उत्तर प्रदेश: धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना के परिजनों ने किया आरोपों को खारिज

पहले अब्दुल समद नामक बुजुर्ग मौलवी की लिंचिंग दाढ़ी काटने और जय श्री राम बोलने के लिये मजबूर किये जाने की घटना का वीडियो शेयर करने वाले संस्थानों, लोगों और ट्विटर इंडिया के ख़िलाफ़ एफआईआर की गयी। अब धर्मांतरण के मामले में यूपी पुलिस की एटीएस ने मौलाना उमर गौतम को गिरफ़्तार करके उन पर पाकिस्तान और आईएसआई फंडिंग का आरोप लगाया है।

मामले में प्रशांत कुमार की सक्रियता बड़े लक्ष्य साधने की ओर इशारा

यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार इस मामले में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि पिछले एक साल में 350 लोगों का धर्मांतरण कराया गया है। नोएडा के एक मूकबधिर स्कूल के भी 18 बच्चों का धर्मांतरण कराया गया। अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। ये पूरा रैकेट पिछले दो साल से चल रहा था। उन्होंने मीडिया को बताया कि मामले में विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं।  साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि लोगों को डरा-धमकाकर और लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता था।

इस मामले में एटीएस ने यूपी के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज़ कराया है, जिसमें जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी दर्ज़ है। यूपी एटीएस इन दोनों मौलानाओं से चार दिन से पूछताछ कर रही है।

वहीं मौलाना की बेग़म रजिया उमर ने अब मीडिया में अपनी बात रखते हुये सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है। रजिया उमर का कहना है कि यूपी पुलिस के पास उनके पति के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है। और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। रज़िया ने कहा है कि भारत के न्याय तंत्र पर उन्हें पूरा भरोसा है। यदि उनके पति के ख़िलाफ़ सबूत मिले तो उनको सज़ा ज़रूर दी जाए। पर उनके पति ने किसी को धर्म परिवर्तन के लिए नहीं कहा।

शादी के लिये धर्म बदलते हैं लोग

रज़िया ने कहा है कि ज्यादातर लोग शादी करने के लिए अपना धर्म बदलते हैं। और मौलाना की संस्था इस्लामिक दावां सेंटर (आईडीसी) कानूनी प्रक्रिया के बाद ही ऐसे लोगों की मदद करती है।

रजिया ने यूपी एटीएस द्वारा मौलाना पर एक हजार लोगों के धर्म परिवर्तन करवाने की बात से भी इनकार करते हुये कहा है कि इस्लाम धर्म अपनाने के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं की जाती। लोग अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल करते हैं। इनमें बड़ी संख्या शादी के लिए धर्म बदलने वाले लड़के-लड़कियों की होती है। मौलाना के बैंक खातों व आईडीसी के खातों से इसका पता चल जाएगा कि उनकी विदेशी फंडिंग हुई या नहीं।

रजिया की बात पर गौर करें तो धर्मेंद्र हेमा मालिनी से लेकर हरियाणा के तत्कालीन डिप्टी सीएम चंद्रमोहन तक ने दूसरी शादी के लिये इस्लाम धर्म कबूल किया है। और ऐसे हजारों उदाहरण हैं। तब हरियाणा के उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने अपना नाम चंद्रमोहन से बदलकर चांद मोहम्मद और अनुराधा बाली का नाम बदलकर फिजा रख लिया था।

डासना मंदिर के पुजारी का हाथ

रजिया ने आरोप लगाया कि पूरा मामला डासना स्थित देवी मंदिर के पुजारी स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती से शुरू हुआ। दरअसल इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाला नागपुर का युवक विपुल विजयवर्गीय अपने साले मोहम्मद कासिफ के साथ स्वामी के पास पहुंचा था और स्वामी नरसिंहानंद को समझाकर इस्लाम को बुरा न कहने के लिए कहा था।

रजिया का आरोप है कि उसके बाद ही यूपी पुलिस एक्टिव हुई। पहले 17 जून बृहस्पतिवार को पूछताछ के बहाने मौलाना उमर गौतम को मसूरी थाने बुलाया गया। वहां देर रात को उनका मोबाइल जमाकर छोड़ दिया गया। साथ ही बुलाने पर दोबारा आने के लिए कहा गया।

रज़िया आगे बताती हैं कि शनिवार 19 जून को मौलाना उमर से पासपोर्ट, अकाउंट की डिटेल व पासबुक मंगाई गई। इसके बाद परिवार को बिना सूचना दिए उनको लखनऊ ले जाया गया। जबकि मौलाना को बस पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

रजिया ने बताया कि विपुल व कासिफ से मौलाना उमर का कोई लेना देना नहीं था। विजय फरीदाबाद में उमर के एक कार्यक्रम में बस आया था। न तो उनका पाकिस्तान और न ही आईएसआई से कोई लिंक है।

कानूनी प्रक्रिया के बाद IDC जारी करता है मुस्लिम प्रमाण पत्र

वहीं आईडीसी के सदस्यों का कहना है कि जो लोग अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म स्वीकार करते हैं, आईडीसी उनको मुस्लिम समाज में मान्यता दिलवाने के लिए एक सर्टिफिकेट जारी करती है। इस्लाम धर्म स्वीकार करने वालों को कोर्ट में हलफनामा देकर बकायदा मजिस्ट्रेट से सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होती है। आईडीसी किसी को इस्लाम धर्म स्वीकार करवाने के लिए दबाव नहीं देती है।

आईडीसी कुछ भी गैर कानूनी नहीं करती है। जिन लोगों को आईडीसी की ओर से सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं, बकायदा उनका रिकॉर्ड रखा जाता है। इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाले जिन लोगों के मन में सवाल होते हैं, उनके लिए शनिवार और रविवार को बटला हाउस स्थित इस्लामिक दावा सेंटर के दफ्तर में क्लास भी चलाया जाता है, लेकिन वह हमेशा नहीं चलती, जब ज़रूरत होती है तभी चलाई जाती हैं।

यूपी के फतेहपुर के रहने वाले हैं गौतम

मोहम्मद उमर गौतम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म सन 1964 में एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। पहले उनका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था। उनके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है और वो छह भाई हैं, जिनमें उमर का चौथा नंबर है। घर में उमर को बचपन से ही प्रधानजी के नाम से पुकारा जाता था। उमर गौतम के फतेहपुर के गांव में न तो उस समय किसी मुस्लिम का घर था और न ही कोई मस्जिद थी।

आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना जहांगीर आलम कासमी की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए, इसकी कड़ी निंदा की है।

अमानतउल्लाह ने कहा है कि दोनों को उनकी विधानसभा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी कर भाजपा यूपी में होने वाले चुनावों में हिंदू-मुस्लिम कर फायदा उठाना चाहती है। खुलेआम संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भाजपा के इस रवैये को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधायक ने वीडियो की निंदा की। इसके अलावा ट्वीट कर लिखा कि यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा गैर-संवैधानिक तरीके से साम-दाम, दंड-भेद की नीति अपना कर अपनी डूबती नैया को पार लगाना चाहती है।

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