पीएमओ को नहीं पता बांग्लादेश की आज़ादी के समय किस जेल में रखे गये थे नरेंद्र मोदी! दरअसल ये खुलासा हुआ है एक आरटीआई के सवाल में भेजे गये पीएमओ के जवाब से। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि यह कार्यालय नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनका आधिकारिक रिकॉर्ड रखता है।
टीएमसी शासित बिधाननगर महानगरपालिका बोर्ड सदस्य राजेश चिरिमार ने 26 मार्च को आरटीआई आवेदन किया था। चिरिमार ने अपनी आरटीआई में पीएमओ से तीन सवाल पूछे थे-
1- कौन सी तारीख से कब तक नरेंद्र मोदी जेल में रहे थे?
2- नरेंद्र मोदी को किन आरोपों में जेल में डाला गया था?
3- नरेंद्र मोदी को किस जेल में रखा गया था?
राजेश चिरिमार को उनकी आरटीआई का जवाब पिछले दिनों ही मिला है। जिसमें पीएमओ की ओर से साफ कहा गया है कि वह किसी प्रधानमंत्री के कार्यकाल की ही जानकारी दे सकता है।
आरटीआई के जवाब में पीएमओ के पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर की तरफ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के भाषणों की जानकारी का रिकॉर्ड पीएमओ की वेबसाइट पर मौजूद है। इस बात पर भी गौर किया जाए कि यह कार्यालय नरेंद्र मोदी का 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से आधिकारिक रिकॉर्ड रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ढाका में बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान 26 मार्च को उन्होंने कहा कि – उन्होंने भी बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और जेल गए थे। उन्होंने कहा, “मेरी आयु 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और उसके समर्थन में गिरफ्तारी भी दी थी जेल जाने का अवसर भी आया था। यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध किए वो तस्वीरें विचलित करती थीं, कई दिन तक सोने नहीं देती थीं।”
कितनी हास्यास्पद बात है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जेल जाने का रिकॉर्ड खुद प्रधानमंत्री कार्यालय के पास नहीं है।
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