक्ति है। जयप्रकाशजी के सम्पूर्ण क्रांति से मोहभंग के बाद [more…]