सरकार संसद नहीं चलने देना चाहती, सत्तापक्ष के सांसद ही मचाते हैं हल्ला: कांग्रेस

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लगता है अडानी स्टॉक मामले को लेकर विपक्ष के रुख को सरकार ने पहले ही भांप लिया था, इसीलिए जब से बजट का दूसरा चरण शुरू हुआ है तभी से सरकार की ओर से बार-बार राहुल गांधी के बयान का मसला उछाला जा रहा है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राजनाथ सिंह की ओर से ये मसला उठाने के बाद मंगलवार को भी राज्यसभा में सत्ता पक्ष की ओर से मसला उठाया गया।

सत्तापक्ष के सांसदों की मांग है कि राहुल गांधी अपने बयान के लिए सदन में माफी मांगें। हालांकि इसे लेकर कांग्रेस एमपी अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि “सरकार खुद ही संसद चलने देना नहीं चाहती। सरकार के ही सांसद हल्ला मचाते रहते हैं। राहुल गांधी क्यों माफी मांगें? बल्कि केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए।”

वहीं विपक्ष भी अ़डानी के मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहता। संसद परिसर में दूसरे दिन बीआरएस और आम आदमी के सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर इस मसले पर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच टीएमसी के सांसदों ने भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे विरोध प्रदर्शन किया। ‘अडानी को प्रोटेक्ट करना बंद करो’, ‘LIC हर पल अडानी के संग।’ विपक्ष का आरोप है कि अडानी घोटाले की जांच से खुद को बचाने के लिए सरकार राहुल गांधी के बयान को बेवजह तूल दे रही है।

ये लगातार दूसरा दिन है जब विपक्ष अडानी के मसले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये तक कह दिया था कि मोदी के राज में लोकतंत्र नहीं है और वो एक तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

मंगलवार को भी खड़गे बेहद आक्रामक तरीके से एक बार फिर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। खड़़गे ने कहा कि “मैं भी नाटू नाटू और एलिफेंट व्हिसपर्स के विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं। ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। पर मेरा एक ही कहना है कि बीजेपी इस जीत का क्रेडिट लेने की कोशिश ना करे। ये ना कहने लग जाए कि मोदी जी ने फिल्म का निर्देशन किया है।”

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