भारत जोड़ो न्याय यात्रा: बीजेडी-बीजेपी मिलकर ओडिशा को लूट रहे हैं: राहुल गांधी

नई दिल्ली। भारत जोड़ो न्याय यात्रा को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मिले अपार जनसमर्थन से कांग्रेस नेता राहुल गांधी गदगद दिखे। छत्तीसगढ़ में भी उन्होंने जनता के सामने यात्रा का मकसद रखा और पिछली यात्रा का भी जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा कि  एक साल पहले हमने यात्रा शुरू की थी, भारत जोड़ो यात्रा, कन्याकुमारी से कश्मीर तक गए। तो कन्याकुमारी से कश्मीर तक हम चले, 4,000 किलोमीटर चले और उस यात्रा का लक्ष्य बीजेपी-आरएसएस देश में नफरत फैला रही है, हिंसा का माहौल बना रही है, उसके खिलाफ खड़े होने का था और भारत जोड़ो यात्रा से बहुत खूबसूरत नारा निकला, ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है’ और ये लाइन कांग्रेस की विचारधारा को बहुत गहराई से किसी को भी समझा देती है। वो नफरत का बाजार खोलते हैं, हम मोहब्बत की दुकानें खोलते हैं। वो हिंसा के बाजार चलाते हैं, हम अहिंसा की दुकानें चलाते हैं।

तो जब हमने मणिपुर से महाराष्ट्र तक दूसरी यात्रा भारत जोड़ो यात्रा शुरू की और इसमें हमने एक शब्द जोड़ दिया, न्याय शब्द जोड़ दिया। क्योंकि पहली यात्रा में हमें दिखा कि देश में बहुत सारा अन्याय हो रहा है। अलग-अलग वर्गों के साथ अन्याय हो रहा है, भाषाओं के साथ अन्याय हो रहा है, प्रदेशों के साथ अन्याय हो रहा है, महिलाओं के साथ, किसानों के साथ, मजदूरों के साथ और हमें पता लगा, साफ पता लगा कि अन्याय और नफरत और हिंसा के बीच में लिंक है। मतलब अन्याय के बिना हिंदुस्तान में नफरत और हिंसा नहीं फैलाई जा सकती। अन्याय होगा, लोगों के दिल में डर होगा, तो फिर बीजेपी हिंसा और नफरत फैला सकती है। तो ये इनका टू प्वाइंट प्रोग्राम है। इंदिरा जी का 10 पॉइंट प्रोग्राम होता था, 20 पॉइंट प्रोग्राम होता था, इनका टू पॉइंट प्रोग्राम है। अन्याय बढ़ाओ, हिंसा और नफरत फैलाओ, ये करते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि आज हिंदुस्तान में हमारे युवाओं को रोजगार नहीं मिलता। 40 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है। महंगाई बढ़ती जा रही है। पब्लिक सेक्टर यूनिट प्राइवेटाइज होते जा रहे हैं। आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है। तो ये हुआ आर्थिक अन्याय।

दूसरा, सामाजिक अन्याय – कल ओडिशा में मेरी प्रेस वार्ता हुई और एक पत्रकार ने मुझसे पूछा, राहुल जी, आप जाति जनगणना की बात कर रहे हो, आप हर भाषण में कह रहे हो कि पिछड़ों को हक मिलना चाहिए, दलितों को हक मिलना चाहिए, आदिवासियों को हक मिलना चाहिए, क्या इससे देश नहीं बंट रहा है? सवाल पूछा। तो मैंने उससे दूसरा सवाल पूछा, मैंने कहा, भईया, आपका सवाल बहुत अच्छा है। जवाब देने से पहले मैं आपसे सवाल पूछना चाहता हूं, पूछ सकता हूं। कहता है हां, जी पूछिए। मैंने कहा ये जो आपकी पूरी प्रेस वार्ता है, दूर-दूर से आपके रिपोर्टर आए हैं, कैमरामैन आए हैं, आपके मालिक हैं, पूरा सिस्टम है। इस सिस्टम में कितने आदिवासी, कितने दलित, कितने पिछड़े हैं? नेशनल मीडिया में कितने अखबारों के मालिक पिछड़े वर्ग के हैं? कितने मालिक दलित वर्ग के हैं, कितने मालिक आदिवासी वर्ग के हैं, मैंने उससे पूछा? चुप हो गया। देश में 50 से 55 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के लोग हैं। 15 प्रतिशत दलित हैं, 8 प्रतिशत आदिवासी हैं।  

 हिंदुस्तान के सबसे बड़े 200 कॉर्पोरेट में है, ना पीएमओ में है, ना 90 ब्यूरोक्रेट जो हिंदुस्तान को चलाते हैं, उनमें है, ना किसी प्राइवेट अस्पताल के मालिक ओबीसी, दलित या आदिवासी वर्ग से नहीं आते हैं, कोई स्कूल नहीं, कोई यूनिवर्सिटी नहीं, जो इनके हाथों में है, तो भारत कैसे जुड़ सकता है? 73 प्रतिशत को आप कुछ नहीं दे रहे हो, उनको भूखा मार रहे हो।

तो सबसे पहले ये पता लगाना है, भईया हैं कौन, कितने हैं और इस देश में धन कैसे बंटा है। मैं आपको बता सकता हूं कि 200 कॉर्पोरेट में से, मैंने आंकड़े निकाले हैं, उनकी टॉप मैनेजमेंट में, उनके मालिकों की लिस्ट में ना एक ओबीसी है, ना एक दलित है, ना एक आदिवासी है। मैं आपको बता सकता हूं कि दिल्ली में 90 ऑफिसर जो देश को चलाते हैं, उनमें से तीन ओबीसी हैं, एक आदिवासी है, तीन दलित हैं। मतलब 73 प्रतिशत हिंदुस्तान के पांच प्रतिशत बजट को चलाता है।  

अब मोदी जी कहते हैं, अब मजे की बात सुनो। मोदी जी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी का एक नेता जाति जनगणना की बात उठा रहा है। तो सबसे पहला मेरा सवाल नरेंद्र मोदी जी से, अगर सिर्फ अमीर और गरीब जाति हैं हिंदुस्तान में, तो आप ओबीसी कैसे बन गए। नरेंद्र मोदी ओबीसी पैदा नहीं हुए थे। नरेंद्र मोदी की जो जाति है, मेरे पास फोन पर नोट है, मैं अभी ये पढ़ता हूं – नरेंद्र मोदी जी की जो जाति है, वो मोढ़ घांची जाति है गुजरात में। ठीक है। ये जाति 2000 में गुजरात सरकार ने ओबीसी घोषित की थी। आपके प्रधानमंत्री ओबीसी जाति के नहीं थे। साल 2000 में बीजेपी की सरकार ने गुजरात की घांची जाति को ओबीसी घोषित किया। आपके प्रधानमंत्री जनरल कास्ट के आदमी हैं।  

तीन और तरीके के अन्याय हो रहे हैं। एक- युवाओं के खिलाफ, दूसरा महिलाओं के खिलाफ और तीसरा, हमारे जो लेबर करते हैं, श्रमिक लोग जो हैं, उनके खिलाफ और आर्थिक और सामाजिक न्याय सबको चोट पहुंचाता है। आपके यहाँ जो बच्चे हैं, जो बेरोजगार हैं। बेरोजगार क्यों हैं, क्योंकि अडानी जी को देश की पूरी पूंजी पकड़ाई जा रही है। एक के बाद एक, एयरपोर्ट, पोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कें, सारा का सारा माल उनको दिया जा रहा है। ये आपका है, आपकी पूंजी है, आपके बच्चों का भविष्य है ये और नरेंद्र मोदी जी 24 घंटे एक ही व्यक्ति को पूरा का पूरा आपका धन पकड़ा रहे हैं। आप जीएसटी देते हो, आपकी जेब से निकलता है, सीधा उनकी जेब में जाता है।

आप देखना, मैंने जाति जनगणना की बात की, सामाजिक न्याय की बात की। नरेंद्र मोदी जी ने भाषण दिया- कहते हैं, भाईयो और बहनो, इस देश में सिर्फ दो जाति हैं, एक अमीर है, एक गरीब है। अच्छा भईया, अगर दो ही जाति हैं, तो आप कौन सी जाति के हो? आप गरीब तो नहीं हो, आप 24 घंटा नया सूट पहनते हो, करोड़ों रुपए का सूट पहनते हो, आप कहां के गरीब और अगर दो ही जाति हैं, तो आप ओबीसी कहां के बन गए?

अब देखो, मैंने सामाजिक न्याय की बात की, अब मैं आर्थिक न्याय की बात करना चाहता हूं। आपके प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री आपका पूरा का पूरा धन लेकर, आपके छोटे बिजनेस को लेकर खत्म कर रहा है। जीएसटी और नोटबंदी उन्होंने करवाई, अडानी जी की मदद करने के लिए और छोटे बिजनेसस सबको मार दिया। ओडिशा में, बाकी प्रदेशों में युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है। चीन का माल ये जो फोन है, ये जो आपकी शर्ट हैं, चीन का माल, हिंदुस्तान के बड़े-बड़े उद्योगपति आपको बेचते हैं। चीन के युवाओं का पैसा बनता है, उनका पैसा बनता है। आपकी जेब में से पैसा निकलता है। महंगाई से आप लड़ाई लड़ते हो, महंगाई आपको दबाती है। पेट्रोल का दाम बढ़ता है, आपको चोट लगती है। खाने का दाम बढ़ता है, आपको चोट लगती है। अडानी को कोई फर्क नहीं पड़ता, मोदी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

चलो अब चलते हैं किसानों के पास। किसानों के खेत के पास जाते हैं और यहां पर किसानों से कौन लूट रहा है, बीजेपी और बीजेडी मिलकर। बीजेपी-बीजेडी, बीजेपी और बीजेडी, मतलब पी और डी फर्क है, बाकी एक ही है। बीजेपी और बीजेडी, डी और पी फर्क है। दोनों साथी हैं, पार्टनरशिप चल रही है और ये क्या कर रहे हैं मैं आपको बता देता हूं साफ। ये यहां पर ओडिशा में इनकी साजिश है, ये आदिवासियों की जमीन चोरी करने में लगे हुए हैं।  

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