उत्तर प्रदेश के शामली में आज प्रस्तावित महापंचायत को जिला प्रशासन ने मंजूरी देने से साफ मना करते हुए दफा-144 लागू कर दी है। इतना ही नहीं प्रशासन ने 3 अप्रैल तक बड़े स्तर पर लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी भी लगा दी है। वहीं किसान नेताओं ने कहा है कि प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने के बाद भी बैठक की जाएगी।
प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू करने पर टिप्पणी करते हुए आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कल ट्वीट करके कहा, “144 वजहों से मैं कल शामली जाऊंगा! #धारा 144 #किशनपंचायत।” बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसान आंदोलन के पक्ष में 5 से 18 फरवरी तक पूरे उत्तर प्रदेश में कई पंचायतों का आयोजन करने की योजना है।
27 जनवरी की आधी रात बागपत हाईवे पर चल रहे किसान आंदोलन का दमन करने के बाद 28 जनवरी को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का दमन करने निकली यूपी पुलिस और यूपी सरकार के कदम राकेश टिकैत के आंसुओं और उसी रात सिसौली में हुई पंचायत के आगे ठिठक गए हैं। उसके बाद तो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में महापंचायतें का सिलसिला ही निकल पड़ा। इन महापंचायतों का हासिल ये हुआ कि किसान आंदोलन पहले से और ज़्यादा मजबूत होता गया है।

मुजफ्फरपुर और जींद में किसान महापंचायतों में उमड़े जन सैलाब के देखकर केंद्र और राज्य सरकारें दहशत में हैं। अतः सरकार ने किसान आंदोलन और महापंचायतों से दोहरे स्तर पर लड़ने की रणनीति बनाई है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलनों को दोनों ओर से कई स्तरों की बैरिकेडिंग करके घेरेबंदी की गई है, ताकि हरियाणा पंजाब, यूपी या देश के दूसरे राज्यों से आने वाले किसानों की नई खेप को आंदोलन में शामिल होने से रोका जा सके। वहीं दूसरी ओर किसान महापंचायतों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी धारा 144 लागू करने और उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने की रणनीति अपनाई है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है, “हम सभी जगह जाएंगे, पूरे देश में जाएंगे।” बता दें कि 7 फरवरी को दादरी, हरियाणा में पंचायत है, जबकि आज शामली में महापंचायत होनी है।
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