दंतेवाड़ा पुलिस मानव अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी की हत्या करना चाहती है
2 दिन से सोनी सोरी के घर पर बार-बार नोटिस भेजकर उनसे कहा जा रहा है कि वह घर से बाहर कहीं नहीं जाएंगी।
असल में बीजापुर के सारकेगुड़ा में जहां सीआरपीएफ ने 17 आदिवासियों की हत्या करी थी वहां आदिवासी एक स्मारक बनाना चाहते हैं।
पुलिस नहीं चाहती थी कि सोनी सोरी वहां जाएं।
इसके अलावा भी अलग-अलग कई जगह से आदिवासी सोनी सोरी को अपने आंदोलनों और अपने साथ होने वाले दमन के खिलाफ बुला रहे हैं।
पुलिस सोनी सोरी को रोकना चाहती है।
कल थानेदार ने व्यापारियों और टैक्सी मालिकों को बुलाकर धमकाया और कहा कि वे सोनी सोरी को अपनी गाड़ी किराए पर ना दें।
आज सुबह से ही सोनी सोरी का पुलिस की एक जीप बिना नंबर प्लेट के संदिग्ध हालत में पीछा कर रही है।
सोनी सोरी ने हिम्मत से उस जीप के सामने जाकर पुलिस वालों को चुनौती दी और कहा कि आओ मुझे जान से मार दो मैं तैयार हूं इसके बाद वह पुलिस वाले दुम दबाकर भाग गए।
पड़ोसी जिले बीजापुर में करीब 10 हजार आदिवासी इकट्ठा हैं वे सोनी सोरी को नेतृत्व करने के लिए बुला रहे हैं पुलिस नहीं चाहती कि सोनी आदिवासियों का नेतृत्व करें।
लेकिन सरकार और पुलिस को यह समझना चाहिए कि दमन और धमकी से कभी जीत नहीं मिलती।
सोनी सोनी का आज थोड़ी देर पहले का यह वीडियो देखिए।
(हिमांशु कुमार गांधीवादी कार्यकर्ता हैं और आजकल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा इलाके में रह रहे हैं।)