Thursday, April 25, 2024

मानवाधिकार आयोग ने दिया खेल मंत्रालय को नोटिस, कहा- खेल संघों में क्यों नहीं है यौन उत्पीड़न शिकायत समिति

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बीच गुरुवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) न होने पर केंद्रीय खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। मानवाधिकार आयोग ने इस बारे में मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया, जो कि किसी भी संस्थान में यौन उत्पीड़न रोकथाम (PoSH) अधिनियम -2013 के तहत अनिवार्य है। एनएचआरसी ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ पहलवानों के चल रहे विरोध के बीच यह कदम उठाया गया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 04 मई को मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कुश्ती निकाय एकमात्र ऐसा नहीं है जिसके पास विधिवत गठित आंतरिक शिकायत समिति (ICC) नहीं है। इसके अलावा, 30 राष्ट्रीय खेल संघों में से 15 ऐसे हैं जो इस अनिवार्य जरूरत को पूरा नहीं करते हैं।

एनएचआरसी की विज्ञप्ति में कहा गया है, “आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, अगर सच है, यह कानून के उल्लंघन है, और इस प्रकार यह चिंता का विषय है क्योंकि यह कानूनी अधिकार और खिलाड़ियों की गरिमा को प्रभावित कर सकता है।”

15 संघों को मिला है नोटिस

राष्ट्रीय महिला आयोग ने सचिव, खेल विभाग, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। नोटिस भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI), रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को भी भेजा गया है। हैंडबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, भारोत्तोलन, नौकायन, जिम्नास्टिक, टेबल टेनिस, बिलियर्ड्स और स्नूकर, कयाकिंग और कैनोइंग, जूडो, स्क्वैश, ट्रायथलॉन, कबड्डी, बैडमिंटन, तीरंदाजी के लिए 15 अन्य राष्ट्रीय खेल संघों का मीडिया रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। जिनके पास या तो आंतरिक शिकायत समिति भी नहीं है या कानून के अनुसार उचित रूप से कार्यात्मक ICCs हैं, उन्हें भी नोटिस दिया गया है।

एनएचआरसी ने कहा कि उन्हें 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिसमें उनके संगठन में आईसीसी की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए उठाए गए या उठाए जाने वाले कदम शामिल हैं।

भारत के शीर्ष पहलवान, साक्षी मलिक, विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, अन्य लोगों के बीच जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर एक नाबालिग सहित कई महिलाओं का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। पहलवानों के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिसकी जांच की जा रही है। मामला अब दिल्ली की एक अदालत में चल रहा है, जिसने बुधवार को पुलिस से मामले की स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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