Saturday, April 20, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

पहलवानों के समर्थन में जगह-जगह हो रही पंचायत, गृहमंत्री से वार्ता बेनतीजा

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह के साथ पहलवानों की क्या बात हुई, अब इस रहस्य से पर्दा उठ गया है। अटकलों पर विराम लग गया है। गृहमंत्री अमित शाह के साथ पहलवानों की वार्ता बेनतीजा रही। क्योंकि मोदी सरकार पूरे मामले को जांच के नाम पर उलझाना चाहती है। पहलवानों के प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी और मजबूत चार्जशीट दाखिल करने की मांग की थी। लेकिन गृह मंत्री ने “निष्पक्ष जांच में पूरा सहयोग करें” और “कानून को अपना काम करने दें” का राग अलापते रहे।

शनिवार रात गृहमंत्री के सरकारी आवास पर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के साथ कई कोच वार्ता के लिए गए थे। जिसके बाद हर कोई ये जानना चाहता था कि केंद्र सरकार का पहलवानों की मांग पर क्या राय है? बजरंग पूनिया ने वार्ता पर टिप्पणी करने से इंकार करके मामले को और रहस्यमय बना दिया था। लेकिन सोमवार आते-आते बंद कमरे में हुई बातचीत का खुलासा हो गया।

रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने गृहमंत्री के साथ बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि वे भी इस बैठक में मौजूद थे। सत्यव्रत कादियान ने बताया, हमने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी। लेकिन हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए। सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।

नई संसद के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर 27 मई को विरोध करने वाले पहलवानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच भी एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। लेकिन वह वार्ता भी बेनतीजा थी। दूसरे दिन यानि 28 मई को पहलवानों ने अपने समर्थकों के साथ, नई संसद तक मार्च करने की अपनी योजना के साथ आगे बढ़े। उन्हें रास्ते में रोक लिया गया, दिल्ली पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनके खिलाफ दंगा भड़काने सहित कई धाराओं के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की थी। और उसी दिन धरना स्थल से पहलवानों के टेंट आदि सामानों को पुलिस उठा ले गई।

पहलवानों ने दिल्ली पुलिस के व्यवहार से खिन्न हो हरिद्वार जाकर अपने पदक को गंगा में विसर्जित करने का फैसला किया था। लेकिन ऐन वक्त पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने पहुंचकर खिलाड़ियों को मना लिया।

हरिद्वार में पहलवानों ने गंगा में अपने मेडल को विसर्जित करने से तो मान गए, लेकिन आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया। पहलवान और किसान संगठन अब आर-पार की लड़ाई लड़ना चाहते हैं। भारतीय किसान यूनियन की पहल पर यूपी के मुजफ्फरनगर में सोरम चौपाल पर खाप पंचायतों की बैठक में सरकार को चेतावनी दी गई। तब से पहलवानों के समर्थन में लगातार हो रही महापंचायतों ने सियासी पारा गरमा दिया है।

हरियाणा में विपक्ष ने सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर हमला तेज कर दिया है, उन पर पहलवानों के मुद्दे को केंद्र सरकार के उच्चतम स्तर पर “प्रभावी ढंग से” नहीं उठाने का आरोप लगाया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस संवेदनशील मुद्दे पर “चुप्पी” बनाए रखने के लिए प्रदेश भाजपा नेताओं पर हमला बोला है।

पहलवानों के बढ़ते समर्थन और सत्ताधारी गठबंधन पर बढ़ते दबाव के बावजूद, मनोहर लाल खट्टर सरकार, अपने कुछ नेताओं को छोड़कर, काफी हद तक इस रुख पर अड़ी हुई है कि कानून अपना काम करेगा।

अब आंदोलन नए क्षेत्रों में फैलने की तैयारी में है। भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि पहलवानों को न्याय नहीं मिला तो वहीं वह दिल्ली की सीमाओं का घेराव करेंगे। जिसका आज यानी सोमवार को आखिरी दिन है।

पिछले चार दिनों में, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सोरम, शामली के लिसाढ़ और हरियाणा के कुरुक्षेत्र के जाट धर्मशाला और सोनीपत के मुंडलाना गांव में चार महापंचायतें हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। क्षेत्र के प्रमुख किसान और खाप नेताओं ने इन महापंचायतों को संबोधित करते हुए पहलवानों को अपना समर्थन दिया है। हर पंचायत में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग हो रही है।

रविवार को सोनीपत के मुंडलाना गांव में हुई महापंचायत में दलित नेता और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी ने पहलवानों का समर्थन किया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने उनसे राजस्थान का दौरा करने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि वहां के लोग उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

3 जून को गठवाल (मलिक) खाप ने लिसाढ जनपद शामली में खिलाड़ियों के मुद्दे पर खाप प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में खाप पंचायत व सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया था। खाप के मुखिया की ओर से कहा गया था कि खिलाड़ियों को बलपूर्वक जंतर-मंतर आंदोलन स्थल से हटाया दिया गया है। खिलाड़ियों के विषय में भारत सरकार कोई हस्तक्षेप भी नहीं कर रही है।

रविवार को सोनीपत के मुंडलाना गांव के स्टेडियम में महापंचायत हुई। इस दौरान मंच से पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि जब हम जनता के बीच में आते हैं, नई ऊर्जा मिलती है। जनता का सहयोग ही हमारी ताकत है। आज हमारी बेटियां टूटी हुई हैं। 28 मई की घटना पर पुनिया ने कहा कि आप लोगों ने आने की कोशिश की लेकिन आप नहीं आ पाए पुलिस ने आपको रोका। अलग-अलग होकर जीत नहीं पाएंगे। सभी संगठनों से अपील है कि एक हो जाएं। हम एक महापंचायत रखेंगे, उसमें बड़ा फैसला करेंगे। तीन-चार दिन में पहलवानों की पंचायत का स्थान व समय आपको बता दिया जाएगा।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि “आज हम यहां पर आर-पार का फैसला करने आए थे, लेकिन हम खिलाड़ियों के आदेशों का पालन करेंगे।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृज भूषण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी। बृज भूषण सिंह पर पेशेवर सहायता के बदले “यौन अनुग्रह” मांगने के कम से कम दो उदाहरण हैं; यौन उत्पीड़न की करीब 15 घटनाएं जिनमें गलत तरीके से छूने जिसमें स्तनों पर हाथ चलाना, नाभि को छूना शामिल है; पीछा करने समेत डराने-धमकाने के कई मामले शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक ओलंपियन, एक राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता, एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी और एक राज्य स्तर के कोच ने कम से कम तीन महिला पहलवानों के आरोपों की पुष्टि की है, और चार राज्यों के 125 संभावित गवाहों के बयान दिल्ली पुलिस ने रिकॉर्ड किया है।

(प्रदीप सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles