अब बीजेपी नेता बग्गा पर लगा छेड़खानी का आरोप, डॉ. ज्वाला ने बतायी बग्गा की कारस्तानियों की पूरी दास्तान

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नई दिल्ली। बीजेपी के दिल्ली प्रवक्ता, विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी और सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण पर हमले का मुकदमा झेल रहे तेजिंदर बग्गा पर बंगलुरु की एक महिला ने छेड़खानी करने, घर में जबरन रुकने और परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया है। डॉ. ज्वाला गुरुनाथ नाम की इस महिला ने अपने कई ट्वीट के जरिये अपने साथ घटी घटना को विस्तार से बताया है। जिसमें दुर्घटना के बाद उसके कोमा में जाने से लेकर उसके पिता की अचानक मौत होने जैसे हादसे भी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी ट्विटर पर गुरुनाथ और बग्गा दोनों को फालो करते थे। लेकिन इस घटना के सामने आने के बाद गुरुनाथ को उन्होंने अनफालो कर दिया है।

डॉ. ज्वाला ने ट्वीट के जरिये पूरी कहानी बयान की है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि तुम बंगलुरू आए और मुझसे पूछे कि क्या मैं तुम्हें लेकर डिनर पर जा रही हूं। मैंने कहा कि मेरा घर बहुत दूर है। मैंने कहा कि कोई बात नहीं कल दिन में हम चलेंगे। तुमने कहा कि तुम एक सार्वजनिक शख्सियत हो और तुम मुझसे केवल मेरे घर पर मिलना चाहते हो। मैं सहमत हो गयी। वह सुबह 8 बजे ही फोन करके पूछता है कि क्या मैं घर आ सकता हूं। कितना लालायित था।

मैंने तुम्हें 10 बजे सुबह का समय दिया और उसके बाद तुम मेरे घर आए। तुम घर में बेहद अशिष्ट तरीके का व्यवहार करते हुए इधर-उधर घूम रहे थे। तुमने कॉफी की मांग की और जब मैं किचेन की तरफ बढ़ी तो तुम भी पीछे-पीछे आ गए। मैंने तुम्हे इशारा किया कि ड्राइंग रूम में आराम करो। तुमने कहा कि तुम्हें बहुत भूख लगी है। खाने की मेज पर अपनी पगड़ी को तुमने चम्मच से ठीक किया।

अगले ट्वीट में कहानी को आगे बढ़ाते हुए डॉ. ज्वाला बताती हैं कि मैंने कहा कि मैं तुम्हें एक अच्छे रेस्तरां में ले चलूंगी लेकिन तुम्हारे भीतर धैर्य नहीं था और तुमने नजदीक के किसी रेस्तरां में ले जाने की गुजारिश की। हम गए और साथ ही लंच किया। लौटने के बाद तुम आराम करना चाहते थे। मैंने तुम्हें गेस्ट रूम में भेज दिया। लेकिन तुम वहां भी मेरा साथ चाहते थे। तुमको मेरे घर से प्यार हो गया था।

मैंने तुमसे बताया कि एयरपोर्ट बहुत दूर है। और जल्दी से भागने के लिए कहा। लेकिन मेरे घर पर रुकने की नियति से तुमने अपनी उड़ान मिस कर दी। जबकि डोमेस्टिक फ्लाइट पांच मिनट की देरी से उड़ान भरी। क्या तुम मजाक कर रहे हो। क्या तुम्हारे पास इतना पैसा नहीं था कि पड़ोस के किसी होटल में रुक जाते?

उसके बाद मेरा फोन साइलेंट मोड पर चला गया था। तुमने मुझे एयरपोर्ट से 33 बार फोन किया।    जब मैं जगी तो मैंने देखा और फिर तुम्हें फोन की। तुमने पूरी बेशर्मी से पूछा कि क्या तुम मेरे घर पर एक रात के लिए रुक सकते हो। शुरुआत में फोन पर मैंने हामी भर दी लेकिन तुरंत फिर 30 सेकेंड में मैंने कहा नहीं। मैं अकेली रहती हूं। मैंने तुम्हें इंकार कर दिया।

तुम चले गए। यह सही बात है कि उसके बाद हम संपर्क में रहे। इसके साथ ही तुम्हें इस बात की भी जानकारी थी कि उन दिनों मैं एक एनआरआई के साथ डेटिंग कर रही थी। मैंने तुम्हारे मेसेजेज के रात में भी उत्तर दिए। इसलिए नहीं कि मेरी एक मोलेस्टर में रुचि थी। तुमने उन दिनों कितनी बार रात में संदेश भेजे? उत्तर इसलिए दिया क्योंकि मैं अनिद्रा की स्थिति में हुआ करती थी।

एक फोन काल में तुमने बिल्कुल साफ तौर पर बेतकल्लुफ देसी के साथ रिश्ता बनाने की बात कही। मैंने इंकार कर दिया। मैंने बताया कि लोग मुझे इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके लिए तुमने खुद ही बताया कि “तुम्हारे कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।” अगर तुम आदमी हो तो इसको स्वीकार करोगे। तुमने इस मामले में गौरव प्रधान और ऋतु राठौर को इग्नोर करने का फैसला किया।

ऋतु राठौर, गौरव प्रधान और गैंग ने मेरे पिता जी को फोन कर उन्हें बेहद परेशान कर दिया। बीजेपी आईटी सेल से बहुत ज्यादा लोगों ने मुझे फोन किया और मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मेरे पिता सचमुच में दो पाटों के बीच पिस गए। उसके बाद ऋतु राठौर द्वारा आत्महत्या के प्रकरण को हवा दी गयी। जिसके बाद बंगलुरू पुलिस ने रात में 12 बजे मेरे घर पर दस्तक दी और मेरे पिता को बताया।

उसके बाद मैंने तुम्हारा पर्दाफाश करने का फैसला किया। मैंने ट्वीट कर कहा कि कैसे तुमने मेरे घर में एक रात रुकने के लिए पूछने की हिम्मत की। जिस पर तुमने इस बात से इंकार कर दिया कि तुम मुझसे मिले थे। तुमने एक करोड़ रुपये के मानहानि का फर्जी केस कर दिया जिसका मैंने सही केस करके जवाब दिया। लेकिन मुख्य शिकायत छेड़खानी की होनी चाहिए थी।

एक दलित महिला से यौन रिश्ते की मांग अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए शिकायत उत्पीड़न के तहत आती है।

मुझे गृहमंत्री, बहुत सारे लोगों को लिखना था उसके बाद इंस्पेक्टर लोकेश दौड़ता हुआ मेरा बयान लेने के लिए मेरे घर आता। उसके बाद वो दिल्ली जाने का फैसला करते। यहां एक नफरत फैलाने वाले सांसद प्रताप सिंहा ने घोषणा की कि बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दिल्ली आ रही है। पुलिस ने उसको दरकिनार कर दिया।

मैंने तुम्हें गिरफ्तार करने के लिए बंगलुरु पुलिस को दो नंबर दिया। जिसमें एक और जोड़ दिया। लेकिन जब भी मैंने उनको फोन किया वे तुम्हारी लोकेशन कभी चंडीगढ़ तो कभी श्रीनगर की देते। वो किसे गिरफ्तार कर रहे थे? किसी दाऊद को? इतना कठिन था। या फिर गिरफ्तार करके थप्पड़ जड़ देते और फिर प्रभावशाली लोगों के आदेश पर छोड़ दिया गया।

पर्दे के पीछे से तुमने याचिका दायर कर दी। मेरे पास पूरे प्रमाण थे मैंने वकीलों से भी संपर्क किया। लेकिन उसके बाद मैं इस बात को लेकर खुश नहीं थी कि रोजाना मुझे ट्रोल किया जाता और मेरा उत्पीड़न किया जाता। मेरे पिता ने सोशल मीडिया से दूर रखने के मकसद से मुझे मेरी मां और बहन के साथ रहने के लिए भेज दिया।

मैं बंगलुरू से दूर थी। मैं उस समय ट्विटर से भी बिल्कुल अलग थी। यह वही समय था जब मैंने अपने पिता को खो दिया। उनकी प्रोस्टेट सर्जरी हुई। जिसके बाद हापोनैट्रेमिया बिल्कुल सामान्य है। फिर रोते हुए वह कूद गए। मैं नहीं जानती मेरे परिवार को बदनाम करने के लिए किसने पैसे दिए।

मेरी मां ने मुझे मीडिया के सामने जाने की इजाजत नहीं दी। हास्पिटल इससे और परेशान हो गया और उसने मेरे परिवार को बदनाम करने के लिए सभी मीडिया हाउसों को बुला लिया। यह मेरे लिए जीवन का सबसे हतप्रभ करने वाला मौका था जब हास्पिटल के एमडी ने फोन कर मुझे बताया कि सॉरी आपके पिता नहीं रहे। 

इस बीच मैं एक दुर्घटना का शिकार हो गयी। पुलिस उस समय पेट्रोल कर रही थी। उन्होंने मुझे वहां देखा और तुरंत दौड़े। उन्होंने मुझे सबसे पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया। मुझे ढेर सारी चोटें आयीं। और कई जगह फ्रैक्चर हो गया। और इस तरह से चार दिनों तक कोमा में रही। बिल्कुल लाइफ सपोर्ट पर। कोमा से रिकवर होने के बाद मेरे पेल्विक का आपरेशन किया गया। यह बेहद बुरा था। महीनों तक मैं बिस्तर पर रही।

  उस समय मुझे लगा कि पुलिस मेरे घर आयी होगी और पूछी होगी कि क्या मैं कोर्ट अटेंड कर सकती हूं। मेरा परिवार उसे जरूर मेरी स्थिति के बारे में बताया होगा। इसी तरह से पूरी एक लंबी दास्तान है।……

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