नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने के फैसले से योगी सरकार पीछे हट गयी है। ऐसा बताया जा रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद हुआ है। दरअसल मायावती ने एक बयान में सरकार की इस पहल को दलित विरोधी करार दिया था।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में दलितों और आदिवासी छात्रों के लिए बने छात्रावास को ही योगी सरकार ने डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया था। जिसमें उन विदेशी नागरिकों को रखे जाने की योजना थी जो भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं। दरअसल इस अंबेडकर छात्रावास का निर्माण मायावती के शासन के दौरान ही 2010-11 में हुआ था। छात्रावास दिल्ली-मेरठ हाईवे के बिल्कुल करीब स्थित है। ऐसी योजना थी कि शुरुआत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उससे जुड़े जिलों के छात्रों को यहां रहने की व्यवस्था की जाएगी।
डिटेंशन सेंटर की सुसज्जा का काम बिल्कुल करीब था और उसे अगले महीने ही शुरू किया जाने वाला था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बिल्डिंग को उसके पुराने होस्टल के फार्म में फिर से तब्दील कर दिया गया है। शुरुआती तौर पर उसके एक विंग को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया था जिसमें वीसा का उल्लंघन करने वालों को रखा जाना था। और सेंटर का जिले के सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा देखभाल किया जाना था। बहरहाल अधिकारियों का कहना है कि नये डिटेंशन सेंटर के लिए अभी तक कोई नई जगह नहीं तय की जा सकी है।
गुरुवार को मायावती ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि “गाजियाबाद में स्थित बीएसपी शासन के दौरान बनाए गए एक बहुमंजिला एससी-एसटी होस्टल को अवैध तरीके से रह रहे विदेशियों के लिए यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर में तब्दील करना बेहद दुखद और निंदनीय है। यह सरकार के दलित विरोधी होने का एक और प्रमाण है। बीएसपी इस फैसले को वापस लेने की मांग करती है।“
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