Sunday, April 28, 2024

दुर्नीति, अन्याय और बदनीयत से भरा था पीएम मोदी का भाषण: कांग्रेस 

नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की विफलताओं को तीन शब्दों ‘दुर्नीति (ख़राब नीतियां), अन्याय और शायद सबसे महत्वपूर्ण बदनीयत’ के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है। बयानबाज़ी और शेखी बघारने से अब यह सच्चाई नहीं छिप सकती, जो स्पष्ट रूप से पूरे देश के सामने है।“ इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है। 

बयान में कहा गया है कि “15 अगस्त, 2023 को लोगों को यह बताने के बजाय कि उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में क्या हासिल किया है, प्रधानमंत्री मोदी ने झूठ, अतिशयोक्ति और अस्पष्ट वादों से भरा एक बेतुका चुनावी भाषण दिया है। प्रधानमंत्री ने हमारी अब तक की यात्रा का जश्न मनाने के लिए देश को एक साथ लाने, पीड़ितों के दर्द और पीड़ा को स्वीकार करने और आगे आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने की बजाए उसे केवल अपने और अपनी छवि पर केंद्रित रखा”।

मणिपुर हिंसा पर पीएम के भाषण को लेकर कांग्रेस ने तीखा वार किया है और उन्हें मणिपुर की ओर से लापरवाह बताते हुए कहा है कि “प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हिंसा में हुई तबाही को बमुश्किल संबोधित किया और लापरवाह तरीके से इसकी तुलना देश के दूसरे हिस्सों में घटी घटनाओं से की। उन्होंने उन घोर विफलताओं पर कोई दुख या स्वीकारोक्ति नहीं दिखाई जिसके कारण मणिपुर युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया। प्रधानमंत्री ने भले ही यह कहा हो कि ‘अमृत काल’ में भारत माता का कायाकल्प किया जा रहा है, लेकिन पूरे देश ने मणिपुर में उनका हश्र देखा है जहां महिलाओं पर क्रूरतापूर्वक निर्मम अत्याचार हो रहे हैं।“

कोविड-19 के दौरान सरकार की विफलताओं पर करारा चोट करते हुए कांग्रेस ने कहा कि ”प्रधानमंत्री ने दावा किया कि एक नई विश्व व्यवस्था की शुरुआत हुई है क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया ने भारत की क्षमता देखी है। उन्होंने जान बूझ कर इस बात का जिक्र नहीं किया कि अपर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति और समय पर पर्याप्त टीकों का ऑर्डर करने में उनकी विफलता के प्रत्यक्ष परिणामस्वरूप विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में कोविड से 40 लाख मौतें हुईं, जो दुनिया में मृत्यु का सबसे बड़ा आंकड़ा है”। 

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि “विनाशकारी दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के बाहर शवों के ढेर और गंगा में बहते शवों को दुनिया भूली नहीं है। पीएम ने 200 करोड़ टीके लगाने के लिए आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देकर उनके साथ एक क्रूर मजाक किया। विशेष तौर पर जब आवश्यक सेवा देने वाले इन कर्मचारियों में से बहुतों के परिवार वालों को उनकी महामारी में मौत के बाद मुआवजा नहीं दिया गया था और जो जीवित थे, उनकी मज़दूरी का भुगतान भी नहीं किया गया था”।

सीमा पर चीन की घुसपैठ को लेकर पार्टी ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने और सेना का अपमान करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि “जब चीनी सैनिकों ने घुसपैठ के तीन साल बाद भी डेपसांग डेमचोक में भारतीय क्षेत्र के 2,000 वर्ग किमी पर भारत की पहुंच को अवरुद्ध किया हुआ है, तब यह दावा करने के लिए विशेष दुस्साहस चाहिए कि हमारी सीमाएं पहले से अधिक सुरक्षित हैं”। 

आगे पार्टी ने कहा है कि “और जैसा विशेष दुस्साहस प्रधानमंत्री ने 19 जून, 2020 को देश से यूं ही असत्य बोलकर किया कि ‘ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, ना ही कोई घुसा हुआ है, वो भी तब जब चीन हमारे सैनिकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था। और मणिपुर में डबल इंजन का मिसफायर भी चीन के हाथों में खेलने जैसा ही है। लाल किले से राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में झूठ बोलने से बड़ा अपमान हमने सशस्त्र बलों का और कोई नहीं से सकता है।“

देश में बढ़ती बेरोजगारी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री ने कहा कि डेमोग्राफी, लोकतंत्र और विविधता की त्रिमूर्ति भारत को एक विकसित देश बनाने में मदद करेगी। लेकिन ये पिछले 9 सालों में इन तीनों मोर्चों पर विफल रहे हैं। युवाओं से प्रधानमंत्री का वादा कि देश में अवसरों की कमी नहीं है एक झूठ है। मोदी सरकार ने भारत की जनसंख्या के लाभ को बर्बाद कर दिया है। हर चार शिक्षित युवाओं में से एक बेरोजगार है और बाकियों में से कई छुपी हुई बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, छोटी या अनुत्पादक नौकरियां कर रहे हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं की अनंत तैयारी कर रहे हैं।“

पार्टी ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सीजेआई की भूमिका को खत्म करने वाले बिल का जिक्र करते हुए कहा कि “भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों का लगातार क्षरण हो रहा है, जिसका नवीनतम उदाहरण चुनाव आयोग को कार्यपालिका के नियंत्रण में लाने वाला विधेयक है जो उसके सदस्यों के चयन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई सिफारिशों के खिलाफ है।“

दलितों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों और मॉब लिंचिंग पर कांग्रेस ने जमकर सरकार की आलोचना की। यही नहीं पार्टी ने सरकार पर देश की मुख्यधारा की मीडिया पर कब्जा करने और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया और कहा कि “क्षेत्रीय संस्कृतियों और भाषाओं पर हमलों और सबसे कमजोर तबकों, विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ की हिंसा को वैध ठहराकर देश की विविधता को बेमानी बनाया जा रहा है। मोदी सरकार, भाजपा और कट्टर नेतृत्व वाले संघ परिवार द्वारा मीडिया पर नियंत्रण और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से देश का सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो गया है।“

पार्टी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में महिला पहलवानों का भी मुद्दा उठाया और उन पर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “जब प्रधानमंत्री हमारी महिला एथलीटों और राष्ट्रीय चैंपियंस को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर घसीटने पर उनका साथ देने की बजाय यौन हिंसा करने वालों का साथ देते हैं और जब मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर बलात्कार किए जाने पर कुछ नहीं करते हैं, तब महिला नेतृत्व वाले विकास की प्रधानमंत्री की बात खोखली लगती है”।

सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मुद्दे पर पार्टी ने प्रधानमंत्री पर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा कि “प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत के मतदाताओं द्वारा उन्हें दिए गए बहुमत ने उन्हें सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म) करने की अनुमति दी, पर वास्तविकता यह है कि मोदी सरकार के सभी कथित सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन उन मतदाताओं के साथ विश्वासघात के रूप में समाप्त हुए हैं, जिसका उन्हें अब एहसास हो रहा है”।

ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग करने और बेतहाशा बढ़ी हुई महंगाई पर पार्टी ने पीएम मोदी पर कड़ा प्रहार किया। इतना ही नहीं नोटबंदी, जीएसटी जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए पार्टी ने कहा कि “मोदी सरकार के सभी ‘सुधार’ (रिफार्म) जन-विरोधी रहे हैं, चाहे वह नोटबंदी हो, त्रुटिपूर्ण जीएसटी हो, या किसान विरोधी कानून हो। भाजपा की राज्य सरकारों का 40 प्रतिशत कमीशन राज, विपक्षी नेताओं को ‘स्वच्छ’ करने के बीजेपी का एक वॉशिंग मशीन के रूप में प्रयोग करके ईडी/सीबीआई/आईटी द्वारा बीजेपी का अनुपालन करने या सहयोग करने के लिए मजबूर करना और चुनी हुई विपक्ष की राज्य सरकारों को गिराना ही मोदी सरकार का एक मात्र ‘परफॉर्मेंस’ है। और एकमात्र ‘परिवर्तन’ (ट्रांसफार्म) हुआ है – चुनिंदा मोदी निर्मित एकाधिकार में आर्थिक शक्ति का केंद्रीकरण जो महंगाई को बढ़ा रहा है और रिकॉर्ड असामनता सुनिश्चित कर रहा है। विशेष रूप से, सौदों और सरकारी राजस्व को अपने सबसे पसंदीदा व्यवसाय समूह की ओर मोड़ने में प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष भूमिका इस ‘परिवर्तन’ का अहम हिस्सा है”।

कांग्रेस पार्टी ने महंगाई, पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों पर मोदी सरकार को फेल बताया और कहा कि पीएम मोदी अपने देश की महंगाई का दोष बाकी दुनिया पर मढ़ रहे हैं। पार्टी ने कहा है कि, “प्रधानमंत्री ने महंगाई का दोष बाकी दुनिया पर मढ़ने की कोशिश की, जबकि हकीकत यह है कि यूपीए के वर्षों की तुलना में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हैं। फिर भी मोदी सरकार भारत में डीजल और पेट्रोल के लिए दुनिया की सबसे ज्यादा कीमतों की श्रेणी में वसूली कर उपभोक्ताओं को लूटने में लगी हुई है, जिससे खुदरा और खाद्य मुद्रास्फीति (महंगाई) दुष्कर बन रही है। न ही उन्होंने इस बारे में बात की कि सस्ते रूसी तेल का लाभ लोगों की बजाय बड़े निगमों को क्यों दिया जा रहा है। एक समय था जब प्रधानमंत्री अपने भाषणों में टॉप (TOP) – टमाटर,प्याज, आलू- और रसोई गैस सिलेंडरों की बात किया करते थे। आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर अपनी विफलताओं के दोष से बचने का आज (मंगलवार को) उनका प्रयास निराशाजनक था”।

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