26 जनवरी को लाल किला हिंसा मामले में एक लाख का इनामी आरोपी दीप सिद्धू को चंडीगढ़ और अंबाला के बीच ज़ीरकपुर इलाके से आज सुबह चार बजे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि वारदात के बाद से ही दीप सिद्धू लगातार लोकेशन बदल रहा था। गिरफ्तारी के वक़्त वो गाड़ी का इंतज़ार कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वो पूर्णिया बिहार भागने के फ़िराक़ में था।
दीप सिद्धू किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले के प्राचीर में झंडा फहराने और हिंसा का मुख्य आरोपी है। घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार चल रहा था। हालांकि फरार होने के बावजूद सिद्धू फेसबुक के जरिए लगातार वीडियो मैसेज जारी कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि वह अपनी एक करीबी महिला मित्र, जोकि यूएसए के कैलिफोर्निया में है, उसके जरिए सोशल मीडिया पर वीडियो डाल रहा था।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सिद्धू अपना वीडियो बनाकर वॉट्सऐप के जरिए अपनी महिला मित्र को भेजता था और वह महिला मित्र कैलिफोर्निया से ही दीप सिद्धू के फेसबुक अकाउंट से उन वीडियो को अपलोड करती थी।
वहीं गाज़ीपुर बॉर्डर से किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा है, “दीप सिद्धू को वहां तक पहुंचाने में किन लोगों ने उसकी मदद की, इसकी जांच होनी चाहिए और उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हमें इसमें एक षड़यंत्र लगता है। दीप सिद्धू को वहां पहुंचाने में सरकार के भी कुछ लोग शामिल थे इसकी जांच होनी चाहिए।”
वहीं किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल सिंह ने कहा, “दीप सिद्धू की गिरफ्तारी हुई है। हम इतना कहना चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस 26 जनवरी हिंसा मामले में कुछ लोगों पर नरम थी। कुछ लोगों को लाल किले जाने दिया गया। दीप सिद्धू उनमें से एक था। दिल्ली पुलिस को उसके साथ जो करना है वो करे।”
बता दें कि पिछले हफ्ते पुलिस ने दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह के बारे में सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी, जबकि दिल्ली पुलिस ने जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह के बारे में सूचना देने वालों के लिए 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। पुलिस ने सुखदेव सिंह को दो दिन पहले चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था।
उसकी गिरफ्तारी के बाद, गणतंत्र दिवस की हिंसा में गिरफ्तारी की कुल संख्या अब 127 तक पहुंच गई है। इससे पहले दिल्ली हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने हरप्रीत सिंह (32), हरजीत सिंह (48) और धर्मेद्र सिंह (55) के रूप में पहचाने गए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस अब हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगा रही है।
वहीं अपराध शाखा की चाणक्यपुरी में स्थित इंटरस्टेट सेल (आईएससी) में तैनात इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने रविवार 7 फरवरी को सुखदेव सिंह को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था, जबकि लाल किले हिंसा मामले की जांच कोतवाली में स्थित इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम कर रही है। सुखदेव सिंह को इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम को रविवार को ही सौंप दिया गया था।
गिरफ्तारी के बाद सुखदेव सिंह ने खुलासा किया है कि हिंसा वाले दिन उसने लाल किले पर भीड़ को लीड किया था। उसने ही भीड़ को तोड़फोड़ करने और झंडा फहराने के लिए उकसाया था। उसने जुगराज को झंडा फहराने को कहा था।
अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार तरनतारन निवासी जुगराज इलाके के गुरुद्वारे में सेवादार है। पूरे इलाके में पांच गुरुद्वारे हैं। ये पांचों गुरुद्वारों में सेवादार है। वह पोल पर चढ़कर गुरुद्वारे में झंडा लगाने आदि का काम करता है। इस कारण उसे पोल पर चढ़ने का अभ्यास है। शुरुआती जांच के बाद बताया जा रहा है कि जुगराज सिंह के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। दिल्ली पुलिस ने जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है।