Friday, April 19, 2024

देश पर हिंदुओं-मुसलमानों के बराबर हक की गांधी की बात से डरती है बीजेपी: तुषार गांधी

नई दिल्ली। एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से महात्मा गांधी से संबंधित पाठों को हटाने और छेड़छाड़ करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने संघ-भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की “असली पहचान और विरासत” ने बीजेपी-आरएसएस को हमेशा “परेशान” किया है।

उन्होंने कहा कि वह गांधी जी को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से हटाए जाने से “आश्चर्यचकित नहीं” हैं, लेकिन चिंतित हैं कि इस तरह के और प्रयास किए जाएंगे।

बुधवार को मीडिया से बात करते हुए, “लेट्स किल गांधी! ए क्रॉनिकल ऑफ़ हिज़ लास्ट डेज़, द कॉन्सपिरेसी, मर्डर इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रायल” के लेखक तुषार गांधी ने कहा कि गांधी के विचार और उनके कार्यों में छेड़-छाड़ से “संघ परिवार के गलत सूचना के अभियान” की अधिक स्वीकृति होगी।

“संघ परिवार द्वारा इतिहास को मिटाने के इस प्रयास से मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। उन्होंने इतिहास को फिर से लिखने और स्थापित इतिहास को बदनाम करने की अपनी इच्छा के बारे में हमेशा कोई रहस्य नहीं बनाया है। यह दो उद्देश्यों की पूर्ति करता है- वे इतिहास का एक सुविधाजनक संस्करण लिखने में सक्षम हैं जो उन्हें सूट करता है और वे गांधी को उस रंग में रंग सकते हैं जिसमें वे उन्हें देखना चाहते हैं। मोहनदास करमचंद गांधी की वास्तविक पहचान और विरासत ने उन्हें हमेशा परेशान किया है।

एनसीईआरटी ने गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस पर 1948 के प्रतिबंध को कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया है, जो सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पूरे भारत में पढ़ाए जाते हैं। कई राज्य बोर्ड भी एनसीईआरटी की पुस्तकों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है। इस तरह से एक पूरी पीढ़ी गांधी के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी पढ़ेगी।

गांधी से संबंधित तथ्य और विचार से छेड़छाड़ करने से विपक्षी दलों में नाराजगी है, जिन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह इतिहास को “रंग-रोगन” करने की कोशिश कर रहा है जिससे भाजपा को असुविधा होती है। तुषार गांधी का कहना है कि भाजपा-आरएसएस गांधी की विरासत से इस हद तक परेशान थी कि उसने “इतिहास के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने का फैसला किया, जिस क्षण उसने यह क्षमता हासिल की।”

उन्होंने कहा कि “पाठ्य पुस्तकों में गलत और भ्रामक सूचना पढ़कर भावी पीढ़ी उसे ही सही मानेंगी। तब उनके पास एक भावी पीढ़ी होगी जिसके पास वास्तविक शिक्षा और सही सूचना नहीं होगी और उनके (आरएसएस-बीजेपी) गलत सूचना के अभियान को स्वीकार करना आसान होगा। यह शुरुआत में ही ब्रेनवॉश करने का उनकी रणनीति है। उन विचारों पर हावी होने की कोशिश करने के बजाय जो पहले से ही प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं, वे झूठ को रचनात्मक दिमाग में भरने की कोशिश कर रहे हैं।”

तुषार ने कहा कि महात्मा का जो संस्करण आरएसएस के अनुकूल है, वह उसे बिना परिभाषा के लोगों के सामने रखेंगे। जैसे कि वह एक सनातनी हिंदू थे। जो गांधी जी के उस सनातनी हिंदू की परिभाषा की बजाए संघ-भाजपा का सनातनी हिंदू होगा। जिन्हें वे आसानी से बिना राम राज्य परिभाषा बताए उनको राम राज्य के उपासक के रूप में दिखा सकते हैं।

तुषार गांधी ने कहा, “इस तरह के गांधी को वे हमेशा अपनाना चाहते थे। उनके लिए उस गांधी के साथ रहना बहुत आसान होगा… आरएसएस हमेशा से पाखंडी रहा है। कम से कम हिंदू महासभा के साथ हम जानते हैं कि वे कहां खड़े हैं, आरएसएस हमेशा छलावा करता है। वे काम करवाते हैं और उनके पास अपने लिए बच निकलने का रास्ता होता है। इसलिए उनका दोगलापन आश्चर्यजनक नहीं है।”

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