नई दिल्ली। जेएनयू में हुए बर्बर हमले पर विपक्षी राजनीतिक खेमे से बेहद कड़ी प्रतिक्रिया आयी है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने इसे देश के युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ मोदी सरकार के संरक्षण में भारत के युवाओं पर गुंडों द्वारा किया गया भीषण और अभूतपूर्व हमला किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि हर रोज देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित परिसरों पर हमला हो रहा है। यह लंपटों द्वारा किया जा रहा है या फिर उसमें सीधे पुलिस शामिल है और सब कुछ बीजेपी सरकार के समर्थन और संरक्षण में हो रहा है। कल जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों पर किया गया यह हमला सरकार द्वारा इस बात की दी गयी चेतावनी है कि वह असहमति की किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं करने जा रही है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी देश के छात्रों और युवाओं के साथ है। उन्होंने कहा कि वह कल जेएनयू में हुई प्रायोजित हिंसा की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती हैं।
इसके साथ ही एनसीपी मुखिया शरद पवार का भी इसी तरह का एक कड़ा बयान आया है। पीटीआई के हवाले से आए इस बयान में उन्होंने कहा है कि जेएनयू हमले के पीछे पूरी एक साजिश है। शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू पर हुए हमले की तुलना मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले से की है। उन्होंने कहा कि कल हुए इस हमले ने एक बार फिर उसकी याद दिला दी। उन्होंने कहा कि देश के छात्रों के भीतर भय पैदा कर दिया गया है। और हम जैसे नेताओं का काम है कि एक साथ मिलकर उनके इस भय को दूर करें और उनमें फिर से विश्वास पैदा करें।
इस बीच, जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइषी घोष ने कहा है कि वह विद्यार्थी परिषद के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगी। एम्स के ट्रौमा सेंटर में भर्ती आइषी अब खतरे से बाहर हैं लेकिन अभी भी डाक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। इस हमले में आइषी के सिर पर गंभीर चोट आयी है। आईषी के अलावा 22 और लोगों को एम्स में भर्ती कराया गया था। इसमें से ज्यादातर लोगों को छुट्टी दे दी गयी है।
आम तौर पर राष्ट्रीय राजनीति और घटनाक्रमों से दूर रहने वाले उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस बार अपनी जुबान खोली है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि जेएनयू की हिंसा से हतप्रभ हूं। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। और छात्रों के ऊपर इस तरह के किसी हमले का एकमत से विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने जिम्मेदार एजेंसिंयों से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है साथ ही हमले में घायल लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
सीएए के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराने वाले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने ट्वीट में घायल छात्रसंघ अध्यक्ष आइषी घोष और एक शिक्षिका की फोटो पोस्ट की है। उन्होंने कहा है कि जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों पर हमला केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की असहिष्णुता को ही दिखाती है। इतने बड़े पैमाने पर हुआ यह हमला पूरी योजना का खुलासा कर देता है। संघ परिवार को खून बहाने के जरिये विश्वविद्यालयों को चुप कराने की अपनी इस योजना से बाज आना चाहिए। उसे याद रखना चाहिए कि छात्र सबके लिए बोल रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि जेएनयू पर हमले के लिए सीधे-सीधे दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू की हिंसा अब फासीवादी हिंसा में तब्दील हो गयी है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चित हैं कि रविवार को हुए हमले की खुफिया जानकारी सरकार को रही होगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की आलोचना की है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जेएनयू में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निंदनीय व शर्मनाक है। केंद्र सरकार को इस घटना को अति गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जेएनयू पर हमला सुनियोजित था और ये जानना जरूरी है कि यह किसका षड्यंत्र था।
उधर आज सुबह ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर जेएनयू को लेकर बैठक हुई। जिसमें घटना के बाद के हालात पर विचार-विमर्श किया गया।
नोबेल लौरियट अभिजीत बनर्जी ने सरकार से कल हुई पूरी घटना की सच्चाई को देश के सामने लाने की अपील की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेएनयू पर हमले को फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक करार दिया है। इस बीच डीसीडब्ल्यू ने महिलाओं पर हुए इस हमले का संज्ञान लिया है और उसने दिल्ली पुलिस को समन भेजा है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज इशारों ही इशारों में जामिया से लेकर जेएनयू तक की घटनाओं के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि राहुल गांधी दंगाइयों को समर्थन दे रहे हैं।
उधर, जेएनयू पर हमले के खिलाफ पेरिस में भी प्रदर्शन हुआ है। यूनिवर्सिटी आफ पेरिस के गेट को छात्रों ने प्लेकार्डों से जाम कर दिया है। इन प्लोकार्डों पर मोदी के खिलाफ नारे लिखे गए हैं।