नई दिल्ली। रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय को “खुला छोड़ना” गलत और “अलोकतांत्रिक” है। इससे सिर्फ राजनेताओं को ही नहीं बल्कि सभी को परेशान होना चाहिए। रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं।
ईडी ने बुधवार को जमीन घोटाले के आरोप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले हेमंत सोरेन ने CM पद से इस्तीफा दे दिया था।
रघुराम राजन जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के उद्घाटन समारोह पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सोचना कि वे सिर्फ “कुछ राजनेताओं को सलाखों के पीछे डाल रहे हैं” गलत है क्योंकि आखिरकार यह लोग ही हैं जिनके अलावा हमारे पास चुनने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है।
उन्होंने कहा कि “अगर विपक्षी दलों के नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है तो आपके पास क्या विकल्प है? यदि आपके पास कोई विकल्प नहीं है तो यह अकेले राजनेताओं का मुद्दा नहीं बल्कि सभी के लिए मुद्दा है। इसलिए चुनाव से पहले ईडी का इस्तेमाल करना गलत और अलोकतांत्रिक है।”
रघुराम राजन ने अपनी नई पुस्तक, “ब्रेकिंग द मोल्ड: रीइमेजिनिंग इंडियाज़ इकोनॉमिक फ्यूचर” का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में खुला भाषण और लोकतंत्र “बहुत महत्वपूर्ण” हैं, जिन्हें “अनुसंधान, रचनात्मकता और नए विचार” की जरुरत है। इस पुस्तक को उन्होंने अर्थशास्त्री रोहित लांबा के साथ मिलकर लिखा है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल “प्रत्यक्ष लाभ, हस्तांतरण और मुफ्त” की मानसिकता का सहारा ले रहे हैं जिसे हमें बदलने की जरुरत है।
उन्होंने विकेंद्रीकरण पर बात की और केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे वहां हुए “थोड़े विकेंद्रीकरण” के कारण स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने अपनी किताब में भी लिखा है कि हमें केंद्र से राज्य, राज्य से नगर पालिकाओं और पंचायतों तक विकेंद्रीकरण की जरुरत है। मेरा मानना है कि यह एक नए आंदोलन को जन्म देगा।”
जयपुर में दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव माने जाने वाले जेएलएफ 2024 में अगले पांच दिनों में दुनिया भर से कुछ सर्वश्रेष्ठ विचारक, लेखक और वक्ता आएंगे और अपने-अपने विचार रखेंगे।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले 550 वक्ता और कलाकार अलग-अलग राष्ट्रों से हैं। उनमें पॉल लिंच, हर्नान डियाज़, बेन मैकिनटायर, बोनी गार्मस, रिचर्ड उस्मान, पीटर फ्रैंकोपैन, कॉलिन थब्रोन, मैरी बियर्ड, काई बर्ड, केटी कितामुरा, मोनिका अली, निकोलस शेक्सपियर, डेमन गलगुट जैसी हस्तियां शामिल हैं।
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