गुंडे, आतंकी, और सत्ता में बैठे कथित जनप्रतिनिधियों के बीच फर्क़ मिट गया है। विचार, व्यवहार और आचरण में तीनों एक पाले में खड़े हैं। कल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वेब सिरीज ‘आश्रम – 3’ की शूटिंग के दौरान कट्टरपंथी संगठन बजरंग दल के लोगों ने शूटिंग स्टाफ पर जानलेवा हमला बोल दिया। उन्होंने स्टाफ को दौड़ा-दौड़ाकर मारा। वहीं मध्यप्रदेश सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बजरंगियों की धर पकड़ करने के बजाय उनका समर्थन किया है।
नरोत्तम मिश्रा ने बजंरग दल की ज़बान में कहा है कि-” हमारी हिंदू भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य ही क्यों फिल्माते हो। अगर हिम्मत है तो किसी दूसरे धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला कोई दृश्य क्यों नहीं फिल्माते हो।”
नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मैं इसका समर्थन करता हूं (शो का नाम बदलने की मांग)। क्या आप किसी और का नाम रखने की हिम्मत करते हैं? कोई ऐसा काम न करें जिससे परेशानी हो। जो हुआ (‘आश्रम’ के सेट पर हिंसा) गलत था, 4 गिरफ्तार किए गए। लेकिन झा साहब आपको भी सोचना चाहिए कि आप क्या गलत कर रहे हैं”।
नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा है कि “‘आश्रम’ मामले में, हम एक स्थायी दिशानिर्देश जारी करेंगे कि आपत्तिजनक दृश्य होने पर कहानी पहले प्रशासन को दी जानी चाहिए और अनुमति मिलने पर ही शूट की जानी चाहिए।”
समलैंगिक संबंधों पर संविधान विरोधी बयान
वहीं नरोत्तम मिश्रा ने करवाचौथ के डाबर कंपनी के ‘फेम’ ब्लीच क्रीम के विज्ञापन पर कार्रवाई करने का आदेश देते हुये कहा है कि “डाबर कंपनी के “लेस्बियन विज्ञापन” पर डीजीपी को निर्देशित किया, इसकी जांच की जानी चाहिए और उन्हें विज्ञापन वापस लेने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसे बहुत गंभीर विषय मैं मानता हूँ। हिंदू धर्म के त्योहारों को लेकर ही इस तरह की क्लिपिंग, विज्ञापन क्यों जारी किए जाते हैं। आज वे लेस्बियन को करवा चौथ तोड़ते हुये छलनी में देखते हुये बता रहे हैं। कल को दो लड़कों को फेरे लेते हुये, शादी करते हुये दिखा देंगे। ये आपत्ति है।
गौरतलब है तमाम फ्रिंज हिंदुत्व संगठन और बजरंग दल जैसे संगठन डाबर के ‘फेम ब्लीच’ उत्पाद के लेस्बियन विज्ञापन पर बवाल काट रहे हैं।
देश के सुप्रीम कोर्ट ने जब समलैंगिक संबंधों को संवैधानिक मान्यता दे दी है। और देश में समलैंगिक लोगों के हितों व अधिकारों की सुरक्षा के लिये तमाम दिशा निर्देश व नीतियां निर्धारित करने के लिये कदम उठाने की मांग की जा रही है वहां डाबर कंपनी के लेस्बियन समुदाय को लेकर विज्ञापन पर किसी राज्य के गृहमंत्री द्वारा कार्रवाई करना और विज्ञापन वापस लेने की बात कहना न सिर्फ़ संविधान के ख़िलाफ़ है अपितु मनुष्यता के ख़िलाफ़ अपराध है।
वहीं भाजपा का साइबर सेल डॉबर के समलैंगिकता वाले विज्ञापन को हिंदू संस्कृति के ख़िलाफ़ बता रहा है और सोशल मीडिया पर डॉबर के ख़िलाफ़ हैशटैग चलाकर सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा दे रहा है।
क्या है डॉबर के विज्ञापन में
डाबर के उत्पाद फेम क्रीम गोल्ड ब्लीच द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में एक समलैंगिक जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया है। इस विज्ञापन में दो युवतियों को अपने पहले करवा चौथ की तैयारी करते हुए दिखाया गया है। जहां एक महिला दूसरे के चेहरे पर ब्लीच लगा रही है, वहीं वे त्योहार के महत्व और इसके पीछे के कारण पर चर्चा भी करती हैं। इस बीच एक और महिला इन दोनों की बातचीत में शामिल हो जाती हैं और दोनों को रात में पहनने के लिए एक-एक साड़ी देती है।
विज्ञापन के अंत में दोनों महिलाओं को पारंपरिक छलनी और उनके सामने पानी से सजी एक थाली के साथ एक-दूसरे को देखते हुए दिखाया गया है, इस प्रकार यह दर्शाता है कि वे एक-दूसरे की जीवनसाथी हैं।
सड़क पर पटाखे न फोड़ने वाले विज्ञापन पर भाजपा सांसद ने सांप्रदायिक भाषा में लिखा कंपनी को पत्र
जबकि 10 दिन पहले सिएट टायर के विज्ञापन में अभिनेता आमिर खान द्वारा लोगों को सड़कों पर पटाखे न चलाने की सलाह दिए जाने पर भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने आपत्ति व्यक्त करते हुये कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंत वर्धन गोयनका को पत्र लिखा था।
पत्र में हेगड़े ने कहा था कि वह ‘हिंदुओं में रोष’ उत्पन्न करने वाले हालिया विज्ञापन का संज्ञान लें।
भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने पत्र में आगे सांप्रदायिक ज़बान में कहा था कि – “आपकी कंपनी का हालिया विज्ञापन बहुत अच्छा संदेश दे रहा है। ….मैं आपसे सड़कों पर लोगों के सामने आने वाली एक और समस्या का समाधान करने का अनुरोध करता हूं…जिसमें कि शुक्रवार और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के दिन नमाज के नाम पर सड़कें जाम कर दी जाती हैं।”
14 अक्तूबर को लिखे अपने पत्र में भाजपा सासंद ने गोयनका से यह भी कहा है कि वह कंपनी के विज्ञापनों में ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा भी उठाएं क्योंकि ‘हमारे देश में मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर से अजान के समय बहुत अधिक शोर होता है। …वह ध्वनि अनुमेय सीमा से परे है। शुक्रवार को, इसे कुछ और समय के लिए बढ़ाया जाता है।”
आखिर में भाजपा सांसद ने लिखा था कि- “मुझे यकीन है कि आप सदियों से हिंदुओं के साथ किए गए भेदभाव को महसूस कर सकते हैं। …आजकल ‘हिंदू-विरोधी अभिनेताओं’का एक समूह हमेशा हिंदू भावनाओं को आहत करता है, जबकि, वे कभी भी अपने समुदाय के गलत कामों को उजागर करने की कोशिश नहीं करते हैं। ‘इसलिए, मैं आपसे इस विशेष घटना का संज्ञान लेने का अनुरोध करता हूं, जहां आपकी कंपनी के विज्ञापन ने हिंदुओं में रोष पैदा किया है।”
इससे पहले सिएट टायर के विज्ञापन पर ये फ्रिंज और संगठत भगवा गैंग ने आमिर खान और सिएट टायर को हिंदू विरोधी बताते हुए सोशल मीडिया पर उनके बहिष्कार की मांग वाले हैशटैग चलाये थे।
दरअसल हाल ही में सिएट टायर ने अपना एक विज्ञापन जारी किया है और इस विज्ञापन के अंदर आमिर खान सड़कों पर पटाखे नहीं जलाने की अपील कर रहे हैं।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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