नई दिल्ली। जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार के काफिले पर फिर हमला हुआ है। यह हमला उस समय हुआ जब कन्हैया समेत उनके दूसरे साथी सुपौल में सभा करने के बाद सहरसा जा रहे थे। तभी रास्ते में काफिले में शामिल गाड़ियों पर अचानक पथराव शुरू हो गया। कन्हैया की पार्टी सीपीआई समेत तमाम संगठन मिलकर बिहार में जन-गण-मन यात्रा निकाले हुए हैं। उसी के तहत जगह-जगह सभाएं हो रही हैं। इन सभाओं में बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हो रहे हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय बाजार से गुजरने के दौरान अचानक काफिले में शामिल गाड़ियों पर पथराव शुरू हो गया। इसमें कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। हालांकि किसी को चोट आने की कोई खबर नहीं है। ‘संविधान बचाओ मोर्चा’ के नाम से गठित प्लेटफार्म में शामिल लोगों में से किसी को भी कोई चोट नहीं आयी है।
यह दूसरा मौका पर है जब कन्हैया के काफिले पर हमला हुआ है। इसके पहले यह यात्रा जब सारन जिले से गुजर रही थी उस समय भी उनकी गाड़ियों पर पत्थरों से हमला किया गया था। इस घटना में दो गाड़ियां टूट गयी थीं।
यह यात्रा गांधी की शहादत दिवस यानि 30 जनवरी को चंपारण से शुरू हुई थी। जहां शुरू में पुलिस वालों ने यात्रा में शामिल कन्हैया समेत सभी नेताओं को बेतिया में हिरासत में ले लिया था। और यात्रा शुरू करने की इजाजत नहीं दी थी। बाद में सभी के अनशन शुरू करने की धमकी देने के बाद यात्रा की इजाजत मिली। बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए यात्रा 19 फरवरी को पटना पहुंचेगी। और एक बड़ी सभा के बाद समाप्त होगी।
यात्रा मोदी सरकार द्वारा पास कराए गए नये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में निकाली गयी है। इसके साथ ही कानून का समर्थन करने वाली नीतीश सरकार को भी नेता लोग निशाने पर लिए हुए हैं। इन सभी की मांग है कि सीएए के खिलाफ बिहार विधान सभा से प्रस्ताव पारित हो।
This post was last modified on February 5, 2020 8:02 pm