कोमल पासवान हत्याकांड का एक आरोपी गिरफ्तार, अपराधियों को बचाने में लगी है नीतीश सरकार

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पटना। भाकपा-माले विधान पार्षद शशि यादव ने कहा है कि औरंगाबाद में कोमल पासवान को गाड़ी से कुचलकर मार देने की वीभत्स घटना में माले की पहलकदमी के बाद आज सरकार ने बयान दिया है कि हत्याकांड का एक आरोपी संदीप सिंह गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अभी भी मुख्य अभियुक्त मनोज सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जो बेहद चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि सरकार या तो अपराधियों को संरक्षण दे रही है अथवा कार्रवाई में घोर लापरवाही बरत रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन के एक घटक दल द्वारा की गई यह घटना साबित करती है कि भाजपा और पूरा एनडीए गठबंधन दलितों व महिलाओं की घोर विरोधी है। यह स्वीकार्य नहीं होगा। ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

शशि यादव ने बताया कि औरंगाबाद में होलिका दहन के दिन लोजपा (आर) के पूर्व जिलाध्यक्ष और रफीगंज से विधानसभा के उम्मीदवार मनोज सिंह और उनके परिजनों ने जानबूझकर अपनी गाड़ी से तेरह वर्षीय कोमल कुमारी (पिता विनय पासवान, मोहल्ला पासवान टोली, नगर थाना औरंगाबाद) की कुचलकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद माले के एक प्रतिनिधिमंडल ने 19 मार्च को घटना स्थल का दौरा किया और मामले की जानकारी ली थी। जांच टीम में उनके अलावा घोषी विधायक रामबली सिंह यादव, गया जिला सचिव निरंजन कुमार, औरंगाबाद जिला सचिव मुनारिक राम तथा अन्य साथी शामिल थे।

घटना 14 मार्च 2025 की करीब 2-3 बजे दिन की है, जब कोमल और उसकी बड़ी बहन स्वीटी कुमारी (22) वर्ष, जो कि ग्रेजुएट की छात्रा हैं, अपने नानी घर होली की छुट्टियों में आई थीं और घर के पास होली खेल रही थीं। मनोज सिंह का घर बिल्कुल सामने पड़ता है। उसके घर का पीछे का गेट मृतक की नानी के घर की ओर खुलता है। उसी दौरान मनोज सिंह और उसके बेटे रंजय कुमार उर्फ सन्नी और भाई बिनोद सिंह ने उन लड़कियों को जातिसूचक गालियां देना शुरू किया और फिर अपनी गाड़ी निकालकर सामने नहा रही लड़कियों पर चढ़ा दी, जिससे कोमल की मौत हो गई। वहीं स्वीटी कुमारी समेत दो अन्य लड़कियां घायल हो गईं।

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी 19 मार्च तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। माले की जांच टीम ने इस घटना को लेकर सामंती मानसिकता और सत्ता के दबदबे को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस प्रशासन घटना को दुर्घटना बताकर उसे दबाने की कोशिश कर रहा था।

इसके अलावा, पार्टी के पांच सदस्यीय एक दूसरी जांच टीम ने 19 मार्च को नौबतपुर के छोटी टंगरैला गांव का दौरा किया, जहां सवर्ण सामंती ताकतों द्वारा यादव जाति के एक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर विधानसभा में भी जोरदार विरोध दर्ज किया गया।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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