चर्चा में है भारत जोड़ो यात्रा का पंजाब सफर और राहुल गांधी!

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राहुल गांधी की बहुचर्चित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तय तारीख के मुताबिक 11 जनवरी को पंजाब में प्रवेश करेगी और 19 जनवरी तक उनकी काफिलानुमा यात्रा सूबे में जारी रहेगी। पंजाब से होते हुए ही भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम मुकाम जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ेगी। स्थानीय स्तर पर काम कर रहे सोशल मीडिया में यह यात्रा अभी से चर्चा का केंद्र बिंदु बन गई है। धन्ना सेठों की बदौलत मुख्यधारा का ज्यादातर मीडिया सरकार की गोद में बैठा है। पंजाब में भी हालात अलहदा नहीं हैं। लेकिन पंजाबी सोशल मीडिया का कुछ हिस्सा और दो बड़े अखबार समूह ‘अजीत’ और ‘ट्रिब्यून’ इस यात्रा से पहले के हालात और नए समीकरणों की निष्पक्ष चर्चा कर रहे हैं। वैसे भी भारत जोड़ो यात्रा की कई लिहाज से संवेदनशीलता शेष देश से थोड़ी अलग है। अलबत्ता अलग-अलग कर दिए गए जम्मू और कश्मीर में हालात काफी हद तक पंजाब सरीखे हैं।

राहुल जब पंजाब आएंगे तब राज्य में लोहड़ी और माघी के त्योहार मनाए जाएंगे और संभवतः वह इनमें शिरकत भी करें। पंजाब प्रवेश के प्रथम दिन वह ऐतिहासिक श्री फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा में नतमस्तक होंगे और उनके तमाम सहयात्री गुरुद्वारा साहिब में ही लंगर (खाना) ग्रहण करेंगे। यानी यात्रा की विधिवत शुरुआत श्री फतेहगढ़ साहिब से होगी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी 11 जनवरी से 19 जनवरी तक पंजाब में 12 के करीब रैलियों को संबोधित करेंगे और अलग-अलग जगह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।

सूबे में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है और दलबदल की जोर आजमाइश के बावजूद भाजपा सिर्फ बयानबाजी तक सीमित है तथा शिरोमणि अकाली दल भी निष्क्रिय है। अकाली दल वैसे भी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद लगातार टूटता जा रहा है। बीबी जागीर कौर और पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ कई गंभीर सवाल उठाकर पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं और अब लोगबाग उन्हीं सवालों पर शिरोमणि अकाली दल को एक तरह से अपनी जागीर समझने वाले ‘बादल घराने’ के (सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया आदि) दिग्गजों को जगह- जगह घेर रहे हैं। वहीं दलबदल तथा केंद्र से सीधा वाबस्ता कृषि मसलों पर भाजपा नेताओं की फजीहत जारी है।

राज्य भर में जारी लोक एवं किसान-धरना प्रदर्शनों में आप सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है और अब आम आदमी पार्टी का खुला समर्थन करने वाले साधारण लोग भी सरेआम यह कहते मिलते हैं कि कई कारगुजारियां साबित करने के लिए काफी हैं कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली ‘आप’ दरअसल भाजपा की बी-टीम ही है। ऐसे में कांग्रेस को वोट अथवा समर्थन न देने वालों की नजरें भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर लगी हुईं हैं। गैरकांग्रेसी दल भीतर ही भीतर अवाम के इस रूख से बेचैन हैं।

बेचैनी का एक सबब यह भी है कि राहुल गांधी प्रस्तावित पंजाब यात्रा के दौरान खासतौर से आंदोलनरत किसानों, कर्मचारियों तथा आए दिन पुलिसिया लाठी-तंत्र का शिकार होते बेरोजगार नौजवानों से खुलकर मिलेंगे। महिलाओं को भी तरजीह दी जाएगी। पंजाब के जिला फिरोजपुर के जीरा में शराब फैक्ट्री बंद करवाने को लेकर चल रहा आंदोलन दिन-प्रतिदिन विस्तृत हो रहा है।

इन पंक्तियों को लिखे जाने तक हालांकि जीरा भारत जोड़ो यात्रा के रूट का हिस्सा नहीं है लेकिन पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी व प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग गंभीर कोशिश कर रहे हैं कि राहुल गांधी अन्य जगहों पर मोर्चों पर डटे किसानों के साथ-साथ जीरा के आंदोलनकारियों से भी मिलें। औपचारिक तौर पर कोई इसकी पुष्टि नहीं कर रहा लेकिन अनौपचारिक तौर पर भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने जीरा आंदोलनकारियों से मिलने की हामी भर दी है। ऐसा होता है तो मौजूदा भगवंत मान सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी होगी। इसलिए भी कि कई महीनों से जीरा आंदोलन राज्य सरकार के गले की हड्डी बना हुआ है। यहीं से एक बड़ा किसान मोर्चा जन्म ले चुका है और राहुल गांधी की उस में शिरकत बहुत ज्यादा प्रभाव डालेगी।

पंजाब सरहदी सूबा है तथा ताजा कानून-व्यवस्था से जुड़ी कुछ घटनाओं को लेकर इन दिनों लगभग असामान्य परिस्थितियों का सामना कर रहा है। लुटेरों की टोलियां तो जगह-जगह दन दना थी फिर ही रही हैं, ‘खालिस्तानी आतंकवाद’ के नाम पर भी बहुत कुछ हो रहा है। पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के हाई सिक्योरिटी एरिया में स्थित आवासीय ठिकानों के पास बम शेल का मिलना बेहद गंभीर मामला है। जिन थानों से पुलिस लोगों की हिफाजत के लिए निकलती है, उन्हीं थानो को आतंकी निशाना बनाने की कवायद में हैं। हत्याओं का सिलसिला जारी है और पाकिस्तान भी लगातार (न्यूनतम ही सही) ड्रोन के जरिए हथियार और नशीले पदार्थ भेज रहा है। इसी मद्देनजर कांग्रेस आलकमान के वरिष्ठ नेताओं ने मांग की थी कि राहुल गांधी तथा उनकी भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत करने वाले लोगों की सुरक्षा अतिरिक्त रूप से सशक्त और सुनिश्चित की जाए।

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इस पत्रकार को बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अपने-अपने तौर पर राहुल गांधी और उनके सहयात्रियों के लिए ‘एडवाइजरी’ तैयार की है लेकिन उसे सुरक्षा के लिहाज से अभी घोषित नहीं किया गया है। यही अधिकारी बताते हैं कि केंद्रीय तथा राज्य स्तरीय खुफिया एजेंसियां भी भारत जोड़ो यात्रा के पंजाब में प्रवेश के लिए ‘गुप्त’ तौर पर तैयार हो रही हैं। इसका सीधा मतलब है, ‘जासूसी’ के लिए!

वैसे, अभी से थाह ली जा रही है कि राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा का सूबे में क्या ‘इंपैक्ट’ होगा? जाहिरन आठ माह पहले गठित हुई आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ जो धीमी हवा इन दिनों चल रही है, वह यकीनन रफ्तार पकड़ेगी। रफ्ता-रफ्ता यह साफ हो रहा है कि मान सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही। जगह-जगह हो रहे रोष प्रदर्शन और धरने इसके खुले गवाह हैं। कल तक फुसफूसाट के साथ कहां जा रहा था और अब दीवारों पर खुलेआम लिखा जा रहा है कि राज्य की सरकार भगवंत मान और उनके मंत्री नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल, दिल्ली से आए और स्थायी डेरा डालकर यहां से राज्यसभा सदस्य बन गए (अब खास से विवादास्पद हो गए) राघव चड्ढा चला रहे हैं और अफसरशाही उन्हीं के इशारों पर नाच रही है।

सरकार के भीतर की अहम जानकारियां रखने वाले बताते हैं कि अब तो विधायकों की तो क्या, कई बार मंत्रियों की सुनवाई भी नहीं होती! विधायकों की नाराजगी में इजाफा होता देख चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उपायुक्तों और जिलों की कमान संभाल रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की विशेष मीटिंग बुलाई थी और उसमें साफ निर्देश दिए थे कि विधायकों को कतई अनसुना न किया जाए। कुछ दिन तो अधिकारियों को यह ‘आदेश’ याद रहा और फिर ‘भूल’ गए। आम आदमी पार्टी के कुछ विधायक इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्हीं विधायकों की सुनवाई आला स्तर पर होती है जो राघव चड्ढा के दरबार में नियमित हाजिरी लगाते हैं। वहां तक पहुंच न रखने वाले आप के विधायक और नेता शासन-व्यवस्था के हाशिए पर हैं।

खैर, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यकीनन पंजाब की सियासत में नए समीकरण और नए हालात बनाएगी। कांग्रेस एकजुट होकर तैयारियों में जुटे हैं। विदेश गए वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को भी इस अवधि में मौजूदगी के लिए पंजाब बुलाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस का प्रमुख दलित चेहरा व पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल विदेश से भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत के लिए लौट आए हैं। बेशक सरकारी और चंद गैर सरकारी संगठन भारत जोड़ो यात्रा की राह में परोक्ष-अपरोक्ष ढंग से रोड़े अटकाने का य्तन अपने-अपने तईं करेंगे लेकिन कांग्रेस और गैर कांग्रेसी राहुल गांधी समर्थकों (जो पंजाब में बड़ी तादाद में हैं) की तैयारियां भी कम नहीं हैं। कांग्रेस इसके लिए अपने वॉलिंटियर और तंत्र यात्रा के कदम-कदम पर तैयार रखेगी। प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग इसकी पुष्टि करते हैं। तो सब सियासी दलों और लोगों के लिए राहुल गांधी तथा उनकी अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के अलग-अलग मायने हैं।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक की रिपोर्ट)

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