पुरानी पेंशन बहाली के लिए रेल कर्मियों ने किया जंतर-मंतर पर बड़ा प्रदर्शन

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नई दिल्ली। एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ एवं पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करवाने के लिए इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन तथा फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे की ओर से रविवार को जंतर-मंतर, दिल्ली पर विशाल प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में विशेष तौर पर कामरेड सुदामा प्रसाद, मेंबर पार्लियामेंट एवं मेंबर रेलवे स्टैंडिंग कमेटी विशेष तौर पर पहुंचे तथा मुख्य वक्ता के रूप में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी ने शामिल होकर भारतीय रेलवे से पहुंचे सैकड़ों कर्मचारियों को संबोधित किया।

मंच से संबोधित करते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तथा नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कामरेड अमरीक सिंह ने कहा एक अप्रैल से लागू होने वाली यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) का विकल्प नहीं चुनेंगे, हम केवल और केवल पुरानी पेंशन ही लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनपीएस-यूपीएस के खिलाफ 01 अप्रैल को पूरे भारतीय रेलवे सहित देश के लगभग 60 लाख कर्मचारी व उनके परिवार काला दिवस के रूप में मनाएंगे। 

मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एवं मेंबर रेलवे स्टैंडिंग कमेटी कामरेड सुदामा प्रसाद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की नीतियां देश के नौजवानों के रोजगार खा गई हैं, किसानों की जमीनें हड़पने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, इस सरकार की नीतियां केवल अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट, पूंजीपतियों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए ही बनाई जा रही हैं। हमारे बच्चों, हमारे भविष्य, हमारी आने वाली पीढ़ियों को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है, इसके खिलाफ रेलवे कर्मचारी एकजुट होकर मैदान में आए हैं, क्योंकि एनपीएस और यूपीएस देश के निजीकरण की ही कड़ी हैं। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि देश के संविधान को खत्म करने की तैयारी की जा रही है, जिस संविधान ने मजदूरों को, देश के गरीबों को उनके हक़-अधिकार दिलाए हैं, उन्हें हम कभी नहीं खत्म होने देंगे, उन्होंने कहा कि जब तक हमारे शरीर में जान है हम रेल कर्मचारियों, विद्यार्थियों, किसानों, मजदूरों, नौजवानों तथा देश के आमजन की आवाज उठाते रहेंगे।

मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी ने कहा कि रेलवे के निजीकरण की तैयारियां जोरों पर हैं, एनपीएस, यूपीएस, निजीकरण, निगमीकरण, ठेकेदारी, आउटसोर्सिंग, लेबर कोड इत्यादि के खिलाफ देशव्यापी बड़े रोष प्रदर्शन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाली 20 मई को देश की सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा संयुक्त रूप में देशव्यापी आम हड़ताल का ऐलान किया गया है, जिसके लिए रेल कर्मचारी यथासंभव प्रयास करते हुए इस आम हड़ताल का समर्थन करते हुए देश के आमजन की आवाज को बुलंद करें तथा रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण, एनपीएस, यूपीएस के खिलाफ तथा पुरानी पेंशन की बहाली एवं रेलवे में खाली पड़े लाखों पदों पर नई भर्ती का रास्ता खोलने के लिए आगे होकर संघर्ष करें। 

इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा कि एनपीएस, यूपीएस के खिलाफ तथा पुरानी पेंशन बहाली के लिए यह सांकेतिक रोष प्रदर्शन इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन तथा फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी 01 मई को पुरानी पेंशन बहाली के लिए देश की सबसे बड़ा प्रदर्शन दिल्ली में आयोजित होगा। इसके लिए अभी से सभी कर्मचारी अपनी तैयारी शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन के अलावा एक वैकल्पिक फेडरेशन है जो कर्मचारियों के हक की आवाज को बुलंद तरीके से रखने का हौसला रखता है। उन्होंने कहा कि 1 मई का आंदोलन हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाएगा तथा यह हमारी गारंटी है कि हम यहां से पुरानी पेंशन हर हाल में बहाल करके ही जाएंगे। उन्होंने आज के विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल हुए सभी संगठनों तथा मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं, मंच संचालन के लिए मनीष हरिनंदन का तथा विशेष तौर पर पहुंचे महिला कर्मचारियों का फेडरेशन की तरफ से धन्यवाद किया।

अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखते हुए एक स्वर में कहा कि जब तक पुरानी पेंशन स्कीम बहाल नहीं होगी, हम चुप करके नहीं बैठेंगे। पुरानी पेंशन बहाल करवाने तथा एनपीएस, यूपीएस के खिलाफ हम किसी भी हद तक जाकर लड़ेंगे। अन्य वक्ताओं में विशेषकर रतन चंद, तरसेम कुमार, नरसिंह कुमार, मृत्युंजय कुमार, पुष्पेंद्र त्रिपाठी, सुशील कुमार सिंह, हरकेश सिंह, भरत राज, दर्शन लाल, कृष्ण कुमार, एसपी साहू, उमेद सिंह चौहान, जुमेरदीन इत्यादि ने अपना वक्तव्य रखा।

आज के इस विशाल विरोध-प्रदर्शन में CLW, ईस्टर्न रेलवे, साउथ ईस्टर्न रेलवे, वेस्ट सेंटर रेलवे से कोटा, जबलपुर, कटनी, ईस्ट सेंटर रेलवे से धनबाद, मुगलसराय, रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला, रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली, नॉर्दर्न रेलवे से दिल्ली, अंबाला, बठिंडा, फिरोजपुर, मुरादाबाद, जगाधरी वर्कशॉप, PLW पटियाला, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे आगरा, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे अजमेर, जयपुर, जोधपुर इत्यादि के सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने भागीदारी कर इसे सफल बनाया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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