2024-2025 के वित्तीय वर्ष में हरियाणा का बजट 189876. 61 करोड़ रुपये का था जो कि पिछले वर्ष 2023 -24 से 11% अधिक रखा गया था। इसमें 134 456. 36 करोड़ रुपये (70. 81 %) राजस्व परिव्यय के लिए 55 420.25 करोड़ रुपये (29.18 %) पूंजीगत परिव्यय के लिए था।
“पिछले वर्षों में हरियाणा ने अतुलनीय प्रगति की है जो कि एक जीवंत राज्य के उदय तथा पारदर्शी प्रौद्योगिकी आधारित शासन प्रणाली के साक्षी है। सरकार ने सामाजिक भौगोलिक समावेशिता के लिए काम किया है जिसमे समाज के सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों का बिना किसी पूर्वाग्रह व भेदभाव के विकास किया जा रहा है।” मनोहर लाल खट्टर वित्तीय भाषण 2024 -25 हरियाणा विधान सभा।
215 योजनाओं के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2024 -25 में 6500 करोड़ रुपये आबंटित किये गए थे लेकिन 15 मार्च 2025 तक इन योजनाओं पर शून्य खर्च किया गया। प्रदेश में अतुलनीय प्रगति की यह सबसे बड़ी मिसाल सामने आयी है।
हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र 2025 -26 के लिए 7 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा। 17 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बजट पेश करेंगे। 18 से 20 मार्च तक बजट पर विधानसभा में चर्चा होगी। 21 और 22 मार्च को अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। 24 व 25 मार्च को सदन में अनुदान मांगे रखी जाएंगी। 26 मार्च को विभिन्न समितियों की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की जाएगी। इस बार अनुमान है की हरियाणा का बजट 2 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने वर्तमान बजट के पूर्व पिछले बजट की समीक्षा करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया है कि सरकार ने विकास की योजनाओं पर आवंटित राशि को खर्च न करके किस प्रकार प्रदेश की जनता से खिलवाड़ किया है।
कृषि और किसान कल्याण के लिए सब्सिडी वाले उपकरणों और कृषि योजनाओं के लिए 347.15 करोड़ की राशि से एक पैसा भी खर्च नहीं किया। पंचायत और विकास विभाग ने राजय वित्त आयोग के तहत ग्रामीण विक्स के लिए आबंटित 848. 00 करोड़ रुपये में से 15 मार्च 2025 तक कोई राशि खर्च ही नहीं की। स्वच्छ भारत मिशन और शहरी आजीविका मिशन के लिए आबंटित 365. 00 करोड़ के प्रवधान किये गए थे इसमें से भी कोई राशि योजना के लिए खर्च नहीं की गई। कैंसर की रोकथाम के लिए और आयुष्मान भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 75 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गए थे जिसमे भी कोई खर्च सरकार द्वारा नहीं किय गया। स्मार्ट सिटी के नाम पर फरीदाबाद को 100 करोड़ रुपये बजट में दिए गए थे लेकिन यहाँ भी खर्च शून्य ही रहा।
अन्य योजनाओं में माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मामले में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन में 60 करोड़, पंचकूला में निफ्ट की स्थापना के लिए 10 करोड़ प्रदेश में सर्वजनिक पुस्तकालय बनाने के लिए 30 करोड़ राष्ट्रीय विज्ञान नगर सोनीपत के लिए 70 करोड़ जैसी योजनों पर कोई खर्च सरकार द्वारा नहीं किया गया। प्रारम्भिक शैक्षणिक योजना पीएम श्री स्कूल सुविधा और विस्तार के लिए 99 करोड़ आबंटित किये गए थे। इसमें भी खर्च शून्य ही रहा।
समाज के पिछड़े दलित कमजोर वर्गों के लिए दीनदयाल सेवा बस्ती उत्थान योजना के 30 करोड़ के बजटीय प्रवधान में से कोई पैसा खर्च नहीं किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ‘सबको घर’ के लिए बजट में रखे गए 361.83 करोड़ में से केवल 2 करोड़ रुपये ही खर्च किये गए। प्रदेश में नये व्यवस्था के सुधार के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए 74 करोड़ आबंटित किये गए थे लेकिन खर्च यहां भी शून्य ही हुआ। प्रदेश में अग्निशमन सेवा का ढांचा मजबूत करने के लिए 250 करोड़ रुपये की बड़ी घोषणा की गई थी लेकिन कोई राशि पूरे वर्ष में खर्च नहीं की गई।
लोक स्वास्थ्य विभाग की अमृत जलापूर्ति एवं जलजीवन योजना के लिए 698 करोड़ रुपये के बजट से खर्च भी शून्य ही रहा। अमृत योजना सीवरेज के लिए 144 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जिसमे से केवल 96 लाख ही सरकार ने खर्च किये। इनके अलावा राजस्व और आपदा प्रबंधन महिला एवं बाल कल्याण विभाग भी अपने बजट की पूरी राशि का उपयोग अभी तक नहीं कर पाए है।
प्रो. संपत सिंह ने तर्क दिया की इस योजनाओं की घोषणा केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए की गयी जबकि वास्तविकता में सरकार की मंशा इन योजनाओं की अनदेखी करने से साफ हो जाती है। भाजपा को जुमलेबाजी से राज्य विधानसभा और आम नागरिकों को गुमराह करने वाला बताया। प्रो. सिंह ने हरियाणा के आमजन को भविष्य में इस तरह की हेराफेरी और गलत सूचनाओं के प्रचार प्रसार से सचेत रहने का आग्रह किया। सरकार के काम काज पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा की आम जनता को अपने हितों के लिए सजग रहने होगा।
इन तथ्यों के बाद सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े होना लाजमी है भाजपा किस तरह के विकास के दावे करती है और विपक्ष की भूमिका आगे कितनी मजबूत होगी यह भी निश्चित करेगा की वर्तमान भाजपा सरकार प्रदेश में किस प्रकार आगे बढ़ती है।
(जगदीप सिंह सिंधु वरिष्ठ पत्रकार हैं)
+ There are no comments
Add yours