छत्तीसगढ़ः पत्रकार पर हमले के खिलाफ मीडियाकर्मियों ने दिया धरना, दो अक्टूबर को सीएम हाउस के घेराव की चेतावनी

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कांकेर। थाने के सामने वरिष्ठ पत्रकार से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पत्रकारों ने मारपीट करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग में धरना दिया। राज्य सरकार को एक अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो पत्रकारों ने दो अक्टूबर को सीएम हाउस का घेराव करने की चेतावनी दी है। कांकेर पुलिस ने मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों को रात में ही बरी कर दिया है।

कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने से खींच कर खुलेआम मारपीट की थी। इसके विरोध में रविवार को कांकेर जिला मुख्यालाय में प्रदेश भर के पत्रकारों ने धरना-प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के विरोध में पत्रकारों ने राज्य सरकार को एक अक्टूबर तक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो 2 अक्टूबर को प्रदेश भर के पत्रकार रायपुर में सीएम हाउस का घेराव करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला कांकेर के ही एक अन्य पत्रकार सतीश यादव पर कांग्रेस के नेता जितेंद्र सिंह ठाकुर और कांग्रेसी पार्षदों के द्वारा मारपीट किए जाने की शिकायत पर थाने के बाहर खड़े थे। थाने के सामने ही विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, खुद को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस का प्रवक्ता बताने वाला गणेश तिवारी और कांग्रेस पार्षद शादाब खान ने उन पर अचानक हमला कर दिया। कमल शुक्ला के सर और कान के पास गंभीर चोट आई है।

घटना से आहत जिले के पत्रकारों ने रात से ही जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरना रविवार शाम तक जारी रहा। इसमें प्रदेश भर से पत्रकार शामिल हुए। बता दें कि कांकेर पुलिस ने आरोपियों पर मामूली धाराओं में अपराध दर्ज कर उन्हें रात में ही जमानत पर रिहा कर दिया।

पत्रकारों ने एक अक्टूबर से पहले एसपी और कलेक्टर को कांकेर से हटाने की मांग की है। पत्रकारों का आरोप है कि कलेक्टर और एसपी दोनों के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया है।

पत्रकारों के आंदोलन को आम आदमी पार्टी और भाजपा ने समर्थन दिया है। सांसद मोहन मंडावी और आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने धरना स्थल पहुंच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सासंद मोहन मंडावी ने कहा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर सीधा हमला है, यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

कमल शुक्ला थाने में पत्रकार सतीश यादव से हुई मारपीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाने गए थे। उस दौरान विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन ने अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ थाना परिसर में ही पत्रकारों को अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारने की धमकी दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

(जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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