पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से सबक लेने की जरूरत, 2024 के लिए बिहार पर देश की नजर: दीपंकर

पटना। जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आंकड़ों के आलोक में आज भाकपा-माले ने ‘बदलाव के संकल्प’ के साथ राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया। कन्वेंशन को पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, माले नेता राजाराम सिंह, मीना तिवारी, धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ, महबूब आलम और शशि यादव ने संबोधित किया, जबकि विषय प्रवेश राज्य सचिव कुणाल ने किया। इस मौके पर एक बुकलेट का भी लोकार्पण किया गया।

माले महासचिव दीपंकर ने अपने संबोधन में कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने 2024 के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं कर दिए हैं, लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं तो 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना पूरी तरह संभव है। 2024 में निर्णायक जीत के लिए आज के ज्वलंत मुद्दों पर एक सशक्त जन अभियान शुरू करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर बिहार पर है। बिहार में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन है। यदि महागठबंधन सरकार सही रास्ते पर चले और संघर्ष के मुद्दों पर केंद्रित हो, तो भाजपा की हार निश्चित है।

दीपंकर ने आगे कहा कि बिहार का सामाजिक-आर्थिक सर्वे सरकारों की विफलता के आंकड़े हैं। लंबे समय से बिहार में ‘डबल इंजन’ की ही सरकार थी। यह सर्वे किसानों की आय दोगुनी करने और हर गरीब को पक्का मकान देने के मोदी सरकार के वादे की भी पोल खोल रहा है। बिहार सरकार ने सच को स्वीकार किया है, लेकिन केंद्र सरकार आंकड़ों को छुपाकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, वंचितों के आरक्षण का विस्तार व बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग का स्वागत है, लेकिन लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए। 34 प्रतिशत लोग अतिगरीबों की श्रेणी हैं, 64 प्रतिशत आबादी को गरीब कहना चाहिए। लोग भारी कर्ज व पलायन के जरिए जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।

स्कीम वर्करों के लिए न्यूनतम 15000 रु. वेतन, मनरेगा में काम के दिन व मजदूरी बढ़ाकर, खाली पदों पर बहाली आदि के जरिए लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाई जा सकती है। निजीकरण महंगाई को बढ़ावा दे रहा है और लोगों के जीवन को संकट में डाल रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मदों में सरकारी खर्चा बढ़ाना चाहिए।

दीपंकर ने कहा कि भूमि सुधार, खेती का विकास, लघु उद्योगों की स्थापना सरीखी ढांचागत समस्याएं बिहार के पिछड़ेपन के कारण हैं। यह कोई माले का नहीं बल्कि बिहार के विकास का एजेंडा है। यह महागठबंधन का एजेंडा बनना चाहिए। इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि गरीबी की भयावहता से राज्य को उबारने के लिए विशेषज्ञों की एक कमिटी बने और एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाई जाए। अंबानी-अडानी की जगह गरीबों के विकास का सवाल राजनीति के केंद्र में हो।

कन्वेंशन के अध्यक्षमंडल में उपर्युक्त नेताओं के अलावा सरोज चौबे, अनिता सिन्हा, सोहिला गुप्ता, महबूब आलम, सत्यदेव राम और इंद्रजीत चौरसिया शामिल थे। वरिष्ठ पार्टी नेता स्वदेश भट्टाचार्य, अमर, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव सहित पार्टी के सभी राज्य स्थायी समिति के सदस्य व सभी विधायक मंच पर मौजूद थे।

संदीप सौरभ ने शिक्षा और रोजगार, शशि यादव ने स्कीम वर्कर, धीरेन्द्र झा ने भूमि सुधार, आवास व मनरेगा; मीना तिवारी ने महिलाओं के सशक्तिकरण और राजाराम सिंह ने कृषि सुधार, बटाईदारी व कृषि आधारित उद्योग-धंधे पर अपनी बातें कन्वेंशन में रखीं।

इसके पूर्व अनिल अंशुमन, प्रमोद यादव, पुनीत पाठक आदि जसम के कलाकारों के शहीद गीत के साथ कन्वेंशन की शुरूआत हुई।

कन्वेंशन के प्रस्ताव

1. जाति आधारित गणना के आंकड़ों के आलोक में वंचित समुदाय के लिए आरक्षण के दायरे को 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के बिहार सरकार के फैसले का स्वागत करता है। हम बहुत पहले से यह मांग करते आए हैं। कन्वेंशन अविलंब पूरे देश में जाति आधारित गणना कराने की मांग करता है।

2. बिहार व पूरे देश की समृद्धि व विकास के लिए बिहार को विषेष राज्य का दर्जा मिलना आज एक जरूरी शर्त बन गया है। कन्वेंशन इस मामले में राज्य सरकार द्वारा केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करता है तथा इसे हासिल करने के लिए एकताबद्ध होकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान करता है।

3. जाति आधारित गणना व सामाजिक-आर्थिक सर्वे ने बिहार में भयावह गरीबी के ऐतिहासिक दुष्चक्र, रोजगारविहीनता, आवास की समस्या, शिक्षा की बदहाली आदि के भयावह सच को सामने लाया है। कन्वेंशन इन आंकड़ों के आलोक में बिहार के विकास के लिए एक समग्र नीति बनाने हेतु एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने की मांग करता है।

विशेषज्ञ कमेटी में जनांदोलनों के कार्यकर्तां, अविकास की ऐतिहासिक समस्या पर अध्ययन करने वाले अध्येता तथा सामाजिक सरोकार रखने वाले बुद्धिजीवी आदि भी शामिल हों। कन्वेंशन व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर बिहार को गरीबी व पिछड़ेपन के दुष्चक्र से बाहर निकालने की एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाने की मांग करता है।

4. यह कन्वेंशन बिहार की गरीबी व पिछड़ेपन के लिए जिम्मेवार भूमि के असमान वितरण सरीखी ढांचागत समस्याओं को हल करने तथा कृषि सुधारों, लघु उद्योगों के विकास, तमाम रिक्त पदों पर अविलंब बहाली, स्कीम वर्करों के नियमितीकरण व 15000 रु. मासिक वेतन की गारंटी, मनरेगा में साल में न्यूनतम 200 दिन काम व 600 रु. मजदूरी, आवास की समस्या झेल रही बड़ी आबादी के लिए नया वास-आवास कानून, ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए रोजगार, शिक्षा में व्यापक सुधार आदि मांगों के संदर्भ में राज्य सरकार से फौरी तौर पर कदम उठाने की मांग करता है।

5. कन्वेंशन भारत सरकार की इजरायल पक्षीय नीतियों की निंदा करते हुए निर्दोष फिलिस्तीनियों के जारी बर्बर जनसंहार पर तत्काल रोक लगाने की मांग करता है।

6. कन्वेंशन आंदोलनरत आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की मांगों का समर्थन करता है और इन कर्मियों पर की गई सभी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई को उसे अविलंब वापस लेने की मांग करता है। कन्वेंशन शिक्षकों पर भी थोपे जा रहे सभी अलोकतांत्रिक फैसलों को वापस लेने की मांग करता है।

7. कर्नाटक में सात बिहारी मजदूरों की दुखद मौत पर कन्वेंशन गहरा दुख प्रकट करता है तथा उनके परिजनों के लिए बिहार सरकार से 10 लाख रु. सहायता राशि देने की मांग करता है। कन्वेंशन केन्द्र व राज्य सरकारों से प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा व सम्मानजक रोजगार के लिए उचित कदम उठाने की मांग करता है।

8. वाजपेयी सरकार द्वारा खत्म कर दिए ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनर्बहाल करने की मांग पर पूरे देश में व्यापक आंदोलन चल रहा है। कन्वेंशन ओल्ड पेंशन स्कीम के पक्ष में चल रहे आंदोलनों का समर्थन करते हुए पूरे देश व राज्य में उसकी पुनर्बहाली की मांग करता है।

9. कन्वेंशन सिवान जिले के दरौली प्रखंड परिसर में संविधान निर्माता बाब साहेब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना के लिए चल रहे जनअभियान का पुरजोर समर्थन करता है तथा स्थानीय प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा कल 6 दिसंबर को बाबा साहेब के स्मृति दिवस पर इसकी अनुमति न दिए जाने पर गहरी चिंता जाहिर करता है तथा राज्य सरकार से अविलंब इस मामले में मौजूद सभी बाधाओं को दूर करते हुए इसकी अनुमति देने की मांग करता है।

10. कन्वेंशन सिवान के गोरियाकोठी प्रखंड के पार्टी नेता जमादार मांझी की बर्बर हत्या के प्रति आक्रोश जाहिर करते हुए सामंतों-अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता है।

11. कन्वेंशन का. विनोद मिश्र की 25 वीं बरसी के अवसर पर पटना के मिलर हाईस्कूल मैदान में आयोजित सभा को पूरी ताकत से सफल बनाने का आह्वान करता है तथा पूरे देश में पार्टी को आगे बढ़ाने के संकल्प को दुहराता है।

12. नगरी जनसंहसार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कन्वेंशन ने अफसोस जताया और न्याय के संहार के दस्तूर पर रोक लगाने की मांग की।

13. पार्टी ढांचों को मजबूत करने के लए 18 दिसंबर से 25 दिसंबर तक एक सप्ताह के अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया गया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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