Wednesday, June 7, 2023

वाराणसी: संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने की भाजपा को सजा देने की अपील

वाराणसी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज बनारस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मतदाताओं से चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सजा देने की अपील की। किसान नेताओं ने कहा कि धान और गन्ने की फसल की एमएसपी पर खरीद, बिजली और तेल के बढ़ते दाम, महंगाई, आवारा पशु, और अन्य सभी मुद्दों पर केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।

इसके साथ ही तीन काले कृषि कानूनों की वापसी के बाद केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए वादा खिलाफी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने “चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सजा दो” के तहत बुधवार को बनारस के पराड़कर भवन में पत्रकार वार्ता कर आने वाले दिनों में किसान विरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया।

kisan morcha

वार्ता को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के योगेन्द्र यादव ने कहा कि वादा खिलाफी सरकार को भारी पड़ेगी। योगेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों से किए गए वादों पर अमल नहीं किया, और अब फिर से पुराने वादों को दोहरा रही है। भाजपा ने 2017 में किसानों को कम दरों पर पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया था। पिछले पांच साल में बिजली तो नहीं मिली, ऊपर से रेट बढ़ गए। अब उसने फिर से अपने घोषणा पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है।

योगेंद्र यादव ने बताया कि 2017 में भाजपा ने वादा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों की धान की खरीद की जाएगी, तथा आलू, प्याज को एमएसपी के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन आज तक आलू और प्याज की एमएसपी पर खरीद की घोषणा नहीं हुई। पिछले पांच वर्ष के दौरान धान के उत्पादन की एक तिहाई से भी कम की सरकारी खरीद हुई है। गेहूँ के खरीद की स्थिति और भी ख़राब है और उत्पादन की 6 बोरी में एक बोरी से भी कम की खरीद हुई है।

kisan morcha3

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद भाजपा सरकार द्वारा किसानों को लिखित आश्वासन में एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, जिसमें एमएसपी को कानूनी दर्जा भी शामिल है था। वहीं वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की बात भी एक चुनावी जुमला निकला, जिस पर आज भाजपा चुप्पी साधे है। 

पत्रकारों के पूछे गए सवाल के जवाबों में योगेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा केवल वोट की भाषा समझती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोई गांव ऐसा नहीं है जहां किसान त्राहि-त्राहि न कर रहा हो। दूसरी तरफ केवल वोट की भाषा समझने वाली भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री कहते हैं कि समस्या का हल चुनाव के बाद करेंगे यानी पहले पांच साल खुद पैदा किए गए समस्या के समाधान के लिए उन्हें पांच साल और चाहिए। एक सवाल के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसान सजा देना जानता है केवल भाजपा ही नहीं आने वाली सरकारें भी इसे याद रखेंगी।

kisan morcha4

बताते चलें कि इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र सरकार के वादा खिलाफी के विरोध में बीते 31जनवरी को देश भर में विश्वासघात दिवस मनाया था। वार्ता में मौजूद अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मौला ने जानकारी दी कि प्रदेश भर में संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्रकार वार्ता किया है इसका उद्देश्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सबक सिखाना है।

किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ला सकती है। पत्रकार वार्ता के बाद मौजूद संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि काले कानूनों की वापसी अगर उपलब्धि है तो चुनौती भी। दो चार विधायक और मुख्यमंत्री बनवाना हमारा काम नहीं हमारा काम अन्नदाता को सम्मानजनक जीवन देना है। इस मौके पर समाजवादी जन कल्याण परिषद के अफलातून देसाई, सुनील सहस्त्र बुद्धे मौजूद थे।

जय किसान आंदोलन के नेता राम जनम ने कहा कि गौ रक्षा के नाम पर योगी सरकार ने किसानों के पशुओं को आवारा बना दिया है और किसानों की फसल को आवारा पशुओं का चारा बना दिया है। किसानों को रात-रात भर जाग कर आवारा पशुओं से अपनी फसलें बचाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने बताया कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड, जिसमें छः किसान शहीद हुए, उसके मुख्य षड्यंत्रकारी और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को न तो बर्खास्त किया गया, और उनके बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को पुलिस और प्रशासन की साठ-गांठ के चलते जमानत भी दे दी गई। किसान नेताओं ने किसानों और आम नागरिकों से किसान-विरोधी भाजपा सरकार पर वोट की चोट करने का आह्वान किया।

प्रेस वार्ता को संयुक्त किसान मोर्चा के 7 सदस्यीय संयोजन समिति के सदस्य हन्नान मोल्ला और योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत (अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन), डॉ सुनीलम (अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति), दीपक लाम्बा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जय किसान आंदोलन), राजवीर सिंह जादोन (प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन), मुकुट सिंह (प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा), और शशिकांत (प्रदेश अध्यक्ष, क्रांतिकारी किसान यूनियन) ने संबोधित किया, और संचालन जय किसान आंदोलन के नेता राम जनम जी ने किया।

(वाराणसी से पत्रकार भास्कर गुहा नियोगी की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

पहलवान अभी भी डटे हैं, बृजभूषण मामले में अब भाजपा भी बंटी

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न की...