मणिपुर यात्रा: इंफाल से 20 किमी आगे ही राहुल गांधी के काफिले को पुलिस ने रोका

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने बिष्णुपुर के पास रोक लिया। वह आज सुबह मणिपुर के दो दिवसीय यात्रा के लिए इंफाल पहुंचे, जहां उनका राहत शिविरों का दौरा करने और राज्य में 56 दिनों से चल रही हिंसा से प्रभावित परिवारों से मिलने का कार्यक्रम है।

राहुल गांधी के इंफाल पहुंचने के कुछ समय बाद, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी के काफिले को राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया था।

वेणुगोपाल ने कहा कि “राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि वे हमें इजाजत देने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल गांधी का हाथ हिलाने के लिए लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोका है?”

कांग्रेस ने ट्वीट किया कि “राहुल गांधी जी मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे। BJP सरकार ने पुलिस लगाकर उन्हें रास्ते में रोक दिया। राहुल जी शांति का संदेश लेकर मणिपुर गए हैं। सत्ता में बैठे लोगों को शांति, प्रेम, भाईचारे से सख्त नफरत है। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए… ये देश गांधी के रास्ते पर चलेगा, ये देश प्यार के रास्ते पर चलेगा।”

एक आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी गुरुवार दोपहर 1:30 बजे एक कार्यक्रम के लिए ग्रीनवुड अकादमी, तुइबोंग और चुराचांदपुर सरकारी कॉलेज का दौरा करने और चुराचांदपुर जिले के सामुदायिक हॉल, कोन्जेंगबाम और मोइरांग कॉलेज जाने वाले थे। लेकिन अब पुलिस ने आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर राहुल गांधी के काफिले को पुलिस द्वारा रोकने की जानकारी साझा किया। “मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। वह राहत शिविरों में पीड़ित लोगों से मिलने और संघर्षग्रस्त राज्य में राहत पहुंचाने के लिए वहां जा रहे हैं। पीएम मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जहमत नहीं उठाई है। उन्होंने राज्य को अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब, उनकी डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें श्री राहुल गांधी की दयालु पहुंच को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ता है। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि ” यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार राहुल गांधी को रिलीफ़ कैंप्स का दौरा करने और इंफाल के बाहर लोगों से बातचीत करने से रोक रही है। उनका दो दिवसीय मणिपुर दौरा भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप है। प्रधानमंत्री अपने लिए मणिपुर को लेकर न कुछ कहना और न ही कुछ करना चुन सकते हैं, लेकिन मणिपुरी समाज के सभी वर्गों को सुनने और उनके दुःख दर्द को समझने के राहुल गांधी के प्रयासों को क्यों बाधित किया जा रहा है?”

सूत्रों के अनुसार राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई अनुमति नहीं मांगी है क्योंकि राज्य में यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने मांग की थी कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए। लेकिन मोदी सरकार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमत नहीं हुई।

गुरुवार को राहुल गांधी के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, “यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी मणिपुर जा रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री  वहां गये लेकिन कुछ नहीं हुआ। पीएम ने अब तक मणिपुर के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है। मणिपुर में स्थिति बिगड़ रही है क्योंकि चीन इसमें शामिल है। ”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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