नई दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने कोरोना से संबंधित अपने इस बयान में कहा है कि महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मज़दूरों में 75 फ़ीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि दिल्ली से लौटने वालों में यह अनुपात 50 फ़ीसदी का है और दूसरे राज्यों से लौटने वालों में 25 फ़ीसदी हिस्सा कोरोना पॉज़िटिव है।
योगी के इस बयान पर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि योगी के बताए आँकड़ों पर अगर विश्वास किया जाए तो फिर सूबे में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख से ऊपर होनी चाहिए। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि “सरकार के आंकड़ों के अनुसार लगभग 25 लाख लोग यूपी वापस आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी के बयान के आधार पर इनमें से महाराष्ट्र से लौटे हुए 75%, दिल्ली से लौटे हुए 50% और अन्य प्रदेशों से लौटे 25% लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
क्या मुख्यमंत्री जी का मतलब है कि उप्र में 10 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हैं? मगर उनकी सरकार के आँकड़े तो संक्रमण की संख्या 6228 बता रहे हैं।”
मुख्यमंत्री अपने इस बयान को देकर फँस गए हैं। एएनआई को दिए इस बयान में उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि उन्हें किस तरह से बीमारी को सँभालने के लिए मशक़्क़त करनी पड़ रही है। लेकिन इस कड़ी में उनके दिए आँकड़े ख़ुद उनको ही घेर देते हैं।
प्रियंका गांधी वहीं चुप नहीं रहीं। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि “उनके द्वारा बताए गए संक्रमण के आँकड़े का आधार क्या है? लौटे हुए प्रवासियों में संक्रमण का ये प्रतिशत आया कहाँ से? और यदि ऐसा है तो इतने कम टेस्ट क्यों हो रहे हैं? या ये आँकड़े उप्र सरकार के अन्य आँकड़ों की तरह ही अप्रमाणित और गैर ज़िम्मेदार हैं” ?
आगे उन्होंने कहा कि “अगर मुख्यमंत्री जी के बयान में सच्चाई है तो सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ टेस्टिंग, संक्रमण के डेटा और अन्य तैयारियों को जनता से साझा करे और यह भी बताए कि संक्रमण पर क़ाबू पाने की क्या तैयारी है”?
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