Thursday, April 18, 2024

प्रयागराज:  निजी अस्पताल ने डेंगू मरीज को प्लाज्मा की जगह चढ़ा दिया मौसम्बी का जूस, मरीज की मौत

रामराज्य में प्लेटलेट्स और ख़ून की कालाबाज़ारी चरम पर है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने से भले ही कुछ भी सकरात्मक परिवर्तन न हुआ है पर कालाबाज़ारी करने वाले ख़ूब फले फूले हैं। प्रयागराज से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां उपचार के नाम पर मरीज की जान से खिलवाड़ किया गया। डेंगू के मरीज को ग्लोबल हॉस्पिटल में तीन दिन पहले प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी फल का जूस चढ़ा दिया गया। जिससे डेंगू मरीज प्रदीप पांडेय की जान चली गई। प्रयागराज प्रशासन ने जनपद प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मोसम्मी का जूस चढ़ा देने के मामले में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आदेश पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए सीएमओ के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है एवं प्लेटलेट्स पैकेट को जाँच हेतु भेजा गया है। वहीं नकली प्लेटलेट्स का कारोबार करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। डीएम संजय कुमार खत्री ने प्लेटलेट्स की जांच के बारे में पूछे जाने पर कहा कि प्लेटलेट्स की जांच भी हो जाएगी। हम इस पूरे मामले की जांच कराएंगे।

परिजनों का कहना है कि प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद ही उनके मरीज की तबीअत खराब होने लगी। आनन-फानन में दूसरे अस्पताल ले गए। वहां उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि तबीअत खराब होने के बाद उन्होंने अपने मरीज को ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहाँ डॉक्टरों ने कहा कि मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाना होगा। परिजनो ने 9000 रुपये खर्च कर प्लेटलेट्स ख़रीदा। परिजनों का आरोप है, इसी प्लेटलेट्स ने उनके परिजन की जान ले ली। 

अधिकारियों ने बताया कि मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ने के बाद उसे शहर के दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बहरहाल, इस घटना के संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। वहीं, निजी अस्पताल के मालिक का दावा है कि प्लेटलेट्स किसी अन्य जगह से लाए गए थे। तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद मरीज को दिक्कत होने लगी थी।

धूमनगंज थाना क्षेत्र के एक अधिकारी के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के निर्देश पर अस्पताल को सील किया गया है। प्लेटलेट्स के नमूने की जांच होने तक अस्पताल सील रहेगा। प्लेटलेट्स के सैंपल की जांच औषधि निरीक्षक से कराई जाएगी।

वहीं धूमनगंज स्थित अस्पताल के मालिक सौरभ मिश्रा का कहना है कि डेंगू से पीड़ित प्रदीप पांडेय उनके अस्पताल में भर्ती हुआ था। मरीज का प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 पर आने के बाद उसके तीमारदारों को प्लेटलेट्स लाने को कहा गया और मरीज के तीमारदार स्वरूप रानी नेहरु चिकित्सालय से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लेकर आए, लेकिन तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज़ को दिक्कत हुई तो चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाना बंद कर दिया। अस्पताल मालिक सौरभ मिश्रा का कहना है कि प्लेटलेट्स की जांच करने की कोई सुविधा उनके अस्पताल में नहीं है। सौरभ मिश्रा ने कहा कि जो प्लेटलेट्स मरीज को नहीं चढ़ाए गए, उनकी जांच कराई जानी चाहिए कि ये प्लेटलेट्स कहां से लाए गए। उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की बोतल पर एसआरएन का स्टिकर लगा हुआ है। 

RSS की बैठक में डेंगू का डंक 

प्रयागराज शहर से दूर गौहनिया में चल रही आरएसएस की बैठक में शामिल होने देश के कई राज्यों से 500 से अधिक कार्यकर्ता आए हुए हैं। इन्हीं में से तीन लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। तीनों लोगों का इलाज एसआरएन में चल रहा है। अन्य दो बुखार से पीड़ित रहे लोगों को राहत मिलने से अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

गांव तक पहुंचा डेंगू 

लोनाखार गांव के 20 वर्षीय वैभव को डेंगू हो गया। स्थानीय डॉक्टर से पांच हजार की दवा की। आराम नहीं मिला तो परिजन चुंगी स्थित सरदार पटेल अस्पताल ले गये जहां एक सप्ताह एडमिट रहकर इलाज कराया। और लगभग चालीस हजार रुपये का भुगतान करके घर लौटे तो वैभव के बड़े भाई गौरव को बुखार होने लगा। उनकी भी डेंगू की जांच करवाया गया है अभी रिपोर्ट नहीं आयी है पर परिवार में सब डरे हुए हैं। 

फाफामऊ से लगे हुए कोड़सर गांव की दलित बस्ती जोकि रेलवे लाइन के क़रीब पडती है। अक्टूबर महीनहां की शुरुआत में बारिश होने से वहां पानी व कीचड़ बहुत दिनों से बना हुआ है। जिसके चलते गांव के कई लोग डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियो के चपेट में हैं। इसी गांव के एक 24 वर्षीय युवक की चार दिन पहले डेंगू से मौत हो गई। उसके परिवार में  बीबी के अलावा एक डेढ़ साल का बच्चा है। शहर से दूर गांवों में बुखार होने पर लोग गांव कस्बों के झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे रह जा रहे हैं। इसका एक कारण ग़रीबी और दूसरा कारण सार्वजनिक प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ताहाल होना है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के रसूलाबाद निवासी छोटे भाई की बेटी छाया व दामाद दुर्गेश मिश्रा को डेंगू संक्रमित होने के बाद राजधानी लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

इलाहाबाद इन दिनों उत्तर प्रदेश के डेंगू राजधानी बनी हुई है जहां डेंगू पीड़ितों की आधिकारिक संख्या पांच सौ के क़रीब है। जबकि असली आंकड़ा इससे ज़्यादा बदतर है। फिलहाल इलाहाबाद में डेंगू से कोहराम मचा हुआ है। शहर से लेकर गांव तक लगातार डेंगू पॉजिटिव के मरीज़ सामने आ रहे हैं। 

जिले में डेंगू की स्थिति पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) नानक सरन ने बुधवार के हेल्थ बुलेटिन में बताया कि बुधवार को डेंगू जांच में 37 पाजिटिव मिले। जिले में अभी तक 575 डेंगू मरीज मिले हैं। 501 मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं। 58 मरीजों का अस्पताल में और 16 रोगियों का घर पर इलाज चल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि संक्रमण के 5 दिन बाद मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ने लगते हैं। मरीज़ लगातार लिक्विड लेते रहें, मरीज डिहाइड्रेटेड न हों। 

बड़ी संख्या में हो रही डेंगू से मौत 

रविवार 16 अक्टूबर को डेंगू बुखार से चार लोगों की मौत हो गई है। फाफामऊ में बीफॉर्मा की छात्रा समेत तीन लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया वहीं सलोरी की रहने वाली 35 वर्षीय सहायक अध्यापिका की लखनऊ से प्रयागराज लाते समय रास्ते में मौत हो गई। इस बीच जिले में रविवार को डेंगू के 34 मरीज मिले। 

ओमगायत्री नगर सलोरी की रहने वाली तनु शुक्ला पत्नी राजीव तिवारी होलागढ़ के प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर प्रथम में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थीं। उन्हें 29 सितंबर को बुखार आया तो शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने डेंगू का इलाज शुरू किया। इसके बाद तनु का इलाज घर में चल रहा था। घर में उनकी तबीअत फिर से बिगड़ने लगी तो परिजन फिर से निजी अस्पताल भागे लेकिन डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। गंभीर हालत में उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया। पति राजीव के मुताबिक डेंगू के इलाज इस बीच तनु को किडनी और फेफड़े की बीमारी सामने आने लगी। 13 अक्तूबर मेदांता के चिकित्सकों ने जवाब दे दिया। जिसके बाद शनिवार को परिजन तनु को लेकर घर वापस आ रहे थे। रास्ते में कुंडा के पास तनु ने दम तोड़ दिया।

15 अक्टूबर शनिवार को फाफामऊ के मातादीन का पूरा गांव की 21 वर्षीय बीफार्मा की छात्रा मंदाकिनी पटेल पुत्री रमेश कुमार की मौत हो गई। मंदाकिनी का इलाज निजी चिकित्सालय में चल रहा था। पिता के मुताबिक मंदाकिनी को डेंगू था। फाफामऊ की ही दलित बस्ती की उर्मिला (35) पत्नी दासे और शुकरू (55) की शनिवार की देर शाम मौत हो गई। दोनों को डेंगू बुखार था।

14 अक्टूबर शुक्रवार की रात से शनिवार के बीच 24 घंटे में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि एक ही दिन में 35 नये डेंगू मरीज मिले। बिहार से आकर अल्लापुर में रहकर बाटी-चोखा की दुकान चलाने वाले सोनू को कुछ दिन पहले बुखार आया। तबीअत ज्यादा खराब होने पर परिजन तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय ले गए। यहां बेड फुल होने के कारण शुक्रवार की देर रात सोनू को लेकर वाराणसी जा रहे थे। रास्ते में मौत हो गई। मोहल्ले में आधे दर्जन से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित हैं। अलग-अलग अस्पतालों में इलाज़ चल रहा है।

वहीं झूंसी के मलावा खुर्द की रहने वाली 35 वर्षीय ललिता पत्नी अजय यादव की डेंगू बुखार से शनिवार को सुबह मौत हो गई। उनका क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार को डॉक्टरों ने उन्हें ठीक बताकर डिस्चार्ज कर दिया था। मलावा खुर्द निवासिनी 35 वर्षीया ललिता देवी पत्नी अजय यादव डेंगू बुखार से पीड़ित थीं। उनका क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार को डॉक्टरों ने उसे ठीक बताकर डिस्चार्ज कर दिया। शनिवार सुबह उनकी मौत हो गई। 

13 अक्टूबर को डेंगू बुखार से दो लोगों की असमय मौत हो गई। अशोकनगर निवासी कॉल्विन अस्पताल की नर्स रंजना के 20 वर्षीय बेटे करन की तबीअत कुछ दिन पहले खराब हुई। उसे इलाज के लिए कॉल्विन अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच रिपोर्ट आनी थी कि बुधवार की देर शाम करन की तबीअत गंभीर होने लगी। करन को लेकर परिजन दूसरे निजी अस्पताल जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उसकी सांस रुक गई।

गुरुवार को आई करन की जांट रिपोर्ट में डेंगू पॉजिटिव पाया गया। वहीं फल सब्जी व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा के छोटे भाई 57 वर्षीय के बृजमोहन कुशवाहा की स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के आइसीयू में मौत हो गई। वह डेंगू पीड़ित थे। परिजनों के मुताबिक बुखार की शिकायत आने के बाद बृजमोहन को कुछ दिन पहले शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत गंभीर होने के बाद उन्हें पीजीआई के लिए रेफर किया गया। परिजनों ने बृजमोहन को एसआरएन अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां आईसीयू में इलाज के दौरान गुरुवार की सुबह उनकी मौत हो गई। बृजमोहन मुंडेरा में एक मशहूर मिष्ठान की दुकान के मालिक थे।

12 अक्टूबर बुधवार को गोविंदपुर की चिल्ला बस्ती में डेंगू व वायरल बुखार से पीड़ित लगभग 14 वर्षीय छात्र तथा एक महिला ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा राजापुर और नैनी क्षेत्र में भी दो लोगों की डेंगू व बुखार से मौत हो गई। इससे पहले 11 अक्टूबर मंगलवार को राजापुर में शबनम नाम की युवती समेत दो लोगों की मौत हो गई। शबनम के पिता रईस अहमद के मुताबिक बुखार आने के बाद दो दिन पहले बेटी को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया था जिसकी मंगलवार को मौत हो गई। अशोक नगर में स्वामी विवेकानंद स्कूल के पास रहने वाले युवक करन की मंगलवार को मौत हो गई। उसे दो दिन पहले ही बुखार हुआ था। 

6 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी की महानगर कार्यसमिति की सदस्य अनीता राज मुंडेरा के आदर्श नगर इलाके में रहती हैं। उनकी छोटी बेटी स्वाति पिछले कई दिनों से डेंगू से पीड़ित थी। स्वाति को लखनऊ के नारायण स्वरूप अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन स्वाति की हालत बिगड़ती ही जा रही थी। इस पर अस्पताल के डॉक्टरों ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में रेफर कर दिया। बृहस्पतिवार को परिजन स्वाती को लेकर गुरुग्राम के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।

2 अक्टूबर को भरवारी के किदवई नगर मोहल्ले में फिरोज का परिवार रहता है। फिरोज की 2 बेटिया खुशी (16) और जन्नत (19) को रविवार को बुखार की शिकायत हुई। पीड़ित परिवार ने बच्चियों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान मंगलवार को खुशी की मौत हो गई। जबकि जन्नत का इलाज चल रहा है। डॉक्टर के मुताबिक खुशी डेंगू से ग्रसित थी।

इस समय सरकारी व निजी अस्पतालों में एक हजार से ज्यादा डेंगू व वायरल बुखार के मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें  कई मरीजों की हालत गंभीर है। स्थिति लगातार भयावह होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की ओर से उचित प्रबंध नहीं किया जा रहा है। डेंगू वार्डों में कई मरीजों को मच्छरदानी भी नहीं उपलब्ध कराई जा सकी है।

जिले के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों की भरमार 

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के ओपीडी में सुबह से ही बुखार पीड़ितों की लाइन लग जाती है। यही हाल बेली और कॉल्विन अस्पताल की है। स्वरूप रानी अस्पताल में डेंगू वार्ड के लिए आरक्षित 90 बेड है़। वहीं बेली अस्पताल में 100 बेड फुल हो जाने से मरीजों को अब स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल भेजा जा रहा है। कॉल्विन अस्पताल में डेंगू वार्ड के लिए आरक्षित 50 बेड में अधिकांश फुल हो चुके हैं। मोती लाल नेहरू (कोल्विन) मंडल अस्पताल, डफरिन अस्पताल और एसआरएन अस्पताल में बुखार पीड़ितों का भरमार है। तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली) में डेंगू के छह वार्ड हैं। इसमें पचासों मरीज भर्ती हैं। 

नगर निगम की लापरवाही बनी जानलेवा 

महीने की शुरुआत में जबर्दस्त बारिश होने के चलते गोविंदपुर, रसूलाबाद, सलोरी, फाफमऊ, तेलिययरग, झूंसी आदि क्षेत्रों में जलभराव होने और बाढ़ का पानी उतरने के बाद कीचड़ और मलबे के निपटारे में नगर निगम की चूक जानलेवा साबित हो रही है। 

 नगर निगम से लेकर जिला पंचायत और स्वास्थ्य महकमा बस्तियों में मच्छरों को पैदा होने से रोकने और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में ख़ासा फिसड्डी साबित हो रहा है। शिवकुटी के लोगों का आरोप है कि नगर निगम वाले दिखाने भर के लिये मुख्य सड़कों पर छिड़काव करके जाते हैं अंदर गलियों तक छिड़काव करने नहीं आते। ज़्यादातर काम कागजों पर चल रहे हैं और हकीक़त में कुछ एक ही नज़र आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि हर घर में लोग बुखार से पीड़ित हैं लेकिन न तो एंटी लार्वा का छिड़काव हो रहा है न ही प्रशासन की ओर से फागिंग की जा रही है। राजापुर के लोगों का कहना है कि खेत वाली मजार के पास कूड़ा डंपिंग का नगर निगम तत्काल हटवा दे वरना डेंगू से हालात बिगड़ सकते हैं।

मच्छर जनित बीमारियों से बचाव व रोकथाम के इंतजामों पर सरकारी अमले पर हाईकोर्ट नाराज़गी जाहिर कर चुका है। हाईकोर्ट ने सरकार व अफसरों को तेजी लाने के निर्देश दे चुका है। हाईकोर्ट के दख़ल के बाद पांच दिन पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सर्किट हाउस में मीटिंग करने के बाद स्वरूप रानी अस्पताल व बेली हॉस्पिटल के डेंगू वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे थे जहां उन्होंने मातहतों को ज़रूरी हिदायत दी।

दो दिन पहले मण्डलायुक्त ने डेंगू कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण करते हुए साफ-सफाई शिकायत रजिस्टर का अवलोकन किया।उन्होंने शहर के बड़े अस्पतालों/पैथेलाॅजी सेन्टरो का कांटेक्ट नम्बर सूचीबाध्य करते हुए प्रतिदिन टेस्ट कराने वाले/भर्ती होने वाले मरीजों की अद्यतन जानकारी रखने के भी निर्देश दिए।मंडलायुक्त ने रजिस्टर में प्रतिदिन के प्लेटलेट्स के स्टाॅक तथा आवश्यकता के सापेक्ष प्लेटलेट्स की उपलब्धता का ब्योरा अनिवार्य रूप से मेंटेन रखने के निर्देश दिए थे।

चार दिन पहले शुक्रवार 14 अक्टूबर को डीएम संजय खत्री ने डेंगू रोग के प्रति लोगों को आगाह करते हुए हेल्पलाइन जारी किया। मरीज हेल्पलाइन 0532-2641577, 0532-2641578 पर फ़ोन कर डेंगू से सम्बंधित मदद मांग सकते हैं। डेंगू के बढ़ रहे मामलों पर स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कल से फीवर हेल्प डेस्क की सेवा शुरू की गई है, हर जगह पर होगी फोगिंग के निर्देश दिए गए हैं। सभी सरकारी अस्पतालों पर शुरू होगी सेवा। बुखार पीड़ितो को ज़रूरी सलाह,दवाएं देंगे डॉक्टर, इस दौरान मरीज़ों की जांच की जाएगी। 

(सुशील मानव जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)

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