नई दिल्ली। 6 मई को सोनिया गांधी ने हुबली (कर्नाटक) में दिए गए अपने भाषण में कर्नाटक की संप्रभुता की बात की थी। यह आरोप लगाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी उनके ऊपर टूट पड़े थे। कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य, आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाली और देश को तोड़ने की कोशिश करने वाली पार्टी तक कह डाला था। भाजपा उनके खिलाफ चुनाव आयोग गई। उसने आयोग से उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैसूरू के नंजनगुड में एक रैली में सोनिया के बयान को लेकर गांधी परिवार पर “संप्रभुता” मामले पर हमला बोला था। जिसमें उन्होने कहा था कि कांग्रेस का “शाही परिवार” कर्नाटक को भारत से अलग करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग की बीमारी इतनी ऊंचाई तक पहुंच जाएगी।’
केंद्रीय चुनाव आयोग में भाजपा प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करने वाले पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि “संप्रभुता” शब्द का उपयोग जानबूझकर किया गया था और यह “टुकड़े-टुकड़े गिरोह का एजेंडा” था। “कांग्रेस भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही है जिनका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था।” भाजपा नेता तरुण चुघ ने जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला दिया और कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की।
यह शिकायत कांग्रेस के एक ट्वीट पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि 6 मई को हुबली में अपने भाषण में, सोनिया ने कहा था कि “कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देगी”।
चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में भाजपा ने सोनिया पर कांग्रेस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट संलग्न किया और आरोप लगाया कि “कांग्रेस का मानना है कि कर्नाटक भारत से अलग है। यह एक चौंकाने वाला बयान है जो विभाजनकारी भावनाओं को भड़काने और समाज में वैमनस्य पैदा करने वाला है।”
जबकि द इंडियन एक्सप्रेस ने सोनिया गांधी के भाषण की प्रतिलिपि प्रकाशित करते हुए बताया कि सच यह है कि सोनिया गांधी ने ऐसी कोई बात कही ही नहीं थी। उन्होंने हुबली के अपने भाषण में कहा था कि “भाजपा सरकार की लूट, झूठ, अहंकार और नफरत ने ऐसा माहौल बना दिया है कि इससे छुटकारा पाए बिना न तो कर्नाटक और न ही देश का विकास हो सकता है। उनके नेता इतने अहंकारी हैं कि वे किसी प्रश्न या पत्र का उत्तर नहीं देते हैं। वे सोचते हैं कि संवैधानिक संस्थाएं उनकी जेब में हैं।”
सोनिया गांधी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों को ‘मोदी का आशीर्वाद’ सुनिश्चित करने के लिए भाजपा को वोट देना चाहिए। सोनिया ने कहा “आज, स्थिति ऐसी है कि वे खुली धमकी देते हैं। वे कहते हैं कि अगर वे नहीं जीते तो कर्नाटक को मोदी जी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा। वे कहते हैं कि अगर बीजेपी हार गई तो यहां बहुत लड़ाई होगी।”
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि “मैं आपकी तरफ से उनसे कहना चाहती हूं कि कर्नाटक की जनता को इतना कमजोर मत समझिए। कर्नाटक के लोग किसी के आशीर्वाद के नहीं बल्कि अपनी मेहनत और संकल्प के धनी हैं। कर्नाटक के लोग कायर या लालची नहीं हैं। कर्नाटक के लोग आपको 10 मई को बताएंगे कि वे किस चीज से बने हैं। जनता अपने भाग्य के बारे में खुद फैसला लेती है।”