नई दिल्ली। ‘द हिंदू’ में वरिष्ठ सहायक संपादक के रूप में काम कर रहे हैं महेश लांगा पर गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (GMB) के गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे को लेकर मामला दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद ‘द हिंदू’ के संपादक सुरेश नमबथ ने गुजरात पुलिस से इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को हटाने की अपील की है। यह लांगा के खिलाफ दूसरा मामला है, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में एक कथित वस्तु एवं सेवा कर (GST) धोखाधड़ी की चल रही जांच के बीच गिरफ्तार किया गया था।
नया एफआईआर जीएमबी की शिकायत पर दर्ज की गई है, जबकि पहली एफआईआर वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) की शिकायत पर आधारित है।
एक्स पर एक साथ की गयी कई पोस्ट में, नमबथ ने कहा कि हम फिर से कहना चाहेंगे कि पत्रकारों को अपने काम के दौरान दस्तावेजों को प्रोसेस करने की आवश्यकता होती है, जिसमें गोपनीय प्रकृति के दस्तावेज भी शामिल होते हैं। वे आधिकारिक या गोपनीय दस्तावेजों की जांच करने में व्यापक जनहित द्वारा निर्देशित होते हैं…..ऐसे दस्तावेजों के कब्जे के लिए उनके खिलाफ आरोप दर्ज करना उनके पत्रकारिता कार्य और उनके मौलिक अधिकारों को कमजोर करने और जनहित को प्रभावित करने के समान है। हम गुजरात पुलिस से महेश के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कब्जे से संबंधित आरोपों को हटाने की अपील करते हैं।
आप को बता दें कि गांधीनगर के सेक्टर 7 पुलिस स्टेशन में 22 अक्टूबर को महेश लांगा के खिलाफ “गुजरात मैरीटाइम बोर्ड से संबंधित कुछ दस्तावेजों के कब्जे” को लेकर दर्ज की गई इस एफआईआर पर चिंता जताते हुए नमबथ ने बताया कि गांधीनगर के एसपी ने अगले दिन कहा था कि ऑनलाइन एफआईआर को “संवेदनशील” श्रेणी में रखे जाने के कारण इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। इस पर नमबथ ने पोस्ट में कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।
जब उनसे इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो गांधीनगर के एसपी रवि तेजा वसमसेट्टी ने कहा कि हमने स्वेच्छा से एफआईआर दर्ज नहीं की है। इसे गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (GMB) की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। दावों की जांच करना हमारा कर्तव्य है।
एसपी वसमसेट्टी ने कहा कि हमने एफआईआर अदालत में पेश कर दी है और परिवार इसे वहां से प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, हमने इस मामले में आरोपी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। यदि हम ऐसा करेंगे, तो हम उसे उसके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में सूचित करेंगे।
लांगा के खिलाफ दूसरा एफआईआर 22 अक्टूबर को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, जब वह एक अन्य कथित जीएसटी धोखाधड़ी मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
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