संपर्क में होने के एन बीरेन सिंह के दावे को कुकी विधायकों ने खारिज किया

नई दिल्ली। बीजेपी के 8 विधायकों समेत मणिपुर के सभी 10 कुकी विधायकों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो उनके साथ बातचीत कर रहे हैं।

विधायकों ने एक बयान में कहा कि “इस महत्वपूर्ण राजनीतिक मौके पर हमारा सीएम एन बीरेन सिंह से संपर्क करने का कोई इरादा नहीं है।” बयान में आगे कहा गया है कि “कुकी-ज़ोमी-हमार विधायकों से बातचीत का उनका दावा कुकी-ज़ोमी-हमार विधायकों और उसके लोगों के बीच विभाजन और अविश्वास पैदा करने का एक खेल हो सकता है।

सूबे में मई से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 190 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है इसके अलावा 60000 लोगों को अपना घरबार छोड़कर दूसरे ठिकानों पर शरण लेनी पड़ी है। इसके अलावा महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या की तमाम घटनाएं सामने आयी हैं। कई जगहों पर पुलिस और सुरक्षा बलों के शस्त्रागारों को भी लूटने की घटनाएं हुई हैं। और यह सब कुछ सूबे में भारी तादाद में सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हुआ है।

हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम होने का आरोप लगाकर ढेर सारे विपक्षी नेताओं समेत बीजेपी के विधायकों तक ने मुख्यमंत्री सिंह के इस्तीफे की मांग की है। आपको बता दें कि बीरेन सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं। सभी कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से कुकी समुदाय के वर्चस्व वाले पांच जिलों में अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग की है।

गुरुवार को सिंह ने ‘द हिंदू’ को बताया था कि वह कुकी-जो समुदाय के विधायकों के संपर्क में हैं और 29 अगस्त को होने वाले विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने के लिए उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि “विधायक (कुकी) और मंत्री हमारे पुराने मित्र हैं। मैं उनसे बात कर रहा हूं। मैंने उन लोगों को बताया कि हमें अलग नहीं किया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि हम इतने सालों से एक साथ थे और भविष्य में भी एक साथ बने रहेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने के लिए कुकी विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगा। आपको बता दें कि विधानसभा इंफाल में स्थित है जहां मैतेइयों का वर्चस्व है। इसके पहले विधायकों ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते सत्र के बॉयकाट की घोषणा की थी।

शुक्रवार को जारी एक बयान में कुकी विधायकों ने इस बात को चिन्हित किया है कि बीजेपी के एक कुकी विधायक और आदिवासी मामलों में मुख्यमंत्री के सलाहकार वुंगजागि वाल्टे को मैतेई अतिवादियों ने पीटा और फिर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। विधायकों का कहना था कि इस मामले में किसी को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया।

बयान में कहा गया है कि बाद में कुकी-ज़ोमी-हमार लोगों के लिए इंफाल घाटी मौत की घाटी बन गयी….यहां तक कि ड्यूटी दे रहे केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की पहचानों को भी नहीं बख्शा गया। बयान में आगे कहा गया है कि हमारे सरकारी आवास और निजी घरों को भीड़ द्वारा या तो लूट लिया गया है या फिर उन्हें जला दिया गया है। 

(कुछ इनपुट स्क्रोल से लिया गया है।)

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