गुजरात बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का गृह राज्य है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गढ़ में भी हिन्दू-मुस्लिम ही किया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि “कांग्रेस और उसके चट्टे-बट्टे देश को इस बात की लिखित गारंटी दे कि वह संविधान बदलकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगे। एससी-एसटी, ओबीसी का आरक्षण नहीं छीनेगी। शहजादे में हिम्मत है तो मेरी चुनौती स्वीकार करे।”
मोदी गुजरात के आनंद में जनसभा को संबोधित करते हुए उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात कर रहे थे। गुजरात का क्षत्रिय समाज पिछले एक महीने से भाजपा के खिलाफ आंदोलित है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता केन्द्रीय मंत्री और राजकोट से बीजेपी उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा क्षत्रिय समाज की महिलाओं पर दिए गए आपत्तिजनक बयान से पूरा समाज आहत है। क्षत्रिय समाज ने बीजेपी से रुपाला का टिकट काटने और माफ़ी मांगने की मांग की थी। लेकिन बीजेपी ने क्षत्रिय समाज को बहुत हलके में लिया जो अब भारी पड़ता दिख रहा है। गुजरात की 26 लोक सभा सीटों में से आधा दर्जन सीटों पर क्षत्रिय समाज का दबदबा है। इनमें आनंद, खेड़ा, बनासकांठा, सुरेन्द्र नगर, जामनगर इत्यादि लोकसभा सीटें हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाएं उन्हीं सीटों पर आयोजित की गई हैं जो क्षत्रिय आन्दोलन से प्रभावित हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव में सभी 26 लोकसभा सीट जीतने वाली बीजेपी इस बार 6 से 8 सीटें हार सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे भी गुजरात दौरे पर हैं। अहमदाबाद में खड्गे ने प्रेस वार्ता कर मीडिया को बताया “मोदी की गारंटी- मोदी की गारंटी बोलकर ये लोग कुछ नहीं देते हैं। जब हम सत्ता में थे तो बिना गारंटी के खाद्य सुरक्षा कानून दिया , राइट टू वर्क (MNREGA) दिया, RTI और RTE दिया ये लोग 10 साल से शासन में हैं। महंगाई, बेरोज़गारी पर बात नहीं करते जो सैंक्शन जॉब है उसकी भी भर्ती नहीं करते हैं। जब इनसे जनता के मुद्दों की बात करो तो कहते हैं कि कांग्रेस सरकार में आएगी तो हिन्दुओं के मंगलसूत्र छीन कर मुसलामानों को दे देगी। कैसी मूर्खतापूर्ण बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री कल यहीं गुजरात की एक रैली में बोल रहे थे कि हिंदुओं के पास दो भैंस होगी तो कांग्रेस एक भैंस छीन कर मुस्लिमों को दे देगी। झूठ की भी कोई सीमा होती है। अपने मेनिफेस्टो पर बात नहीं करते हैं दूसरों के मेनिफेस्टो पर जनता से झूठ बोलकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं।”
खड़गे ने रेवन्ना और रुपाला के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री घेरा। खड्गे ने कहा “रुपाला ने महिलाओं पर जो विवादित टिप्पणी की है मैं वह बात अपने मुंह से बोल भी नहीं सकता। प्रधानमंत्री रुपाला और रेवन्ना के लिए वोट मांग रहे हैं।”
गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने मोदी के उस बयान का जवाब दिया जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कांग्रेस आएगी तो संविधान बदल कर SC, ST, OBC का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को दे देगी। गोहिल ने कहा कि “ प्रधानमंत्री कहते हैं। कांग्रेस आएगी तो संविधान बदल देगी यह बात तो ऐसे है जैसे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।”
खड़गे ने कहा “संविधान बदलने की बात तो बीजेपी सांसद और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत करते आये हैं। ये लोग कौन हैं।”
वह लोकसभा सीटें जो बीजेपी हार सकती है:
आनंद लोकसभा: मध्य गुजरात की आनंद लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विधानसभा में कांग्रेस नेता और आंकलाव से विधायक अमित चावड़ा को उम्मीदवार बनाया है। 2019 में कांग्रेस के भरत सिंह सोलंकी को 435379 वोट मिले थे जबकि विजेता होने वाले मितेश पटेल को 490829 वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी उम्मीदवार की जीत का अंतर कम था।
परंपरागत तौर पर आनंद सीट पर सोलंकी परिवार का दबदबा रहा है। भरत सोलंकी 2009 और 2004 में आनंद सीट से सांसद रहे हैं। इनके पिता माधव सिंह सोलंकी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस सीट पर 58% मतदाता क्षत्रिय समाज के हैं। इस सीट से बीजेपी ने पाटीदार समाज के मितेश पटेल को उम्मीदवार बनाया है।
क्षत्रिय और मुस्लिम वोट एक साथ कांग्रेस उम्मीदवार अमित चावड़ा को मिलते हैं तो बीजेपी यह सीट हार जाएगी। अमित चावड़ा क्षत्रिय हैं। इसीलिए करनी सेना के नेता महिपाल सिंह मकराना ने क्षत्रिय समाज से अपील की है कि बीजेपी को पूरे राज्य में हराओ और आनंद में अमित चावड़ा को विजयी बनाना ज़रूरी है क्योंकि इस सीट से अपना क्षत्रिय भाई उम्मीदवार है। आनंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के बाद क्षत्रियों का गुस्सा और बढ़ गया क्योंकि मोदी ने रुपाला मुद्दे पर चुप्पी बनाई रखी।
क्षत्रिय समाज से आने वाले बीजेपी नेता और आनंद की उमरेठ नगरपालिका के पूर्व पार्षद राजावत सिंह राउलजी कहते हैं। “पुरुषोत्तम रुपाला के विवादित बयान के बाद मैंने बीजेपी से दूरी बना ली है। क्षत्रिय समाज को रुपाला के विवादित बयान से अधिक दुःख प्रधानमंत्री की चुप्पी से हुआ है।”
पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला कहते हैं कि “क्षत्रियों की नाराज़गी के चलते गुजरात में बीजेपी आधी सीट हार सकती है।”
खेड़ा लोकसभा: मध्य गुजरात की खेड़ा सीट पर 50% से अधिक क्षत्रिय हैं। क्षत्रिय आन्दोलन का सबसे अधिक प्रभाव आनंद सीट पर देखा जा रहा है। आनंद से लगी हुई खेड़ा सीट पर भी लगभग 50% क्षत्रिय मतदाता हैं। क्षत्रिय आन्दोलन के चलते बीजेपी के हाथों से खेड़ा सीट भी जा सकती है।
बनासकांठा लोकसभा: उत्तर गुजरात की बनासकांठा सीट पर लगभग 6 लाख क्षत्रिय मतदाता हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस 2 लाख 68 हज़ार वोटों से हार गई थी। इस लोकसभा में आने वाली 7 विधानसभा में 2 पर कांग्रेस और 1 पर निर्दलीय की जीत हुई थी। इस लोकसभा सीट पर गेनी बेन ठाकोर कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। गेनीबेन के लिए प्रियंका गांधी ने शनिवार को जनसभा की जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
छोटा उदयपुर लोकसभा : मध्य गुजरात की छोटा उदयपुर सीट पर लगभग 2 लाख क्षत्रिय वोट है। अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है।
जामनगर लोकसभा: गुजरात बीजेपी को प्रधानमंत्री मोदी की आनंद और जामनगर में होने वाली जनसभा से बहुत उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे के बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा। लेकिन मोदी नाराज़ क्षत्रियों को मनाने के बजाय हिन्दू-मुस्लिम करने लगे जिससे बीजेपी को लाभ होने के बजाय नुकसान होता दिख रहा है।
जामनगर में क्षत्रियों की नाराज़गी के बीच प्रधानमंत्री मोदी जामनगर रायल फैमिली से मिले। इस मुलाकात का उद्देश्य क्षत्रियों की नाराज़गी दूर करना था। जिसका बीजेपी को कोई लाभ होता दिख नहीं रहा है। जामनगर में 11% मतदाता क्षत्रिय हैं। जबकि 16.5% मुस्लिम मतदाता हैं। 2022 विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिले वोटों को मिला दें तो बीजेपी से अधिक हो जाता है।
राजकोट लोकसभा: क्षत्रिय महिलाओं पर विवादित टिपण्णी करने वाले केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने रुपाला के सामने लेउवा पाटीदार नेता परेश धनानी को उम्मीदवार बनाया है। धनानी को 2002 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अमरेली से पुरुषोत्तम रुपाला के खिलाफ उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में धनानी ने रुपाला को 15000 वोटों से मात दी थी। जिसके बाद धनानी का कद गुजरात की राजनीति में काफी बड़ा हो गया था। क्योंकि उस समय भी रुपाला बीजेपी के बड़े नेता हुआ करते थे।
22 वर्ष बाद एक बार फिर रुपाला और धनानी आमने-सामने हैं। इस सीट पर रुपाला को मजबूत बताया जा रहा है। लेकिन उलटफेर की भी संभावना बनती है। रुपाला कड़वा पाटीदार हैं जबकि धनानी लेउवा। इस सीट पर पर कांग्रेस लेउवा पटेल, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों के सहारे धनानी की नाव को पार लगाने की कोशिश में है। इस सीट पर लगभग साढ़े तीन लाख लेउवा पटेल, ढाई लाख मुस्लिम और डेढ़ लाख क्षत्रिय मतदाता हैं।
कच्छ लोकसभा : क्षेत्रफल के आधार पर भारत की सबसे बड़ी लोकसभा कच्छ है। 1996 से कच्छ लोकसभा को बीजेपी जीत रही है। कच्छ में 22 % मतदाता मुस्लिम हैं जबकि 13 % मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। क्षत्रिय वोटों में कुछ उलटफेर होता है तो बीजेपी इस सीट से भी हार सकती है।
सुरेंद्रनगर लोकसभा : कोली बहुल इस लोकसभा सीट को 2009 में कांग्रेस जीत चुकी है। इस सीट पर 5.89 लाख मतदाता कोली है। दूसरे नंबर पर क्षत्रिय हैं। क्षत्रिय मतदाता की संख्या 2.23 लाख है। 2.03 लाख दलित और 1 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। बीजेपी ने चुवाडिया कोली चंदुभाई शिहोर जबकि कांग्रेस ने तडपदा कोली ऋत्विक मकवाना को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस मुकाबले में मजबूत है। लेकिन क्षत्रिय आन्दोलन के चलते कांग्रेस की संभावना भी बन रही है।
भरूच लोकसभा: भरूच लोकसभा सीट पर 1989 से बीजेपी का कब्ज़ा है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा चुनावी मैदान में हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में वसावा को डेडियापाड़ा विधानसभा सीट पर 1 लाख से अधिक वोट मिले थे। चैतर वसावा ने बीजेपी के हितेश वसावा को 40 हज़ार से अधिक वोटों से मात दी थी। इस सीट पर पर 6 लाख आदिवासी वोटर हैं और 4 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होने से आम आदमी पार्टी आसानी से जीत सकती है।
पाटन लोकसभा : 2022 विधानसभा चुनाव में पाटन लोकसभा में आने वाली 7 विधान सभा में से 4 विधानसभा कांग्रेस जीती थी। इस सीट पर 5.25 लाख वोटर ठाकोर समाज के हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ठाकोर को ही उम्मीदवार बनाया है। दूसरे नम्बर पर 2.25 लाख मुस्लिम , 1.58 लाख दलित और 1.38 लाख क्षत्रिय मतदाता हैं। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चंदनजी ठाकोर को मजबूत बताया जा रहा है।
इन लोकसभा के अलावा आदिवासी बहुल बारडोली और बलसाड की सीट पर भी कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है।
(अहमदाबाद से कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट)
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