गोड्डा: भू-माफियाओं के कब्जे से महगामा अंचल को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों का संघर्ष का ऐलान

Estimated read time 1 min read

झारखंड में गोड्डा जिले के महगामा अंचल में भू माफियाओं द्वारा सरकार की जमीन का फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करके उस पर कब्जा करने का एक गंभीर मामला सामने आया है।

निरंजन कुमार व रामनारायण सिंह ने पहले जमीन का फर्जी कागज तैयार किया और फिर उसके जरिये उस पर कब्जे की तैयारी शुरू कर दी। बताया जाता है कि उस सरकारी जमीन पर पहले कभी स्कूल व डाक खाना हुआ करता था। 

भू माफियाओं के खिलाफ ग्रामीणों ने किया संघर्ष का ऐलान!

ग्रामीणों का कहना है कि जो जमीन सरकारी है वह जमीन समाज की संपत्ति होती है ना कि भू माफियाओं की जागीर! लिहाजा ग्रामीणों ने पहल कर पिछले 31 अगस्त को उस जमीन पर भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय निर्माण का बोर्ड लगा दिया। ग्रामीणों ने पूरी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करके अंग्रेजों के खिलाफ हुल विद्रोह की अग्रणी कतार की नायिका फूलो-झानो के नाम पर कम्युनिटी हॉल के निर्माण की मांग की है। 

इसके साथ ही उनका कहना है कि भू माफिया निरंजन कुमार और रामनारायण सिंह के दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए। और उनके खिलाफ 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। इनकी तमाम संपत्तियों की भी जांच हो। ऐसी उनकी मांग है। यह मामला यहीं तक रुकता नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों ने ऐसी दूसरी जमीनों की भी निशानदेही शुरू कर दी है जिस पर भूमाफियाओं ने अपना कब्जा जमा लिया है। उनका कहना है कि सरकार को ऐसी जमीनों को उनके कब्जे से मुक्त कराकर गरीबों को देने या फिर किसी सार्वजनिक उपयोग में ले आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस तरह के कब्जों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

भीम आर्मी-भारत एकता मिशन के झारखंड संयोजक रंजीत कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि गोड्डा जिले के इस इलाके में भू माफियाओं ने सरकारी खाली पड़ी जमीनों पर न सिर्फ कब्जे कर बड़े आलीशान मकान बनाए बल्कि कई जगह कब्जे करने के बाद उसे मोटी रकम वसूल कर बेच भी डाला है। अधिकारियों व माफियाओं के गठजोड़ की यह जीती-जागती मिसाल है। कभी ना तो बड़े पैमाने पर इसकी जांच की गई ना ही कभी कार्रवाई हुई। जिस सरकारी जमीन को गरीब भूमिहीनों के नाम की जानी चाहिए थी उसे फर्जी तरीके से जमींदार भू माफियाओं के हवाले किया जा रहा है। समाजिक कार्यकर्ता नित्यानन्द शर्मा, रंजीत सिकदार व अन्य ग्रामीणों ने कहा कि करीब 2 दशक पहले उन लोगों ने इसकी जांच को लेकर आवेदन दिया था। लेकिन अभी तक महागामा अंचल में भू माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बता दें कि 2003 में तत्कालीन अंचलाधिकारी कार्यालय से एक नोटिस जारी कर भू माफियाओं को जमीन पर अवैध कब्जा कर उस पर निर्माण कार्य को तत्काल रोकने का सख्त निर्देश दिया गया था। 

ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन पर 1981 तक सरकारी स्कूल व डाकघर चल रहा था। उसके बाद ये स्कूल व डाकघर किसी दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया।

 ग्रामीणों ने कहा कि अगर क्षेत्र के सांसद-विधायक इन सवालों पर चुप्पी नहीं तोड़ते हैं तो उनके खिलाफ भी मोर्चा खोला जाएगा।

(विशद कुमार झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author