Saturday, April 27, 2024

सरकार ने चंडीगढ़ जाने से रोका तो किसानों ने सीएम के गृह जिले संगरूर में लगाया ‘पक्का मोर्चा

पंजाब के किसान अब डेढ़ साल तक दिल्ली सीमा पर लगे लंबे मोर्चे की तर्ज पर, पंजाब सरकार के खिलाफ अनिश्चित काल के लिए ‘पक्का मोर्चा’ लगा दिया है। शुरुआत हो चुकी है। किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में पक्का मोर्चा लगा दिया है। किसानों की घरपकड़ के लिए तीसरे दिन भी भारी पुलिस फोर्स सक्रिय रही। बाढ़ के मुआवजे और अन्य मांगों के लिए चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों को छह हजार पुलिस कर्मियों तथा अर्धसैनिक बलों के जरिए रोक लिया गया।

चंडीगढ़ से लगते पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिये गये हैं। हर वाहन की गहन तलाशी ली जा रही है। बुधवार की सुबह कुछ एंबुलेंस भी रोकीं गईं। तड़के किसानों ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया।

संगरूर जिले के लोगोंवाल में सोमवार को पुलिस के साथ झड़प में एक आंदोलनकारी किसान प्रीतम सिंह की मौत हो गई थी। उसका शव पटियाला के राजेंद्रा अस्पताल में रखा हुआ है और अभी तक उसका पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है। 16 किसान संगठनों के नेता मंगलवार को प्रीतम सिंह का शव लेने राजेंद्रा अस्पताल गए। किसान गेट पर घंटों खड़े रहे। पुलिस ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया।

इस मामले में पुलिस ने एकतरफा एफआईआर में 50 से ज्यादा किसानों के खिलाफ धारा 307, 323, 353, 186, 148, 149 के तहत केस दर्ज किया है। लोगोंवाल में उस दिन निहत्थे किसानों पर पुलिस ने हर हथकंडा इस्तेमाल किया था। प्रीतम सिंह की मौत के साथ एक पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। प्रीतम सिंह की मौत के बाद से लोगोंवाल के बाजार बंद हैं। सोलह किसान संगठनों ने प्रीतम सिंह को ‘शहीद’ करार दिया है। उसके परिवार के लिए दस लाख रुपये का मुआवजा सरकार से मांगा है।

किसानों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने चंडीगढ़ नहीं जाने दिया तो ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ का रुख मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर की ओर हो गया। अब इसी जिले में पड़ते लोंगोवाल थाने के बाहर किसानों ने ‘पक्का मोर्चा’ लगा दिया है। टोल प्लाजा पर भी धरना जारी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह महिमा का कहना है कि, “आम आदमी पार्टी की सरकार जब सूबे में सत्ता में नहीं आई थी, तब किसान खुलकर उनका साथ दिया करते थे। भगवंत मान पर राजसी रंग चढ़ गया है। वह सब कुछ भूल गए हैं।”

किसान नेता जुझार सिंह कहते हैं कि, “जिस तरह शांतिपूर्वक आंदोलन करके हमने दिल्ली को झुकने को मजबूर किया, ठीक वैसे ही पंजाब में करेंगे।” किरती किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह पर भी पर्चा दर्ज किया गया है। वह कहते हैं, “भगवंत मान सरकार की तानाशाही से जुझारू किसान नहीं डरते। मुख्यमंत्री हमें चंडीगढ़ क्यों नहीं आने देते? वह यहां आकर हमसे बात कर लें। नहीं तो धरना चलता रहेगा और इसमें किसानों की तादाद बढ़ती रहेगी।” 

इस सारी आपाधापी के बीच, किसानों को आंदोलन से हटाने के लिए पंजाब सरकार ने फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए 186 करोड़ रुपये जारी किए हैं। जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।

राजस्व पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने बताया कि संगरूर जिले को 26.8 करोड़ रुपये, फिरोजपुर जिले को 22.44 करोड़, तरनतारन को 26.52 करोड़, पटियाला को 59.50 करोड़, मनसा को 12.92 करोड़, अमृतसर को 3.73 करोड़, फाजिल्का को 8.77 करोड़, गुरदासपुर को 5.84 करोड़, जालंधर को 2.31 करोड़, लुधियाना को 2.31 करोड़, मोगा को 3.99 करोड़, रूपनगर को 18.45 लाख, पठानकोट को 64.60 लाख, एसबीएस नगर को 1.25 करोड़, फतेहगढ़ साहिब को 1.59 करोड़ और मोहाली को 1.73 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।

प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. सुच्चा सिंह गिल इसे सरासर नाकाफी मानते हैं। उनका कहना है कि ‘किसानों के नुकसान की ओर देखिए और फिर इस राशि की ओर, यह आपको मजाक लगेगा’। पंजाब के वरिष्ठ किसान नेता राजेंद्र सिंह दीप के अनुसार ‘राज्य सरकार सबसे पहले यह स्पष्ट करे कि बीते डेढ़ साल में कितना मुआवजा, किस मद में, किसानों को दिया गया है और मौजूदा स्थिति क्या है। किसान तो मुआवजे की मांग कर रहे हैं लेकिन उन पर लाठियां बरसाईं जा रही हैं’। दीप पूछते हैं कि ‘अगर किसान अपनी राजधानी में ही नहीं जा सकते तो जाएं कहां?

स्त्री सभा की गुरमीत कौर के अनुसार, “जो सुलूक दिल्ली सरकार ने किसानों के साथ करने में गुरेज किया, उससे बदतर सुलूक भगवंत मान सरकार कर रही है।” क्रांतिकारी पेंडू मजदूरी यूनियन के लखबीर सिंह लक्खी के मुताबिक, “किसानों का वहम था कि आम आदमी पार्टी विपदा की घड़ी में उनका हाथ पकड़ेगी लेकिन वह तो तोड़ने में लगी हुई है।”

16 किसान संगठनों ने घोषणा की है कि अब जो मोर्चा संगरूर पुलिस थाने के आगे लगाया गया है, वह राज्य सरकार के खिलाफ ‘पक्का मोर्चा’ है। हरियाणा और राजस्थान के किसान भी इसमें शिरकत करेंगे।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles