केरल में आर्कबिशप जोसेफ पैम्प्लानी बोले- गुजरात दंगों की अगली कड़ी है मणिपुर ‘नरसंहार’

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के मणिपुर में हिंसा की आग कम नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने में अक्षम साबित हुए हैं। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। सेना और सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद हिंसक समूह कुकी जनजातियों पर हमला कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार को केरल स्थित सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च ने बड़ा बयान दिया है। चर्च ने कहा कि मणिपुर में हिंसा “नरसंहार में बदल गई” और 2002 के गुजरात दंगों का यह “दूसरा संस्करण” है, जिसमें ईसाइयों को अकेला कर दिया गया और उन पर हमला किया गया।

केरल में कैथोलिक चर्च के धर्मसभा के मुख्य सदस्यों में से एक, आर्कबिशप जोसेफ पैम्प्लानी ने गुरुवार को कन्नूर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “दंगों के पीछे एक ठोस रणनीति प्रतीत होती है। लोगों को आशंका है कि सरकार दंगा करने वालों को बचा रही है।”

आर्कबिशप ने कहा कि “मणिपुर में हिंसा नरसंहार में बदल गई है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें हिंसा को रोकने में विफल रही हैं। मणिपुर में तनाव एक ऐसे नरसंहार में बदल गया है जो देश के इतिहास में अनसुना है। यह गुजरात में दंगों का एक और संस्करण बन गया है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में अमेरिका में बयान दिया था कि भारत में कोई भेदभाव नहीं है, का जिक्र करते हुए आर्कबिशप ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के लोगों का चेहरा देखकर यह टिप्पणी करनी चाहिए थी।

आर्कबिशप ने कहा कि पैम्प्लानी ने समान नागरिक संहिता का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इसके विवरण को सार्वजनिक बहस का विषय बनाया जाना चाहिए। “हिंदू समुदाय के भीतर, रीति-रिवाजों और प्रथाओं में विविधता है। इसलिए, सरकार को इस मामले को लोकतांत्रिक चर्चा के अधीन करना चाहिए ताकि लोग समझ सकें कि क्या लागू करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। इसका विवरण विधान सभाओं में प्रस्तुत किया जाना चाहिए और इस प्रकार इसे सार्वजनिक डोमेन में लाया जाना चाहिए। ”

आर्कबिशप जोसेफ पैम्प्लानी के इस बयान के बाद मणिपुर संकट के मद्देनजर केरल में कैथोलिक चर्च के भाजपा के प्रति बढ़ते मोहभंग के रूप में देखा जा रहा है। मणिपुर हिंसा भड़कने से कुछ महीने पहले, पैम्प्लानी ने खुले तौर पर कहा था कि ईसाई समुदाय चुनावों में केरल में भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार है, बशर्ते केंद्र राज्य में रबर किसानों की किस्मत सुधारने में मदद करे।

मार्च में कन्नूर में ‘कैथोलिक लेमेन एसोसिएशन ऑल केरल कैथोलिक’ कांग्रेस द्वारा आयोजित किसानों की एक बैठक में, पैम्प्लानी ने कहा था “… यदि केंद्र सरकार किसानों से 300 रुपये प्रति किलोग्राम पर रबर खरीदती है, चाहे आपकी पार्टी कोई भी हो, हम आपको वोट देने के लिए तैयार हैं।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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Shakeel Qureshi
Shakeel Qureshi
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10 months ago

It’s disheartening