छत्तीसगढ़ः पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर पत्रकार बैठे क्रमिक अनशन पर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रदेश भर के पत्रकार अपनी सुरक्षा को लेकर आंदोलनरत हैं। कांग्रेस पार्टी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। पत्रकार सुरक्षा कानून तो अब तक लागू नहीं हुआ, लेकिन वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला और सतीश यादव को सरेराह कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पीट जरूर दिया। इसी वजह से अब पत्रकार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

कांकेर में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पत्रकार कमल शुक्ला और सतीश यादव से मारपीट की थी। घटना 26 सितंबर की है। पत्रकार सतीश यादव को कांग्रेसी पार्षद और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष बीच शहर से घसीटते हुए मारपीट करते थाने लाए थे। कमल शुक्ला थाने में पत्रकार सतीश से हुई मारपीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाने गए थे। उस दौरान विधायक शिशुपाल शौरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन ने अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ थाना परिसर में ही पत्रकारों को अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारने की धमकी दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था।

कमल शुक्ला का आरोप है कि वह लगातार रेत माफिया पर खबरें लिख रहे थे और कांग्रेस के विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेमन इसे संचालित करते हैं। वहीं सतीश यादव का आरोप है कि वह नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर खबरें लिख रहे थे, जिसकी वजह से उनको मारापीटा गया। इस हमले में कांग्रेस के विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के उपाध्यक्ष गणेश तिवारी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर, कांग्रेसी पार्षद शादाब खान के अलावा अन्य को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि पूरे मामले में सरकार और प्रशासन ने ढुलमुल रवैया अपनाते हुए आरोपियों को संरक्षण दिया। आरोपियों के ऊपर मामूली धाराएं लगा कर उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया।

आरोपियों पर कार्रवाई न होने से चार दिनों से छत्तीसगढ़ में पत्रकार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। यहां वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की बातचीत नहीं की गई है। इन पत्रकारों ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। इसके साथ ही जिले के कलेक्टर, एसपी को स्थान्तरित करने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग भी पत्रकारों ने उठाई है। प्रदेश भर के पत्रकारों ने भी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया था। फिर भी सरकार के तरफ से कोई जवाब नहीं आने पर ज्ञापन की प्रति जला कर दूसरे दिन से पत्रकार कमल शुक्ला, सतीश यादव और अन्य साथियों के साथ क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

(जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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