Friday, April 19, 2024

निजी बैंक ने गाढ़ी कमाई लूट ली: भाजपा सांसद, वित्त मंत्री ने कहा- निजीकरण से टिकाऊपन बढ़ेगा

एक ओर जहां आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकारी बैंको को निजी हाथों में सौंपने जा रही है वहीं दूसरी ओर 23मार्च को भोजपुरी एक्टर और गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में अपनी लाचारी का रोना-रोते हुए, भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, ‘महाराष्ट्र में एक बैंक घोटाला हुआ पंजाब-महाराष्ट्र बैंक जिसमें मेरे पैसे भी थे। मेरी मेहनत की, शुरुआती फिल्म इंडस्ट्री की सारी जमा पूंजी उसमें थी। 9 लाख परिवारों के पैसे वहां डूब गए। 18 महीने हो गए, हमें हमारे पैसे नहीं मिलेंगे। ये राज्य सरकार के जिम्मे आता है, मैं जानता हूं, लेकिन मैं कहां गुहार लगाऊं?’

रवि किशन ने लोकसभा में PMC बैंक के घोटाले का मुद्दा उठाते निजी और कारपोरेट बैंकों की विद्रूपता को उजागर किया। मोदी सरकार ने जहां एक ओर निजी बैंकों का भारत के आर्थिक विकास के लिए ज़रूरी बताकर सरकारी बैंकों के निजीकरण पर तुली हुई है वहीं कल सरकार के ही एक सांसद रवि किशन ने निजी बैंक का रोना रोते हुए बताया कि पंजाब-महाराष्ट्र सहकारी बैंक में हुए घोटाले में उनकी गाढ़ी कमाई डूब गई। सदन में बोलते हुए रवि ने कहा कि इस घोटाले में उनके भी पैसे डूब गए हैं। रवि किशन ने बताया कि पंजाब-महाराष्ट्र सहकारी बैंक में उनका अकाउंट है जिसमें उन्होंने अपनी फिल्मों से हुई कमाई को जमा किया था लेकिन पीएमसी घोटाले में उनका पैसा डूब गया।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि सरकार दो सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करेगी। जबकि सरकार IDBI बैंक का पहले ही निजीकरण कर चुकी है।

16 मार्च मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग के लिए एक अलग बैंक बनाने पर मुहर लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट में एक नए नेशनल बैंक बनाने का फैसला लिया गया है, जो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को फंड करने के लिए काम करेगा। इसे बैंक को ‘विकास वित्त संस्थान’ (डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूट) नाम दिया गया है। इसके संदर्भ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बैंकों के निजीकरण के बारे में सवाल किया गया। तो जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘बैंकों के निजीकरण के बाद भी सरकार अपनी जवाबदेही से हटेगी नहीं। हम उन्हें बेच नहीं रहे। सभी बैंकों का निजीकरण नहीं होने वाला। हम इन बैंकों को टिकाऊ बनाना चाहते हैं। निजीकृत बैंकों के कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये बैंक चलते रहें। जिन लोगों ने दशकों से स्किल हासिल किया है,  बैंक चलाया है। उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा, उसकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उनके स्केल, सैलरी, पेंशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसलिए यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि ये बैंक बंद हो जाएंगे और कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा।

बता दें कि मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण का देशभर के लाखों बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ 15 एवं 16 मार्च को उनके दो दिवसीय हड़ताल का आयोजन भी हुआ था।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।