मणिपुर की महिलाओं का वीडियो देखकर पूरी दुनिया में दुख और चिंता जताई जा रही है। यूरोपीय यूनियन और ब्रिटिश संसद के बाद अमेरिका ने भी इस पर चिंता जताई है और भारत सरकार से मणिपुर हिंसा को रोकने को कहा है।
अमेरिका ने रविवार को कहा कि वह मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाते हुए दिखाए गए वायरल वीडियो की रिपोर्ट से बहुत चिंतित है, यह एक यौन उत्पीड़न का मामला है जिसने पूरे देश में आक्रोश भर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस घटना को “क्रूर” और “भयानक” बताया और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करता है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने मणिपुर हिंसा के शांतिपूर्ण और समावेशी समाधान पर जोर दिया है और अधिकारियों से सभी समूहों, घरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा करते हुए मानवीय जरूरतों का ध्यान देने का आग्रह किया गया।
यहां उस वीडियो की बात हो रही है, जिसमें भीड़ ने दो नग्न महिलाओं का परेड कराया और कथित तौर पर उनका बलात्कार किया गया। यह वीडियो करीब दो महीने पुराना है। लेकिन जब ये वीडियो इंटरनेट पर आया इसने राष्ट्रीय और वैश्विक तौर पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
32 लाख की आबादी वाले इस राज्य में केंद्र सरकार ने हजारों अर्धसैनिक बल और सेना की टुकड़ियां भेजी हैं। लेकिन हिंसा पर लगाम नहीं लग पा रही है। रह-रहकर हिंसा भड़क उठती है। राज्य में अशांति और तनाव बना हुआ है, लोग भय में जी रहे हैं।
मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से अब तक कम से कम 125 लोगों की जान जा चुकी है, और 50,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हमले की निंदा करते हुए इसे “शर्मनाक” बताया और कड़ी कार्रवाई का वादा किया था। बावजूद इसके अभी तक मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जबकि हर तरफ से ये मांग उठ रही है कि केंद्र सरकार, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से इस्तीफा लें।
मणिपुर मामला धीरे-धीरे वैश्विक मामला बनता जा रहा है, अमेरिका से पहले यूरोपीय संसद में इस मामले को लेकर बहस हुई थी। अब अमेरिका भी इस मामले का संज्ञान ले रहा है।
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