Friday, March 29, 2024

संबित पात्रा के ट्वीट पर मैनिपुलेटेड टैग लगाने पर केंद्र सरकार ने ट्विटर को लिखा पत्र

18 मई को ट्वीटर द्वारा भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनुपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगाने के बाद बौखलायी केंद्र सरकार ने टूल किट मामले पर ट्विटर को सख्त हिदायत देते हुये कहा है कि ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करे, क्योंकि अभी टूलकिट मामले की जांच एजेंसी कर रही है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने ये भी कहा है कि एजेंसी टूलकिट के कंटेंट की जांच कर रही है, न कि ट्विटर की। 

दरअसल ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी हैंडल से कोई ऐसा ट्वीट किया गया है कि उसका सोर्स सटीक नहीं है और उपलब्ध जानकारी भी गलत है तो इस पर मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगाया जाता है। ये वीडियो, ट्वीट, फोटो या अन्य किसी भी कंटेंट पर लगाया जाता है। 

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने ट्विटर की ग्लोबल टीम को लिखे पत्र में ट्विटर को पूर्वाग्रही बताते हुये कहा है कि – “एक तरफ सरकारी जांच एजेंसी अपनी छानबीन कर रही है, दूसरी ओर ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया जैसे टैग का इस्तेमाल कर जांच पूरी होने से पहले ही एकतरफा फैसला सुना दे रही है। इस तरह की टैगिंग दिखाती है कि ट्विटर पहले से फैसला कर रही है, वो पूर्वाग्रही है और जांच को नया रंग देने की कोशिश कर रही है।

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने आगे कहा है कि – “आप जांच पूरी होने तक इस प्रक्रिया में दखल न दें। जब तक यह मामला जांच के दायरे में है तब तक ट्विटर अपना फैसला नहीं सुना सकती है। ट्विटर भारतीय राजनेताओं के ट्वीट में मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करें। 

सूचना मंत्रालय ने आगे कहा है कि – इन कदमों से ट्विटर की छवि खराब होती है। सरकार ने कहा कि ट्विटर का ये कदम साफ तौर पर निष्पक्ष तौर से चल रही जांच को प्रभावित करने वाला और एकतरफा है। यह उसके दायरे के भी बाहर है और हम इसका विरोध करते हैं। ट्विटर ने अपने आप ही कुछ ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया टैग से डेजिग्नेट करने का फैसला लिया, जबकि एजेंसी के पास इस मामले की जांच चल रही थी। इससे निष्पक्ष प्लेटफॉर्म के तौर पर ट्विटर की विश्वसनीयता कम होती है। इस कदम से ये सवाल उठता है कि ट्विटर मध्यस्थ या पंच बन रहा है।

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि – “संबंधित पक्षों’ (कांग्रेस पार्टी) में से एक द्वारा कानून प्रवर्तन एजेंसी के सामने ‘टूलकिट’ की सत्यता पर सवाल उठाते हुए शिकायत की गई है, और कहा कि ‘मामला जांच के दायरे में है।”

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील अहिरे ने मीडिया को जानकारी दिया था कि उनकी पार्टी द्वारा FIR दर्ज़ की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि “बीजेपी ‘कोरोना कुप्रबंधन पर एक नकली ‘टूलकिट’ का प्रचार कर रही है और इसका श्रेय AICC अनुसंधान विभाग को दे रही है।” उन्होंने कहा था कि पार्टी जेपी नड्डा और संबित पात्रा के खिलाफ ‘जालसाजी’ की FIR दर्ज़ करा रही है।

गौरतलब है कि ट्विटर द्वारा संबित पात्रा के ट्वीट पर टैग लगाने की कार्रवाई ठीक उसी दिन की गयी थी जिस दिन कांग्रेस ने ट्विटर को पत्र लिखकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सांसद स्मृति ईरानी, संबित पात्रा सहित अन्य बीजेपी नेताओं के हैंडल पर ‘गलत सूचनाओं का प्रसार कर समाज में अशांति फैलाने’ का आरोप लगाते हुये उन एकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित करने की मांग की थी। 

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प के कई ट्वीट्स पर इस तरह का लेबल लगाया गया था। और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के संसद परिसर में हिंसा के बाद तत्कालीन निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ट्विटर ने कड़ी कार्रवाई करते हुये उनके एकाउंट को स्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया था।

तब ट्विटर ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर खाते को भविष्य में और हिंसा की आशंका को देखते हुए स्थायी रूप से सस्पेंड किया जाता है।  

वहीं अभी हाल ही में 4 मई को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा पश्चिम बंगाल में जीनोसाइड के लिये ट्विटर ने नफ़रती आचरण और अपमानजनक व्यवहार नीति का उल्लंघन करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत का अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दिया था।

इससे पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भड़की और उस दौरान और उससे पहले ट्विटर ने 500 से ज्यादा ट्विटर एकाउंट पर कार्रवाई करते हुये उन्हें सस्पेंड किया था और कुछ को स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया। तब ट्विटर ने खुद बयान जारी कर यह बताया था कि उसने 500 से ज्यादा एकाउंट को सस्पेंड किया है, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और हिंसा को भड़काया। जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के आदेश पर ‘फार्मर जेनोसाइड’ (किसानों का नरसंहार) हैशटैग वाले सैकड़ो एकाउंट को सस्पेंड करने को लेकर ट्विटर और नरेंद्र मोदी सरकार आमने सामने आ गये थे। 

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