Friday, March 29, 2024

झारखंड: माओवादी बताकर 4 आदिवासियों को भेजा जेल, ग्रामीणों ने घेरा थाना

झारखंड में झामुमो-नीत महागठबंधन सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अपना एक साल पूरा कर लिया है, लेकिन ‘माओवादी’ के नाम पर ग्रामीण आदिवासियों की गिरफ्तारी रूकने का नाम नहीं ले रही है। अधिकांश गिरफ्तारियों के बाद ग्रामीण थाना का घेराव भी करते हैं, कई बार वे अपने लोगों को थाना से छुड़ाकर ले जाने में सफल होते हैं, तो कई बार विफल। 

‘माओवादी’ के नाम पर हुई गिरफ्तारी की खबर अगर ग्रामीणों को तुरंत हो जाती है, तो वे सैकड़ों की संख्या में तुरंत थाने का घेराव कर उसके निर्दोष होने की गवाही देने लगते हैं, जिससे पुलिस थाने से भी ग्रामीण आदिवासियों को छोड़ने पर मजबूर होती है, लेकिन अधिकांश मामले में ग्रामीणों या परिजनों को खबर ही नहीं होती कि उनके गांव वालों या परिजनों को पुलिस ने ‘माओवादी’ बताकर गिरफ्तार कर लिया है, उन्हें खबर तब मिलती है जब गिरफ्तार लोगों को जेल भेजने के बाद अखबारों में इससे संबंधित खबरें छपती हैं। ऐसी हालत में थाना घेराव से भी गिरफ्तार आदिवासियों को कोई राहत नहीं मिलती है।

ठीक ऐसी ही खबर चाईबासा जिला के सोनुवा थाना से आयी है। आज अखबारों में पुलिस के हवाले से खबर छपी है कि सोनुवा थानान्तर्गत अर्जुनपुर पुलिस पिकेट को उड़ाने की साजिश कर रहे 4 आदिवासी युवाओं (दो नाबालिग) को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अखबारों में यह भी खबर है कि इस गिरफ्तारी के विरोध में लगभग 500 ग्रामीण महिला-पुरुष आदिवासियों ने सोनुवा थाने को लगभग 3 घंटे हरवे-हथियार (टांगी, तीर-धनुष, डंडा आदि) से लैस होकर घेरे रखा।

चाईबासा एएसपी के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी करके सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस ने सोनुवा थानान्तर्गत झलियामारा गांव से पाताहातू गांव के रहने वाले 4 माओवादियों (दो नाबालिग) को तीन तीर बम, एक देशी पिस्तौल, एक गोली व चार मोबाइल के साथ 3 जनवरी को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से 25 वर्षीय बुधराम गागराई व 19 वर्षीय गोमिया बांकिरा को चाईबासा सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया है और दो नाबालिग बच्चों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।

4 जनवरी को जब पाताहातू के सैकड़ों महिला-पुरुष आदिवासियों ने सोनुवा थाने का घेराव किया, तो प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब हमारे बच्चों को गिरफ्तार किया गया, तो हमें सूचना क्यों नहीं दी गयी? बिना सूचना दिये जेल कैसे भेजा गया? 

ग्रामीणों का कहना था कि पाताहातू गांव के चार युवक बुधराम गागराई, गोमिया बांकिरा, नाबालिग रूंग गागराई और प्रधान सामड 2 जनवरी को प्रधान सामड के मामा के घर झलियामारा घूमने के लिए गये थे, जहाँ पुलिस ने झूठे आरोप में चारों को पकड़ा और परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दिये बिना जेल भेज दिया। साथ ही सभी पर आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपीए व 17 सीएलए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने लगभग तीन घंटे तक सोनुवा थाना को घेरे रखा और थाना के सामने की सड़क को भी जाम कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने वहाँ जमकर नारेबाजी भी की और चारों बेकसूर ग्रामीणों को छोड़ने की मांग की।  लेकिन जेल भेजे जाने की खबर सुनकर व थाना के अधिकारियों द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने में अपनी असमर्थता जताने के कारण वे लौट आये।

मालूम हो कि सोनुवा-गुदड़ी मार्ग पर अर्जुनपुर में सैप जवानों का एक कैम्प सड़क निर्माण कम्पनियों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। 

(झारखंड से स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट।)

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