पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया

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पत्रकार मनदीप पुनिया जो कारवां पत्रिका के लिए लिखते हैं और ऑनलाइन न्यूज़ इंडिया के धर्मेद्र सिंह को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में ले लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ये दोनों पत्रकार वहां मौजूद पुलिसकर्मियों का वीडियो शूट कर रहे थे।

मनदीप पुनिया आंदोलन की बिल्कुल शुरुआत से यानि 26 नवंबर, 2020 से जनपथ न्यूज वेब पोर्टल के लिए किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग और फेसबुक लाइव करते आ रहे थे।

इधर गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के एक डेढ मिनट के आंसुओं वाले वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल होकर केंद्र सरकार और यूपी सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। उसके बाद से ही खिसियाई केंद्र सरकार ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के आस-पास 500 मीटर के दायरे में इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी तक के लिए बंद करवा दिया है। ताकि किसान आंदोलन पर हो रहे सत्तारूढ़ पार्टी समर्थित गुंडों के हमले, सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन के हमले के लाइव वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर न जा सकें। न ही राकेश टिकैत के आंसुओं वाले वीडियो वॉट्सअप पर शेयर हो सकें।

मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह सोशल मीडिया और वेब पोर्टल मीडिया के सशक्त पत्रकार हैं और किसान आंदोलन पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। तो मुमकिन है कि जिस तरह से मेन स्ट्रीम मीडिया को डराने के लिए 6 पत्रकारों के खिलाफ़ केस दर्ज़ करवाया गया है उसी तरह तमाम न्यूज़ वेब पोर्टल और वेब पत्रकारों को डराने के लिए और किसान आंदोलन के पक्ष में रिपोर्टिंग करने से रोकने के लिए वेब पोर्टल के दो पत्रकारों को निशाना बनाया गया हो।

रिपोर्ट लिखे जाने तक ये पता नहीं चल पाया है कि दोनों पत्रकारों को कहां किस थाने में ले जाया गया है। सिंघु बॉर्डर के नजदीकी पुलिस थाने अलीपुर थाने में करीब दो दर्जन पत्रकार जानकारी के लिए पहुंचे तो वहां पत्रकारों को बताया गया कि इन दोनों पत्रकारों को वहां नहीं रखा गया है। स्पेशल सेल के डीसीपी ने भी इन्कार किया है कि दोनों पत्रकारों की गिरफ्तारी उनके संज्ञान में नहीं है। 

किसान मजदूर संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी श्रवण सिंह पंढेर समर्थकों के साथ अलीपुर थाने पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मनदीप पुनिया और एक पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने उठाया है। दरअसल पुलिस एक सिविल को तकलीफ दे रहे थे उसी को उन दोनो पत्रकारों ने वीडियो शूट किया तो इससे पुलिस चिढ़ गई।
ये जब से किसान आंदोलन शुरु हुआ है पहली बार है कि पुलिस इस तरह से पत्रकार को पकड़कर ले गयी है। ये शर्मनाक और निंदनीय है। ऐसा नहीं होना चाहिये।

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