Saturday, April 27, 2024

डीयू के कोर्स में मनमाने तरीके से बदलाव; महाश्वेता देवी, बामा और सुकीरथरिणी कोर्स से बाहर

पर्यवेक्षी समिति (Oversight Committee) द्वारा देश की ख्यातिलब्ध लेखिका महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’ और दो दलित लेखकों बामा और सुकीरथरिणी की लघुकथा को अंग्रेजी पाठ्यक्रम से हटाये जाने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय में आवाज़ उठनी शुरू हो गयी है।

गौरतलब है कि बुधवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में 15 सदस्यों ने पर्यवेक्षी समिति और उसके कार्य के ख़िलाफ़ एक असहमति नोट प्रस्तुत किया। साथ ही दावा किया कि पांचवें सेमेस्टर के लिए एलओसीएफ (लर्निंग आउटकम बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क) अंग्रेजी पाठ्यक्रम में बदलाव की ‘अधिकतम बर्बरता’ हुई है।

पाठ्यक्रमों से संबंधित निगरानी समिति ने पहले पाठ्यक्रम में कुछ बदलावों का सुझाव दिया था, जिसका बैठक में विरोध किया गया था। जबकि कम से कम 14 सदस्यों ने बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में बदलाव पर एक असहमति नोट दिया था।

दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक परिषद के सदस्य मिठूराज धूसिया ने मीडिया को बताया है, “हम निरीक्षण समिति के अतिरेक का कड़ा विरोध करते हैं, जिसने मनमाने ढंग से फैकल्टी, कोर्स कमेटी और स्टैंडिंग कमेटी जैसे संवैधानिक निकायों को दरकिनार करते हुए पांचवें सेमेस्टर के लिए लर्निंग आउटकम बेस्ड कैरिकुलम फ्रेमवर्क वाले नये अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम में बदलाव किये हैं।”

अकादमिक परिषद के सदस्य मिठूराज धूसिया ने इसके साथ ही कहा कि दो दलित लेखकों बामा और सुकीरथरिणी को मनमाने ढंग से हटाया गया। फिर एक आदिवासी महिला के बारे में महाश्वेता देवी की एक कहानी “द्रौपदी” को भी हटा दिया गया। यह ध्यान देने योग्य है कि इस निगरानी समिति में संबंधित विभागों के कोई विशेषज्ञ नहीं थे जिनका पाठ्यक्रम बदल दिया गया था। इस तरह पाठ्यक्रम से कहानी को हटाये जाने के पीछे कोई तर्क नहीं है।

मिठूराज धूसिया ने कहा है कि एमईईएस या अन्य एजेंडा मदों के साथ चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के मामले पर अकादमिक परिषद में ‘कोई पर्याप्त चर्चा’ की अनुमति नहीं थी। मतदान की अनुमति नहीं दी गयी थी और निर्वाचित सदस्यों को असहमति नोट जमा करने के लिए कहा गया था। यह वैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। स्थायी समिति में 27 सदस्यों के साथ चर्चा, 100 से अधिक सदस्यों के साथ अकादमिक परिषद में चर्चा के समान नहीं है।”

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद ने मंगलवार को पाठ्यक्रम में बदलाव को मंजूरी देते हुए बीए (ऑनर्स) के अंग्रेजी पाठ्यक्रम से महाश्वेता देवी की चर्चित लघुकथा ‘द्रौपदी’ को हटा दिया।इसके अलावा परिषद ने मंगलवार को अपनी 12 घंटे की लंबी बैठक में सदस्यों की भारी असहमति को खारिज़ करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को भी मंजूरी दे दी।

शैक्षणिक मामलों की स्थायी समिति ने सोमवार को अपनी बैठक में 2022-23 से एनईपी के कार्यान्वयन को मंजूरी दी थी. कुछ सदस्यों ने कहा कि परिषद के एक वर्ग के विरोध के बावजूद बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी के पांचवें सेमेस्टर के पाठ्यक्रम और नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. इस मामले पर अब विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद द्वारा विचार विमर्श किया जाएगा।

साथ ही पर्यवेक्षी कमेटी ने पहले दो दलित लेखकों – बामा और सुखरथारिनी को हटाने का फैसला किया और उनकी जगह  लेखिका रमाबाई को कोर्स में शामिल करने का फैसला किया।

एकेडमिक काउंसिल सदस्यों का कहना है कि यह इस तथ्य के बावजूद कहा गया है कि ‘द्रौपदी’ को 1999 से दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा इसके मौलिक शैक्षणिक मूल्य के कारण पढ़ाया जाता है।

इसके अलावा एकेडमिक काउंसिल सदस्यो ने कहा है कि पर्यवेक्षी समिति ने महाश्वेता देवी की किसी भी लघु कहानी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बावजूद इसके कि एक लेखक के रूप में वो विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हैं और भारत सरकार से साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार और पद्म विभूषण की विजेता हैं।

एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने कहा है कि “विभाग की पाठ्यक्रम समिति या पाठ्यक्रम समिति के साथ जुड़े लोगों से कोई प्रतिक्रिया साझा किए बिना” “मनमाने ढंग से और अदमिक परिवर्तन कर दिया गया है। असंतुष्ट सदस्यों का कहना है कि निगरानी समिति ने हमेशा दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और यौन अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ़ पूर्वाग्रह दिखाया है, जैसा कि पाठ्यक्रम से ऐसी सभी आवाजों को हटाने के उसके ठोस प्रयासों से स्पष्ट है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निरीक्षण समिति में दलित या आदिवासी समुदाय से कोई सदस्य नहीं है जो संभवतः इस मुद्दे पर कुछ संवेदनशीलता ला सकता था।

            ReplyForward

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles