त्रिपुरा हिंसा: जांच करने गई संसदीय टीम पर हमला, कई वाहनों को नुकसान पहुंचा, 3 गिरफ्तार

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त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा का जायज़ा लेने गए कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल पर विशालगढ़ में भाजपा समर्थित गुंडों ने हमला किया। सीमावर्ती गांव नेहल चंद्रनगर में वाम दलों और कांग्रेस के सांसदों पर ये हमला शुक्रवार को उस वक्त हुआ जब वो हिंसा प्रभावित इलाकों के दौरे पर थे। हालांकि इस हमले के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए एक सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि इन हमलों में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उन लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं जिन पर इस घटना में शामिल होने का आरोप हैं।

दरअसल चुनाव के बाद यहां हुई हिंसा का जायज़ा लेने गई संसदीय टीम दो दिन के त्रिपुरा दौरे पर है। सीपीआई (एम) त्रिपुरा के राज्य सचिव और पूर्व मंत्री जितेंद्र चौधरी ने कहा कि शुक्रवार शाम बीसलगढ़ के नेहल चंद्रनगर बाजार में हुए “जघन्य हमले” की वजह से संसदीय प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को अपने तय कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा।

कांग्रेस और सीपीएम के सूत्रों ने कहा कि जब संसदीय दल के सदस्य सिपाहीजला जिले के हिंसा प्रभावित बिशालगढ़ गए तो बीजेपी समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और तीन वाहनों को नुकसान पहुंचाया। यह वही इलाका है जहां बुधवार रात कम से कम 20 दुकानों में आग लगा दी गई थी।

पुलिस ने कहा कि इस हमले में दल के आठ सदस्यों में से कोई भी घायल नहीं हुआ और वाम दलों एवं कांग्रेस के नेताओं को ले जा रहे दो-तीन वाहनों में तोड़फोड़ की गई।

इधर इस मसले को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक ओर बीजेपी के गुंडे प्रतिनिधिमंडल पर हमला कर रहे हैं, तो शनिवार को बीजेपी वहां विजय रैली कर रही है। ये पार्टी प्रायोजित हिंसा की जीत है। कांग्रेस और माकपा नेताओं ने कहा कि इस संसदीय दल में चार लोकसभा सांसद तो तीन राज्यसभा सांसद हैं। इसे तीन समूहों में बांटा गया है। जिन तीन जिलों में इनके दौरे का कार्यक्रम था उनमें पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजाला और गोमती शामिल हैं।

सीपीएम ने एक बयान में कहा कि सांसद और उनके साथ गए कांग्रेस और सीपीएम के नेता हमले के तुरंत बाद वहां से चले गए और एक बड़े हमले से बच गए। तो पुलिस की ओर से जारी बयान में भी ये दावा किया गया कि साथ गई पुलिस एस्कॉर्ट टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षित बचा लिया। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है। वहीं सीपीएम का कहना है कि वो इस मसले को अब संसद में भी उठाएगी।

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